India-UK FTA: ब्रिटिश कंपनियों को इन चीजों पर कोई छूट नहीं देगा भारत, देखें लिस्ट

fta, free trade agreement, india uk fta, diamond, silver, smartphone, optical fibre, cable
Photo:PIXABAY गाड़ियों पर कोटा से बाहर टैरिफ को धीरे-धीरे कम किया जाएगा

भारत फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) के तहत हीरा, चांदी, स्मार्टफोन और ऑप्टिकल फाइबर जैसे कई संवेदनशील इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट्स पर ब्रिटेन की कंपनियों को टैरिफ में कोई रियायत नहीं देगा। एक अधिकारी ने ये जानकारी दी। उन्होंने ये भी कहा कि ब्रिटेन से पेट्रोल और डीजल इंजन गाड़ियों के इंपोर्ट पर शुल्क रियायत पूर्व-निर्धारित कोटा तक सीमित है। इसी तरह, सीमा शुल्क की रियायती दर पर ब्रिटिश इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के आयात का कोटा सिर्फ कुछ हजार तक सीमित है।

भारत के पास ऑटोमोटिव वैल्यू चेन में ग्लोबल लीडर के रूप में उभरने की क्षमता

प्लास्टिक, हीरा, चांदी, बेस स्टेशन, स्मार्टफोन, टेलीविजन कैमरा ट्यूब, ऑप्टिकल फाइबर, ऑप्टिकल फाइबर बंडल और केबल जैसे संवेदनशील औद्योगिक सामान को एफटीए की लिस्ट से बाहर रखा गया है। भारत, ब्रिटेन को इन वस्तुओं पर कोई इंपोर्ट टैरिफ लाभ नहीं देता है। ऑटोमोबाइल सेक्टर को खोलने के बारे में अधिकारी ने कहा कि ग्लोबल लेवल पर चौथे सबसे बड़े ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरर के रूप में भारत के पास ऑटोमोटिव वैल्यू चेन में ग्लोबल लीडर के रूप में उभरने की रणनीतिक क्षमता है।

ऑटोमोबाइल मार्केट में भारत की हिस्सेदारी कम

भारत के मजबूत मैन्यूफैक्चरिंग बेस के बावजूद, ग्लोबल ऑटोमोबाइल मार्केट में इसकी हिस्सेदारी कम बनी हुई है, जो विस्तार की व्यापक संभावनाओं को दर्शाता है। आईसीई (आंतरिक दहन इंजन) यानी परंपरागत ईंधन वाली गाड़ियों के लिए ब्रिटेन के बाजार तक पहुंच से देश के ऑटोमोबाइल और ऑटोमोबाइल कंपोनेंट्स के एक्सपोर्ट को बढ़ावा मिलने की संभावना है। अधिकारी ने कहा, ‘‘ईवी के लिए कोटा से बाहर टैरिफ में कोई कमी नहीं की गई है। ईवी से जुड़ी संवेदनशीलता का ध्यान रखा गया है।

गाड़ियों पर कोटा से बाहर टैरिफ को धीरे-धीरे कम किया जाएगा

आईसीई गाड़ियों पर कोटा से बाहर टैरिफ को लंबे समय में धीरे-धीरे कम किया जाएगा, जिससे हमारे उद्योगों को ब्रिटेन से बढ़ने वाले इंपोर्ट का मुकाबला करने के लिए वक्त मिल सके।’’ भारत और ब्रिटेन ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए, जो 99 प्रतिशत भारतीय एक्सपोर्ट पर टैरिफ कम करेगा और ब्रिटिश कंपनियों के लिए भारत को व्हिस्की, कार और अन्य प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट करना आसान बना देगा। इस एग्रीमेंट का मकसद 2030 तक दोतरफा व्यापार को मौजूदा के 60 अरब अमेरिकी डॉलर से दोगुना करना है।

पीटीआई इनपुट्स के साथ

Latest Business News

India TV Hindi