फरियादियों को चाय-बिस्कुट के लिए पूछेगी पुलिस, 3 शब्द बोले तो चली जाएगी नौकरी!

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Ghaziabad Police News: गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड ने फरियादियों से शिष्टाचार बरतने का आदेश दिया है. अब पुलिस ‘आप’ कहकर बुलाएगी और थानों में चाय-बिस्कुट की सुविधा होगी.

फरियादियों को चाय-बिस्कुट के लिए पूछेगी पुलिस, 3 शब्द बोले तो चली जाएगी नौकरी!

यूपी पुलिस की सख्त छवि को बदलने की कवायद.

हाइलाइट्स

  • गाजियाबाद पुलिस अब फरियादियों को ‘आप’ कहकर संबोधित करेगी.
  • थानों में चाय-बिस्कुट और अन्य सुविधाएं अनिवार्य की गईं.
  • पुलिसकर्मियों के असंवेदनशील व्यवहार पर सख्त कार्रवाई होगी.

गाजियाबाद. यूपी की ‘ठोक देने वाली पुलिस’ अब नए दौर में प्रवेश करने जा रही है. योगी राज में बीते कुछ सालों में यूपी पुलिस ने जिस हेकड़ी से गुंडे-मवाली और हिस्ट्रीशीटर का काम तमाम किया. अब उस छवि के विपरीत थानों में फरियादियों को चाय और बिस्कुट के लिए पूछेगी ही, साथ में जी और आप कहकर भी बुलाएगी. अगर योगी राज में पुलिसवाले किसी फरियादी को तू-तड़ाक, अबे या फिर गाली-गलौज किया तो उस पुलिसवालों पर कार्रवाई भी हो सकती है. बीते कुछ सालों से यूपी में एनकाउंटर होने के खौफ से परेशान गुंडे-मवाली या हिस्ट्रीशीटर खुद थाने पहुंचकर जान की भीख मांगते थे. यूपी पुलिस उसका वीडियो जारी कर यह मैसेज देती थी कि अगर कुछ गलत किए तो ‘ठोक दिए जाओगे’ लेकिन योगी की पुलिस अब लोगों के साथ शिष्टाचार भी निभाएगी. गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड ने एक आदेश जारी किया है, जिसकी हर तरफ तारीफ हो रही है.

पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड ने पुलिसकर्मियों को निर्देश दिया है कि वे फरियादियों से ‘तुम’ या ‘तू’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल न करें. बल्कि ‘आप’ का प्रयोग करें और नाम के साथ ‘जी’ जरूर जोड़ें. इसके साथ ही थानों में कुर्सी, पानी और बच्चों के लिए टॉफी जैसी सुविधाएं भी अनिवार्य की गई हैं. यह कदम यूपी पुलिस की छवि को संवेदनशील और जनता से जोड़े रखने के रूप में देखा जा रहा है.

पुलिस की छवि बदलने की कवायद
पिछले कुछ वर्षों में यूपी पुलिस पर असंवेदनशील व्यवहार और अभद्रता के कई आरोप लगे हैं. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियोज में पुलिसकर्मियों को फरियादियों के साथ गाली-गलौज करते या धमकाते देखा गया. उदाहरण के लिए हाल ही में प्रतापगढ़ में एक थानाध्यक्ष द्वारा वृद्ध व्यक्ति को गाली देकर भगाने या अलीगढ़ में एक दरोगा द्वारा महिला फरियादी को धमकाने की घटनाएं चर्चा में रहीं. ऐसे मामलों ने न केवल पुलिस की विश्वसनीयता को ठेस पहुंचाई, बल्कि योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पर भी सवाल उठाए. ऐसे में गाजियाबाद के नए पुलिस कमिश्नर गौड का यह फैसला आम लोगों के मन में पुलिस के प्रति विश्वास को और जगाएगा.

गाजियाबाद से इस पहल की शुरुआत
योगी सरकार ने 2017 से अपराध और माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है. आंकड़ों के अनुसार, 2017 से 2024 तक 217 अपराधी एनकाउंटर में मारे गए और 7799 को घायल कर गिरफ्तार किया गया. इस दौरान 17 पुलिसकर्मियों ने भी जान गंवाई. हालांकि, विपक्ष ने इन एनकाउंटरों को फर्जी बताकर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया. इन विवादों के बीच पुलिस का आम जनता के प्रति व्यवहार सुधारना सरकार के लिए चुनौती साबित हो सकता है.

नई गाइडलाइंस का मतलब
गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर की नई गाइडलाइंस का मकसद पुलिस को जनता के प्रति जवाबदेह और संवेदनशील बनाना है. सुप्रीम कोर्ट ने भी हाल ही में यूपी पुलिस की कार्यशैली पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वह ‘पावर एंजॉय’ कर रही है और उसे संवेदनशील होने की जरूरत है. गौड का आदेश इसी दिशा में एक कदम है. यह न केवल पुलिसकर्मियों के व्यवहार को नियंत्रित करेगा, बल्कि थानों में फरियादियों के अनुभव को बेहतर बनाएगा.

गाजियाबाद में पुलिस थानों या पुलिस चौकियों में आपके साथ अभद्र व्यवहार हो तो आप पुलिस आयुक्त और अतिरिक्त आयुक्त सहित कई अधिकारियों के नंबरों पर कॉल कर जानकारी दे सकते हैं. उनके नंबर ये रहें. पुलिस आयुक्त- 9643322900, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, मुख्यालय- 9643323700 अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, अपराध एवं कानून व्यवस्था- 9643320500, डीसीपी मुख्यालय- 9643321010, डीसीपी सिटी- 9643322901, डीसीपी ट्रांस हिंडन- 9643322903, डीसीपी ग्रामीण- 9643322902, एडीसीपी यातायात- 9643322897

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