ED ने कल फिर किया रॉबर्ट वाड्रा को तलब, सुबह 11 बजे हाजिर होने का आदेश
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Robert Vadra ED Summon: रॉबर्ट वाड्रा पर साल 2008 में गुरुग्राम में लैड डील में घोटाले के आरोप लगे थे. तत्कालीन सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर आरोप है कि उन्होंने गांधी परिवार के…और पढ़ें

रॉबर्ट वाड्रा से ईडी पूछताछ कर रही है. (File Photo)
Robert Vadra ED Summon: गांधी परिवार के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ ईडी का एक्शन गुरुवार को लगातार तीसरे दिन भी देखने को मिलेगा. गुरुग्राम के डीएलएफ लैंड डील घोटाले के मामले में ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा को गुरुवार सुबह 11 बजे दिल्ली में स्थित हेड क्वार्टर में बुलाया है. इस मामले में आज भी वाड्रा से पूछताछ हुई. वो पैदल ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ ईडी दफ्तर पहुंचे थे. ईडी हरियाणा में 2008 के एक जमीन सौदे से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही है। आरोप है कि तब की भूपेंद्र हुड्डा के नेतृत्व वाली हरियाणा की कांग्रेस सरकार ने कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा की इस डीएलएफ जमीन घोटाले में मदद की थी।
इस केस को लेकर मंगलवार को भी रॉबर्ट वाड्रा से छह घंटे तक ईडी दफ्तर में पूछताछ की गई थी। जिसके बाद आज फिर उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया। ईडी की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि वाड्रा से गुरुवार को भी पूछताछ होगी। वाड्रा आज मध्य दिल्ली के सुजान सिंह पार्क स्थित अपने घर से 2 किलोमीटर पैदल चलकर एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित ईडी मुख्यालय पहुंचे. रास्ते में पत्रकारों से बात करते हुए रॉबर्ट वाड्रा ने बताया कि मामला करीब 20 साल पुराना है. वाड्रा ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उन्हें राजनीतिक प्रतिशोध के तहत निशाना बनाया जा रहा है.
रॉबर्ट वाड्रा ने क्या कहा?
रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि ‘जब भी मैं लोगों या अल्पसंख्यकों के हित में सरकार की कमियों पर बोलता हूं या यहां तक कि संकेत देता हूं कि मैं राजनीति में प्रवेश करने के बारे में सोच रहा हूं, तो वे केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करना शुरू कर देते हैं. इस मामले में कुछ भी नहीं है. कुछ पता लगाने में 20 साल नहीं लगते. मैं जांच एजेंसियों के कार्यालयों में 15 बार गया हूं. मुझसे एक बार में 10 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई है और 23,000 दस्तावेज जमा किए हैं. फिर वे मुझसे एक हफ्ते में 23,000 दस्तावेज फिर से जमा करने के लिए कहते हैं. यह कैसे चल सकता है?’
क्या है मामला?
स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड नामक एक कंपनी ने 2007 में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज नामक एक फर्म से 7.5 करोड़ रुपये में हरियाणा के गुरुग्राम में 3.5 एकड़ जमीन खरीदी थी. उसके निदेशक वाड्रा थे. उस समय कांग्रेस का शासन था और भूपेंद्र हुड्डा मुख्यमंत्री थे. चार साल बाद एक अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स विकसित करने की अनुमति मिलने के बाद जमीन को रियल एस्टेट की प्रमुख कंपनी डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में बेच दिया गया. आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने इस सौदे को हरी झंडी दिखाई थी. इसके बाद भाजपा ने आरोप लगाया कि इसमें भ्रष्टाचार हुआ है और यह जमीन वाड्रा को देने के लिए किसानों से ली गई थी.
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