हिंद के ये 7 सितारे, जो पाकिस्तान की बजाएंगे बैंड, मोदी की टीम इंडिया से मिलिए

भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से मिली भरपूर चोट के बावजूद पाकिस्तान अपनी शेखी बघार रहा है. भारत की सैन्य शक्ति के आगे बेबस साबित हुआ पाकिस्तान सीजफायर को अपनी जीत की तरह पेश कर रहा है. हालांकि अब पूरी दुनिया में उसकी पोल खोलने के लिए भारत सरकार ने 7 डेलिगेशन की टीम बनाई है. हर टीम को एक सांसद लीड करेगा, जो प्रमुख साझेदार देशों में जाकर पाकिस्तान की बैंड बजाएंगे.

शनिवार को पीएम मोदी की इस इंडियन टीम के सितारों के नाम सामने आए. इनमें भाजपा के रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा के साथ ही कांग्रेस के शशि थरूर भी शामिल हैं. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने एक्स पोस्ट के जरिये डेलिगेशन में शामिल लोगों के नाम बताए, जिसमें थरूर के नाम ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा.

तो आइए मिलते हैं हिंद के इन सात सितारों से, जो पाकिस्तान के झूठ का पर्दा फाश करेंगे…

शशि थरूर- कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से चार बार के सांसद हैं. वह एक जाने-माने लेखक और राजनयिक भी हैं. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में लंबे समय तक सेवा की है और उनकी अंतरराष्ट्रीय पहचान है. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान, थरूर ने पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थन को लेकर तीखी आलोचना की और भारत सरकार की रणनीति का समर्थन किया. उनकी बयानबाजी ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को घेरने में मदद की.

रविशंकर प्रसाद- बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पटना साहिब से सांसद रविशंकर एक अनुभवी वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं. उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. प्रसाद ने सोशल मीडिया और संसद में पाकिस्तान के खिलाफ मजबूत बयान दिए, जो भारत की रणनीति को समर्थन देने में मददगार साबित हुए.

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संजय कुमार झा – जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी सहयोगी माने जाते हैं. उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान बिहार में पाकिस्तान विरोधी रैलियों का नेतृत्व किया. उन्होंने पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों को लेकर तीखी आलोचना की और भारत की एकता को मजबूत करने में योगदान दिया. उनकी भूमिका बिहार जैसे राज्यों में जनता को एकजुट करने में महत्वपूर्ण रही.

बैजयंत पांडा- बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और ओडिशा से सांसद पांडा ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान ओडिशा में तिरंगा यात्राओं का नेतृत्व किया. उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ मजबूत बयान दिए और भारत की रणनीति का समर्थन किया. पांडा की अंतरराष्ट्रीय पहचान और उनकी राजनैतिक समझ ने इस अभियान को और मजबूत किया.

कनिमोझी करुणानिधि – सामाजिक न्याय और मानवाधिकारों की मुखर आवाज कनिमोझी डीएमके की वरिष्ठ नेता और तमिलनाडु से सांसद हैं. उन्होंने आतंकवाद और पाकिस्तान की दोहरी नीति पर कड़ा रुख लिया है. दक्षिण भारत से आने वाली यह आवाज दिखाती है कि राष्ट्र सुरक्षा जैसे मुद्दों पर राजनीतिक सीमाएं मिट जाती हैं.

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सुप्रिया सुले- एनसीपी की वरिष्ठ नेता और बारामती से सांसद हैं. शरद पवार की बेटी और संसदीय मामलों में अनुभवी सुप्रिया सुले ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर भारत की स्थिति को स्पष्ट रूप से उजागर किया है. सुले की राजनैतिक समझ और जनता से सीधे जुड़ने की काबिलियत उसे इस टीम का बड़ा चेहरा बनाती है.

श्रीकांत शिंदे- शिव सेना के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंद के बेटे हैं. पेशे से डॉक्टर रहे श्रीकांत शिंदे ने सेना के पराक्रम की सराहना करते हुए कहा कि भारत अब जवाब देने से नहीं डरता. शिंदे की भूमिका महाराष्ट्र जैसे राज्यों में जनता को एकजुट करने में महत्वपूर्ण रही.

‘ऑपरेशन सिंदूर’ की मार पाकिस्तान अभी भूला भी नहीं होगा कि अब उसे कूटनीतिक मोर्चे पर भी दुनियाभर में बनेकाब करने की तैयारी शुरू कर दी गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह टीम इंडिया पाकिस्तान की रणनीति को बेनकाब करने और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

Credits To Live Hindustan

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