इजरायली तड़के वाला तेजस A1 IAF में शामिल होने को तैयार, इसी महीने होगी डिलीवरी

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तेजस ए1 फाइटर जेट में इजरायली तकनीक लगेगी, जिससे भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ेगी. ऑपरेशन सिंदूर के बाद इसकी प्रासंगिकता बढ़ी है. 83 जेट्स ‘मेक इन इंडिया’ के तहत बनेंगे. यह तेजस आने वाले वक्‍त में मिग और जगुआर जै…और पढ़ें

इजरायली तड़के वाला तेजस A1 IAF में शामिल होने को तैयार, इसी महीने होगी डिलीवरी

तेजस स्‍वदेशी फाइटर जेट है. (File Photo)

हाइलाइट्स

  • तेजस ए1 में इजरायली तकनीक के साथ तैयार हुआ है.
  • 83 तेजस ‘मेक इन इंडिया’ के तहत भारत में एडवांस किए जाएंगे.
  • तेजस ए1 आने वाले वक्‍त में मिग-21 और जगुआर की जगह लेंगे.

नई दिल्‍ली. स्‍वदेशी तेजस फाइटर जेट जल्‍द ही इजरायल तकनीक के तड़के के साथ भारतीय वायुसेना में शामिल होने वाले हैं. इस महीने के अंत तक एयर फोर्स को इसकी डिलवरी मिलनी शुरू हो जाएगी. भारतीय वायुसेना जल्द ही स्वदेशी तेजस फाइटर जेट के एडवांस वर्जन यानी तेजस ए1 वेरिएंट को अपने बेड़े में शामिल करने जा रही है. यह जेट्स इजरायल की अत्याधुनिक तकनीक से लैस होगा, जो इसे पश्चिमी मानकों के करीब लाएगा. फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार इसकी डिलीवरी में निर्धारित समय से एक साल से अधिक देरी से हो रही है, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद इसकी प्रासंगिकता और बढ़ गई है. ये देरी सप्‍लाई चेन की तरफ से डिले के कारण हुई थी. आने वाले वक्‍त में यह भारतीय वायुसेना में मिग और जेगुआर जैसे फाइटर जैट्स की जगह लेंगे.

दुश्‍मन के रडार को कर देगें जाम

तेजस ए1 में इजरायल की एल्टा सिस्टम्स द्वारा विकसित एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (एईएसए) रडार लगाया जाएगा, जो पहले के रडार मॉडल को प्रतिस्थापित करेगा. यह रडार जेट की टोही और लक्ष्य ट्रैकिंग क्षमता को बढ़ाएगा. इसके अलावा, एल्टा एक उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम भी प्रदान करेगा, जो दुश्मन के रडार और संचार को जाम करने में सक्षम होगा. पायलटों को इजरायल की एल्बिट सिस्टम्स का हेलमेट-माउंटेड डिस्प्ले मिलेगा, जो युद्ध के दौरान बेहतर स्थिति प्रदान करेगा. जेट को राफेल की रडार-गाइडेड डर्बी मिसाइलों से लैस किया जाएगा, जो हवा से हवा में मार करने की क्षमता को बढ़ाएगी.

मेक इन इंडिया के तहत 83 तेजस होंगे ए1 तकनीक से लेस

ऑपरेशन सिंदूर 7 मई 2025 को शुरू हुआ जिसमें राफेल, मिराज 2000 और सुखोई-30 एमकेआई जेट्स ने पाकिस्तान में एक्‍शन लिया. तेजस ए1 की नई तकनीकें इस तरह के ऑपरेशनों में भारत की हवाई श्रेष्ठता को और मजबूत करेंगी. 83 तेजस ए1 जेट्स के लिए प्रत्येक में लाखों डॉलर की इजरायली प्रणालियां भारत में स्थानीय कंपनियों के साथ मिलकर निर्मित की जाएंगी, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ नीति के अनुरूप है.

मिग-21 और जगुआर की जगह लेंगे तेजस

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) तेजस के अगले संस्करण पर काम कर रहा है, जिसमें कैनार्ड विंग्स, बढ़ी हुई रेंज और उन्नत सिस्टम होंगे. इजरायली, फ्रांसीसी और अमेरिकी कंपनियां इसके लिए तकनीक आपूर्ति की होड़ में हैं. तेजस ए1 का यह अपग्रेडेशन भारतीय वायुसेना की पुरानी मिग-21 और जगुआर फ्लीट को बदलने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. हालांकि, वायुसेना के पास वर्तमान में केवल 31 फाइटर स्क्वाड्रन हैं, जो नियोजित 42 से कम है. देरी का कारण जनरल इलेक्ट्रिक से इंजन डिलीवरी में देरी और पहले इजरायली घटकों की कमी रही है.

बढ़ेगी भारत की हवाई क्षमता

रिपोर्ट के अनुसार, तेजस ए1 में इजरायली सिस्टम्स की मात्रा कई इजरायली वायुसेना के जेट्स से भी अधिक होगी, जो अमेरिकी रडार का उपयोग करते हैं. यह भारत की आत्मनिर्भरता और वैश्विक रक्षा प्रौद्योगिकी के साथ तालमेल को दर्शाता है. तेजस का यह उन्नत संस्करण न केवल भारत की हवाई युद्ध क्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों, खासकर पाकिस्तान और चीन से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

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Sandeep Gupta

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और…और पढ़ें

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और… और पढ़ें

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