ईरान-इजरायल तनाव का असर, मोहर्रम से पहले जियारत पर जाने वालों की संख्या घटी

इजरायल-ईरान जंग शुरू हो जाने के बाद कई देशों में जियारत के लिए जाने वाले जायरीन ठिठक गए हैं। 27 जून से मोहर्रम महीने की शुरुआत होगी। इस दौरान विशेष कर शिया मुस्लिम ईरान-इराक जियारत के लिए जाते हैं।

इजरायल-ईरान जंग शुरू हो जाने के बाद ईरान-इराक समेत देशों में जियारत के लिए जाने वाले जायरीन ठिठक गए हैं। 27 जून से मोहर्रम माह की शुरुआत होगी। इस दौरान विशेष कर शिया मुस्लिम ईरान-इराक जियारत के लिए जाते हैं।

बड़ी तादाद में लोग जब प्राइवेट टूर ऑपरेटर्स के माध्यम से हज पर जाते हैं, तो इसके साथ में ईरान इराक समेत अन्य देशों की जियारत का पैकेज भी शामिल करा लेते हैं। इस साल सर्वाधिक महंगा पैकेज होने के कारण इनकी संख्या कम रही। माना जा रहा था कि अतिरिक्त उमरा के साथ इन देशों की जियारत करने वालों की तादाद बढ़ेगी। इसकी शुरुआत तो हो गई है लेकिन तेजी नहीं आई है। हुसैनी फेडरेशन के प्रवक्ता डॉ जुल्फिकार अली रिज़वी ने बताया कि ज्यादातर लोग मोहर्रम या चेहल्लुम के दौरान ईरान इराक और सीरिया जियारत के लिए जाते हैं।

पूर्व में दो बार इन देशों की यात्राएं कर चुके डॉक्टर रिजवी ने आगे बताया कि 14 अगस्त के ग्रुप में उन्होंने फिर जाने का इरादा बनाया था, लेकिन फिलहाल फैसला रोकना पड़ा है। 27 जून से मोहर्रम शुरू हो रहे हैं। इससे पहले जाने वाले लोग निराश हैं। कानपुर लखनऊ से ज्यादा लोगों के जाने की तैयारी थी।

राज्य हज कमेटी के सदस्य रहे अवध टूर्स एंड ट्रेवल्स के निदेशक शारिक अल्वी ने बताया कि हज पर गए लोगों की वापसी हो रही है लेकिन अभी उमरा पर जाने वालों की तादाद कम है। मोहर्रम से ठीक पहले इनकी तादाद बढ़ती है लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए लोग ठिठक गए हैं। सऊदी एंबेसी में वीजा लगाना शुरू कर दिया है लेकिन अभी जाने वालों में झिझक है। फिलहाल ईरान इराक जाना नामुमकिन सा हो गया है।

ये भी पढ़ें:उड़ानें रद्द होने से ईरान में फंसे UP के सैकड़ों लोग, कैसे होगी सुरक्षित वापसी?

युद्ध के बीच ईरान में फंसे बुलंदशहर के 10 छात्र, वापसी की गुहार

इजरायल-ईरान युद्ध के बीच बुलंदशहर के जहांगीराबाद क्षेत्र के 10 छात्र ईरान में फंस गए हैं। बमबारी के चलते फ्लाइट रद्द होने से छात्र भारत नहीं लौट पा रहे हैं। परिजन पल-पल फोन पर छात्रों का हाल-चाल जान रहे हैं। साथ ही सरकार से छात्रों की सकुशल वापसी की मांग की है।

जहांगीराबाद के गांव सांखनी निवासी मुजम्मिल हुसैन ने बताया कि उनका भांजा मोहम्मद अनवार जाकरी करीब 2 साल पहले ईरान में पढ़ाई के लिए गया था। मंगलवार को मुजम्मिल हुसैन की मोहम्मद अब्बास जाकरी से फोन पर बात हुई तो उन्होंने बताया कि वह ईरान के तेहरान शहर में रुके हुए थे। सोमवार रात वहां बराबर की बिल्डिंग पर मिसाइल हमला हुआ। जिसमें उनके पांच साथियों की जान चली गई। हमला होने के बाद तेहरान शहर से उन्हें करीब 100 किलोमीटर दूर स्थित कुम शहर में भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि मिसाइल की गति इतनी तेज होती है कि उनकी बिल्डिंग पर गिरने के बाद ही पता चलती है। पास की बिल्डिंग में धमाका होने के बाद अब्बास जाकिर काफी सहमा हुआ है।

शब्बर रजा ने बताया कि उनका छोटा भाई करीब 4 साल पहले मौलवी की डिग्री के लिए ईरान गया था। फिलहाल वह भी कुम शहर में रुका हुआ है। कुंम शहर से भी 13 किलोमीटर की दूरी पर मिसाइल और द्रोन से हमले हो रहे हैं। सोमवार रात वहां विस्फोट में पश्चिम बंगाल के रहने वाले एक पूरे परिवार की जान चली गई। फिलहाल ईरान की सरकार ने वहां फंसे भारतीय छात्रों के खाने-पीने का इंतजाम किया है, लेकिन छात्रों का कहना है कि रात में होने वाले धमाकों से उन्हें नींद नहीं आ रही है। फरजाना बेगम ने बताया कि उनके पति से दिन में उनकी फोन पर बात हुई। वह काफी डरे हुए थे।

ये भी पढ़ें:ईरान-इजराइल संघर्ष से इराक में फंसे यूपी के 27 लोग, क्यों वापसी पर मंडराया खतरा?

रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसे भारतीयों की तरह ईरान से छात्रों को निकालने की गुहार

मुजम्मिल हुसैन का कहना है कि जिस तरह से मोदी सरकार द्वारा रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच दोनों देशों में फंसे भारतीय छात्रों को विशेष अभियान चला कर सकुशल वहां से निकाल कर भारत वापस लाया गया था। इसी तरह ईरान में फंसे छात्रों को भी विशेष अभियान चलाकर वापस लाया जाए उनका कहना है कि उन्हें मोदी सरकार को पूरा यकीन है कि वह भारतीय छात्रों को से कुशल ईरान से देश बुला लेंगे। छात्रों के परिजनों का कहना है कि भारत सरकार को युद्ध रोकने के लिए भी दोनों देशों से बातचीत करने चाहिए।

भारतीय छात्रों की वापसी के लिए मस्जिदों में दुआ

ईरान में फंसे गांव सांखनी के 10 छात्रों की कुशल वापसी के लिए मस्जिदों में भी दुआएं की जा रही है। सांखनी के कुछ छात्र एमबीबीएस कुछ आमिल फाजिल और अन्य डिग्री के लिए ईरान गए हुए हैं। परिजनों का कहना है कि धार्मिक पढ़ाई के लिए ईरान की पढ़ाई को काफी महत्व दिया जाता है इसीलिए छात्र वहां पढ़ाई के लिए गए थे।

ये छात्र ईरान में फंसे…

जहांगीराबाद के गांव सांखनी निवासी मुस्सबिर अब्बास पुत्र रोजे अली, मौलाना अजहर अब्बास पुत्र मोहम्मद तकी, मौलाना मोहम्मद अब्बास जाकिरी पुत्र जाकिर हुसैन, मौलाना मोहम्मद अब्बास नजीर पुत्र मुजफ्फर हुसैन हाजी सहित करीब 10 छात्र ईरान में फंसे हैं।