घुसपैठियों से हमारे अस्‍त‍ित्‍व पर खतरा, इन्‍हें ताकत से रोकना होगा, धनखड़ का सरकार को मैसेज

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अवैध घुसपैठियों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया और सख्त कदम उठाने की बात कही. उन्होंने भारत को शक्तिशाली सैन्य शक्ति बनने पर जोर दिया.

घुसपैठियों से हमारे अस्‍त‍ित्‍व पर खतरा, इन्‍हें ताकत से रोकना होगा, धनखड़ का सरकार को मैसेज

जगदीप धनखड़.

हाइलाइट्स

  • अवैध घुसपैठियों से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा: धनखड़
  • भारत को शक्तिशाली सैन्य शक्ति बनना होगा: धनखड़
  • शांति को ताकत, इकोनॉमी और सद्भाव से हासिल करें: धनखड़

उपराष्‍ट्रपत‍ि जगदीप धनखड़ ने अवैध घुसपैठियों पर बड़ा बयान द‍िया है. उन्‍होंने कहा, घुसपैठ‍ियों से हमारे अस्‍त‍ित्‍व को खतरा है. हमारी सुरक्षा को खतरा है. इन्‍हें ताकत से रोकना होगा. यह सिर्फ कानून व्‍यवस्‍था का मामला नहीं है, यह राष्‍ट्रीय एकता के ल‍िए खतरा है. हमें इस चुनौती का मुकाबला करने के ल‍िए सख्‍त और निर्णायक कदम उठाने होंगे.

द‍िल्‍ली में एक कार्यक्रम में धनखड़ ने कहा, जब हमारी सीमा की पवित्रता अवैध प्रवासी अनियंत्रित तरीके से भंग करते हैं, तो यह केवल कानून-व्यवस्था का सवाल नहीं रह जाता, बल्कि यह हमारे अस्तित्व और राष्ट्रीय एकता का सवाल बन जाता है. यह डर और अराजकता में बदल जाता है. हमें शांति को निष्क्रियता समझने की गलती नहीं करनी चाहिए. स्थायी शांति कभी उपहार स्वरूप नहीं मिलती, इसे अर्जित किया जाता है और इसकी रक्षा की जाती है. एक राष्ट्र निर्णायक नीतियों, आर्थिक मजबूती और लचीलापन के माध्यम से अपनी सीमाओं को सुरक्षित करता है. तब वह राष्ट्र शांति का किला बन जाता है.

शक्तिशाली सैन्य शक्ति के रूप में उभरना होगा
धनखड़ ने कहा, हमें एक शक्तिशाली सैन्य शक्ति के रूप में उभरना होगा. हाल के खतरों को हमने ताकत से हराया है, लेकिन हमें सतर्क रहना होगा. धर्म के नाम पर जबरन या प्रलोभन देकर हाथों में हथ‍ियार थमाना चिंता की बात है. जब धर्म को पैसा या लालच देकर बदलने पर मजबूर क‍िया जाता है, तो यह राष्‍ट्रीय सुरक्षा के ल‍िए खतरा बन जाता है. भले ही चुनावी एजेंडे से ऐसा क‍िया जाए, लेकिन यह गलत है.

युद्ध के लिए सदैव तैयार रहें
उपराष्‍ट्रपत‍ि ने कहा, लोकतंत्र को दयालु होना चाहिए लेकिन लोकतंत्र को उदासीन नहीं होना चाहिए. शांति अत्यंत जरूरी है, लेकिन लोकतंत्र के अस्तित्व के लिए हमें लड़ना पड़ा तो लड़ना चाह‍िए. क्‍योंक‍ि लोकतंत्र तभी फल-फूल सकता है जब शांति हो. इस शांत‍ि को सिर्फ ताकत, इकोनॉमी और सद्भाव के माध्‍यम से ही हास‍िल क‍िया जा सकता है. इत‍िहास इसका प्रमाण है. आक्रमणों को तभी रोका जा सका, जब हम युद्ध के लिए सदैव तैयार रहे. भारत ने विश्व को संदेश दे दिया है. अब हम आतंकवाद सहन नहीं करेंगे. हम उसे समाप्त करेंगे और उसके स्रोत को नष्ट करेंगे.

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Gyanendra Mishra

Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for ‘Hindustan Times Group…और पढ़ें

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