गुजरात में इस जिले में तेंदुए ज्यादा होने का क्या है कारण? रिसर्च हुई शुरू की

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Leopard Population Navsari: नवसारी जिले के वांसदा तालुका में सबसे ज्यादा तेंदुए हैं. नवसारी कृषि विश्वविद्यालय के वाइल्डलाइफ साइंस विभाग ने तेंदुओं की स्थिति पर रिसर्च शुरू की है. तेंदुओं की संख्या बढ़ने से लोग…और पढ़ें

गुजरात में इस जिले में तेंदुए ज्यादा होने का क्या है कारण? रिसर्च हुई शुरू की

नवसारी में तेंदुओं की बढ़ती संख्या पर कृषि विश्वविद्यालय की रिसर्च.

हाइलाइट्स

  • नवसारी में तेंदुओं की संख्या बढ़ी है.
  • कृषि विश्वविद्यालय ने तेंदुओं पर रिसर्च शुरू की.
  • तेंदुओं की बढ़ती संख्या से लोग चिंतित हैं.

नवसारी: अक्सर जंगल से जानवर मानव बस्तियों की ओर आ जाते हैं. ऐसे में शेर या तेंदुए जैसे मांसाहारी जानवर मानव बस्तियों में आकर कई बार लोगों पर हमला कर देते हैं. नवसारी के पूर्वी पट्टी क्षेत्र में चिखली और वांसदा जंगल क्षेत्र से भरे हुए हैं. इस क्षेत्र में समय-समय पर हिंसक जानवर ग्रामीण इलाकों या सार्वजनिक सड़कों पर घूमते रहते हैं. पिछले कुछ समय से खासकर वांसदा क्षेत्र में तेंदुए के हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं, जिनमें कुछ किसानों और महिलाओं पर हमले हुए हैं, जिनमें कुछ की मौत भी हो गई है. इससे स्थानीय लोग चिंतित हैं.

मिली जानकारी के अनुसार नवसारी जिले के वांसदा तालुका में सबसे ज्यादा तेंदुए हैं. पूरे गुजरात में सबसे ज्यादा तेंदुए नवसारी जिले में हैं. आखिर तेंदुए नवसारी जिले में रहना क्यों पसंद करते हैं? नवसारी कृषि विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ फॉरेस्ट्री के वाइल्डलाइफ साइंस विभाग के एचओडी असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. आदिल काजी बताते हैं कि पूरे गुजरात में नवसारी जिले के वांसदा तालुका में सबसे ज्यादा तेंदुए हैं.

कृषि विश्वविद्यालय ने शुरू किया खास प्रोजेक्ट
दक्षिण गुजरात में पिछले आठ-दस सालों में तेंदुओं की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है. गुजरात में 63% तेंदुए हैं, जिनमें से दक्षिण गुजरात में 200% से भी कम हैं. दक्षिण गुजरात में सबसे ज्यादा तेंदुए नवसारी में हैं. फॉरेस्ट विभाग के डेटा के अनुसार पिछले छह-सात सालों में नवसारी में सबसे ज्यादा तेंदुए हैं. नवसारी में इतनी बड़ी संख्या में तेंदुओं की वृद्धि का मुख्य कारण क्या है? डॉ. आदिल काजी बताते हैं कि कृषि विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ फॉरेस्ट्री द्वारा “कंजरवेशन ऑफ लार्ज कार्निवल इन गुजरात” नामक प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है, जिसमें तेंदुओं की स्थिति, आवास, भोजन-पानी आदि की जांच की जा रही है.

नवसारी जिले में पूरी इको सिस्टम विकसित की गई है, जिसमें खेत, खाली जगह, ठंडा क्षेत्र, पानी, चीकू, गन्ना और आम के बाग हैं. यहां गन्ने के खेत भी ज्यादा हैं, जिससे तेंदुए यहां छिप सकते हैं. साथ ही यहां भेड़ और कुत्ते भी ज्यादा संख्या में मिलते हैं, जिससे तेंदुओं को भोजन भी मिल जाता है. डांग जैसे क्षेत्रों में जंगल होने के बावजूद तेंदुओं की संख्या वहां ज्यादा नहीं है, लेकिन नवसारी में जंगल कम होने के बावजूद तेंदुओं की संख्या ज्यादा है क्योंकि उन्हें यहां आसानी से भोजन, पानी और आश्रय मिल जाता है. नवसारी में तेंदुओं की संख्या बढ़ने से लोग चिंतित हैं, इसलिए इंसानों और तेंदुओं के बीच संघर्ष को कैसे दूर किया जा सकता है, इस पर हमारे सभी प्रकार के रिसर्च चल रहे हैं.

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