इन कारणों से बच्चों को हो सकती है दिल की बीमारी, समय रहते हो जाएं सतर्क


Heart Disease in Children: जब भी हम दिल की बीमारी के बारे में सोचते हैं, तो दिमाग में सबसे पहले बड़े या बुजुर्ग लोगों की छवि आती है. लेकिन अब यह बीमारी बच्चों को भी अपनी चपेट में ले रही है? मासूम से चेहरे और खिलखिलाते बचपन के पीछे कई बार दिल की गंभीर समस्याएं छुपी होती हैं, जिनका हमें अंदाजा भी नहीं होता. बच्चों की दिल की बीमारी को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है, क्योंकि लोग मानते हैं कि, इतनी छोटी उम्र में दिल से जुड़ी दिक्कतें होना असंभव है। लेकिन हकीकत कुछ और है.
बच्चों में दिल की बीमारी के कारण क्या-क्या हो सकते हैं?
कई बार बच्चे के दिल में जन्म से ही कुछ विकृतियां होती हैं. यह दिल की बनावट से जुड़ी समस्याएं होती हैं, जैसे दिल में छेद होना, ऐसे मामलों में बच्चे को सांस लेने में दिक्कत, थकावट और वजन न बढ़ने जैसी समस्याएं होती हैं.
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अगर परिवार में दिल की बीमारी का इतिहास है, तो बच्चे में भी यह समस्या विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे बच्चों की समय-समय पर जांच कराना बहुत जरूरी होता है.
आजकल जंक फूड और ज्यादा बैठकर रहने की आदतों ने बच्चों को भी मोटापा की ओर धकेल दिया है. मोटापा दिल पर अधिक दबाव डालता है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जो आगे चलकर दिल की बीमारी का कारण बनती हैं.
कुछ वायरस दिल के मांसपेशियों पर असर डाल सकते हैं, जिससे मायोकार्डाइटिस जैसी स्थिति उत्पन्न होती है. यह स्थिति भी बच्चों के दिल को प्रभावित कर सकती है.
अगर बच्चे का वातावरण ऐसा है जहां धूम्रपान ज्यादा होता है, तो इससे भी दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. छोटे बच्चों के फेफड़े और दिल इस धुएं के प्रभाव को झेल नहीं पाते.
डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां अगर मां को गर्भावस्था के दौरान होती हैं, तो इसका असर बच्चे के दिल पर भी पड़ सकता है.
कैसे रखें बच्चों के दिल का ख्याल?
- समय-समय पर बच्चे की हेल्थ चेकअप करवाएं.
- बच्चे को संतुलित आहार दें और एक्सरसाइज के लिए प्रेरित करें.
- अगर कोई लक्षण दिखे जैसे सांस फूलना, बार-बार थक जाना, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
- धूम्रपान और प्रदूषित वातावरण से बच्चे पूरी तरह से दूर रखें.
बच्चों का दिल बहुत नाजुक होता है और उनकी सेहत हमारे हाथों में होती है. अगर हम समय रहते सावधानी बरतें और कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें तो बच्चों को दिल की बीमारी से बचाया जा सकता है.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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