‘गुंडागर्दी करने वालों को सबक सिखाना हमारा धर्म’, पहलगाम पर भागवत का बड़ा बयान

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Mohan Bhagwat on Pahalgam Attack: आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान पर बयान दिया. उन्होंने कहा कि अहिंसा हमारा स्वभाव है, लेकिन गुंडागर्दी करने वालों को सबक सिखाना जरूरी है.

'गुंडागर्दी करने वालों को सबक सिखाना हमारा धर्म', पहलगाम पर भागवत का बड़ा बयान

मोहन भागवत ने पाकिस्‍तान हमले पर रिएक्‍शन दिया. (File Photo)

हाइलाइट्स

  • आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने पहलगाम हमले पर रिएक्‍शन दिया
  • मोहन भागवत ने पाकिस्‍तान का जिक्र करते हुए रावण से तुलना की
  • भगवत बोले- जो लोग गुंडागर्दी करते हैं उन्‍हें सबक सिखाना जरूरी

Mohan Bhagwat on Pahalgam Attack: आरएसएस चीफ मोहन भागवन ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्‍तान को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्‍होंने कहा कि हमारे शास्त्रों की बात हमारे समाज में सही ढंग से सामने आनी चाहिए. अहिंसा ही हमारा स्वभाव है लेकिन हमारी अहिंसा लोगों को बदलने के लिए है. ज्यादातर लोग बदल जाएंगे लेकिन कुछ लोग नहीं बदलेंगे. उनके लिए क्या करना चाहिए. जैसे मैंने रावण का उल्लेख किया. रावण के पास सब था लेकिन उसने जिस शरीर और बुद्धि का विकास किया उससे अच्छाई आ नहीं सकती थी इसलिए उसको मारकर भी अच्छा किया. गुंडागर्दी करने वालों को सबक सिखाने की भी जरूरत है. जिसका कोई इलाज नहीं, उसको जहां भेजना चाहिए भेज देते हैं.

हम पड़ोसियो को कोई कष्ट नहीं पहुंचाते लेकिन…
आरएसएस चीफ ने कहा कि हम कभी अपने पड़ोसियों का अपमान या हानि नहीं करते लेकिन कोई ऐसे उतर आते हैं तो राजा क्या करे. राजा का कर्तव्य है प्रजा की रक्षा करना तो राजा करेगा. अहिंसा में हमारा मूल स्वभाव है, लेकिन कुछ लोग बिगड़े हुए है. मैने मुंबई में रावण का जिक्र किया. वो इसलिए कि रावण में सबकुछ था लेकिन उसका मन अहिंसा के खिलाफ था. जिससे भगवान ने उसका वध किया. ऐसे ही गुंडागर्दी से मार न खाना भी हमारा धर्म है, उनको सबक सिखाना हमारा धर्म है. हम कभी अपने पड़ोसियो को कोई कष्ट नहीं पहुंचाते लेकिन वो अपने धर्म का पालन नहीं करे तो राजा का धर्म है कि अपनी प्रजा की रक्षा करना, वो करेगा.

विश्व को नया रास्ता देने का कर्तव्य भारत का…
मोहन भागवत ने कहा कि ये हिंदू मेनिफेस्टो कम्युनिस्ट मेनिफेस्टो जैसा नहीं है. कम्युनिस्ट मेनिफेस्टो के बाद क्या हुआ था सबको पता है. विश्व को आज नया रास्ता चाहिए. दुनियाभर के चिंतक इसको समझ रहे है और व्यक्त भी करते हैं. पिछले 2 हजार साल से जो प्रयोग हुए वो पूरी तरह सफल नहीं हुए. सुख बढ़ा है तो दुख भी बढ़ा है. नई दवाई बनी तो नई बीमारी भी आ गई. विश्व की मनुष्यता के लिए नया रास्ता देने का कर्तव्य भारत का है.

हमने किसी पर कब्जा नहीं किया…
मोहन भागवत ने कहा कि सामान्य आदमी शास्त्रों को अपने हिसाब से बदल लेता है और ये सिर्फ हमारे यहां नहीं पूरी दुनिया में है. मिस्र से साइबेरिया तक हमारा प्रभाव था. मतलब हमने किसी पर कब्जा नहीं किया ये हमारी गलती थी, ऐसा कुछ लोगों को लग सकता है, लेकिन जब तक ऐसा था हम मजबूत थे. अभी सभी साधु संतों ने उडुपी में ये डिक्लेयर कर दिया है, हमारे यहां अब छुआ छूत नाम का कुछ नहीं है.

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