हाई-कमीशन में बैठे शहबाज के जासूस को अल्टीमेटम, 24 घंटे में दिल्ली से निकलो!
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Pakistan News Today: पंजाब में पकड़े गए दो युवकों के जासूसी से जुड़े मामले में दिल्ली में पाकिस्तानी हाई-कमीशन के इस कर्मचारी का नाम सामने आया था. उसे बिना देरी किए 24 घंटे के अंदर वापस अपने देश लौटने का आदेश…और पढ़ें

भारत ने पाकिस्तान पर सख्त रुख अख्तियार किया हुआ है. (News18)
हाइलाइट्स
- भारत ने पाकिस्तानी कर्मचारी को 24 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दिया.
- पंजाब में जासूसी के आरोप में दो युवकों की गिरफ्तारी के बाद यह कदम उठाया गया.
- पाकिस्तान ने भी भारतीय कर्मचारी को पर्सोना नॉन ग्राटा घोषित किया.
Pakistan News Today: भारत सरकार ने नई दिल्ली में पाकिस्तानी हाई-कमीशन के एक कर्मचारी को “पर्सोना नॉन ग्राटा” घोषित किया. ऐसा इसलिए क्योंकि वो अपनी आधिकारिक स्थिति के विपरीत जासूसी से जुड़ी गतिविधियों में लिप्त था. विदेश मंत्रालय के अनुसार यह कर्मचारी पंजाब में भारतीय सेना की जासूसी से जुड़ी एक्टिविटी को अंजाम दे रहा था. लिहाजा उसे 24 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है. इस मामले में पाकिस्तानी हाई-कमीशन के चार्ज डी’अफेयर्स साद अहमद वर्रैच को डिमार्श जारी कर चेतावनी दी गई कि कोई भी पाकिस्तानी राजनयिक अपनी विशेषाधिकारों का दुरुपयोग न करे. यह कदम पंजाब में दो लोगों की गिरफ्तारी के बाद उठाया गया. ये युवक कथित तौर पर सैन्य जानकारी लीक करने में शामिल थे. जवाब में पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में भारतीय हाई-कमीशन के एक कर्मचारी को पर्सोना नॉन ग्राटा घोषित किया है. यह घटना पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाती है.
पंजाब में अबतक 6 जासूस अरेस्ट
पंजाब में ऑपरेशन सिंदूर से पहले और बाद में पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है. अमृतसर के पलक शेर मसीह और सूरज मसीह को अरेस्ट किया गया, जिन्हें 4 मई को सेना के कैंट और एयरबेस की जानकारी लीक करने के लिए पकड़ा गया. 11 मई को मलेरकोटला से गुजाला और यामीन मोहम्मद को गिरफ्तार किया गया, जो दिल्ली में पाकिस्तानी हाई-कमीशन के कर्मचारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से जुड़े थे. 15 मई को गुरदासपुर से सुखप्रीत सिंह और करनबीर सिंह को ऑपरेशन सिंदूर की गोपनीय जानकारी लीक करने के आरोप में पकड़ा गया. सभी पर ISI के साथ मिलकर सैन्य जानकारी साझा करने का आरोप है.
पुलिस पूछताछ में सामने आया दानिश का नाम
विदेश मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी में पाकिस्तान हाई-कमीशन के कमचारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश का नाम नहीं लिखा गया है. माना जा रहा है कि ऐसा सुरक्षा प्रोटोकॉल के कारण किया गया है लेकिन माना जा रहा है कि इस अधिकारी को ही 24 घंटे के अंदर भारत छोड़ने का फरमान सुनाया गया है. पुलिस पूछताछ के दौरान अरेस्ट हुए लोगों ने यह जानकारी दी थी कि वो दानिश के लिए ही काम करते हैं.
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पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और…और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और… और पढ़ें
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