गुमनाम कॉल से खुली SBI अफसर की करतूत, बंद बैंक अकाउंट चालू कर भेजी रकम

कानपुर में भारतीय स्टेट बैंक में निष्क्रिय खाते को सक्रिय करके 10 लाख रुपये की निकासी में कई सफेदपोशों की गर्दन फंस रही है। ठगी के इस खेल के मास्टर माइंड एसबीआई अफसर की करतूत महज चार मिनट की गुमनाम कॉल ने खोल दी।

कानपुर में भारतीय स्टेट बैंक में निष्क्रिय खाते को सक्रिय करके 10 लाख रुपये की निकासी में कई सफेदपोशों की गर्दन फंस रही है। ठगी के इस खेल के मास्टर माइंड एसबीआई अफसर की करतूत महज चार मिनट की गुमनाम कॉल ने खोल दी। यह कॉल एसबीआई के डीजीएम के मोबाइल फोन पर चार दिन पहले आई थी। छानबीन शुरू हुई तो ठगी की परतें एक-एक करके सामने खुलती रहीं। आनन-फानन में लाखों की ठगी से हो रही फजीहत से बचने के लिए बैंक प्रबंधन ने संबंधित अफसर के खिलाफ जांच बैठा दी है। सप्ताहभर में जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई तय होगी। आरोप सही साबित होने पर अफसर की बर्खास्तगी की संस्तुति भी होगी।

जानकारी के अनुसार, सिविल लाइंस निवासी शिरोमणि यादव का माल रोड स्थित एसबीआई की मुख्य शाखा में खाता है। उनके खाते में 14 लाख 66 हजार 168 रुपये जमा थे। हालांकि खाता लंबे समय से निष्क्रिय पड़ा है। बताया गया कि इस खाते में जमा लाखों रुपये के बारे में एक डिप्टी मैनेजर को जानकारी हो गई। शातिराना अंदाज में उसने डेढ़ माह पहले केवाईसी लगाकर खाते को सक्रिय कर दिया। फर्जी हस्ताक्षर करके चेक बुक भी बैंक से जारी करा ली। इसके बाद दो और चार अप्रैल को दो बार में दस लाख रुपये निकालकर विश्व बैंक बर्रा की शाखा में जमा कर दिए गए।

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तीसरी बार में शक होने पर फंसे, नौ दिन बाद वापस भेजी रकम

बैंक सूत्रों के अनुसार, नौ अप्रैल को चेक लगाकर खाते से चार लाख 60 हजार रुपये निकालने का प्रयास हुआ। बार-बार एक ही खाते में रुपये जमा करने पर शक हुआ तो संबंधित बैंक कर्मचारी ने अटैच मोबाइल नंबर पर कॉल किया। नंबर बंद मिला तो भुगतान रोक दिया गया। ठगी का खेल सामने आने के बाद मुख्यालय में बैठे अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई। इसके बाद हड़कंप मचा तो आनन-फानन में 11 अप्रैल को निकाली गई रकम को दोबारा शिरोमणि यादव के खाते में जमा कराया गया। इसके बाद लगातार ठगी में शामिल अफसर को बचाने का भरसक प्रयास किया जा रहा है।

इन सवालों का चाहिए जवाब

– पांच लाख जमा करने वाले का कोई पहचान पत्र लिया या नहीं

– भुगतान लेने वाले व्यक्ति के हस्ताक्षर चेक के पीछे लिए या नहीं

– निष्क्रिय खाते को सक्रिय करते समय केवाईसी की सत्यता

एसबीआई के डीजीएम, राजीव रावत ने बताया कि चार-पांच -पांच दिन पहले मोबाइल पर अज्ञात नंबर से एक कॉल आई थी। कॉल करने वाले बैंक अधिकारी पर निष्क्रिय खाते को सक्रिय करके रकम निकालने की शिकायत की। लगभग चार मिनट की इस कॉल के आधार पर जांच हो रही है। सप्ताहभर में रिपोर्ट मिल जाएगी, फिर कार्रवाई करेंगे। संबंधित अफसर की बर्खास्तगी भी संभव है।