E-Bike में आग क्यों लगती? चार्जिग में खराबी या चलाने में…जानिए कैसे बचें

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E-bike fire safety: ई-बाइक की बढ़ती लोकप्रियता के साथ आग लगने की घटनाएं भी बढ़ रही हैं. सही चार्जिंग, वाटरप्रूफ बैटरी और अच्छी गुणवत्ता वाली ई-बाइक चुनकर आग के खतरे से बचा जा सकता है.

E-Bike में आग क्यों लगती? चार्जिग में खराबी या चलाने में...जानिए कैसे बचें

ई-बाइक बैटरी सुरक्षा टिप्स

आजकल ई-बाइक का चलन तेजी से बढ़ रहा है. यह दोपहिया वाहन बैटरी और बिजली से चलता है, जिससे पेट्रोल-डीजल की बचत होती है. साल 2023 में भारत में 1.6 मिलियन ई-बाइक बिकीं और 2024 में यह आंकड़ा 2 मिलियन के पार जाने की उम्मीद है. यानी इसमें 24% की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. ई-बाइक न सिर्फ पैसे बचाती हैं, बल्कि प्रदूषण भी कम करती हैं. हालांकि, कई बार इन बाइकों में अचानक आग लगने की घटनाएं भी सामने आई हैं, जो चिंता बढ़ाती हैं.

ई-बाइक में आग लगने की मुख्य वजहें
रामेश्वरम में ई-बाइक शोरूम चलाने वाले कन्नन बताते हैं कि पांच साल या उससे पुरानी ई-बाइकों में बैटरी और वायरिंग से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती हैं. अगर चार्ज पूरा हो जाने के बाद भी बाइक को चार्जिंग पर छोड़ दिया जाए, तो बैटरी गर्म होकर फट सकती है या आग पकड़ सकती है. इसके अलावा, चार्जिंग के दौरान पानी का संपर्क भी बड़ा खतरा बन सकता है. इसलिए हमेशा चार्जिंग खत्म होते ही प्लग हटा देना चाहिए और बैटरी को सूखी जगह पर चार्ज करना चाहिए.

बैटरी को पानी से बचाना है बेहद जरूरी
ई-बाइक की बैटरी अगर पानी के संपर्क में आ जाए, तो वह पिघल सकती है या आग पकड़ सकती है. खासतौर पर बारिश के मौसम में अगर बाइक भीगी हुई हो और उसे चार्ज कर दिया जाए, तो आग लगने का खतरा बढ़ जाता है. चार्जिंग के समय ध्यान रखें कि बैटरी और चार्जर पूरी तरह सूखे हों और किसी भी हालत में पानी से दूर रहें.

नई टेक्नोलॉजी ने कम किया आग का खतरा
पिछले दो सालों में ई-बाइकों में वाटरप्रूफ बैटरियां इस्तेमाल की जा रही हैं. इन बैटरियों में लिथियम आयरन फॉस्फेट जैसे मजबूत यौगिकों का इस्तेमाल होता है, जो बैटरी को ज्यादा सुरक्षित बनाते हैं. अब बैटरियां और चार्जर दोनों इस तरह डिजाइन किए जाते हैं कि 100% चार्ज होते ही खुद-ब-खुद चार्जिंग बंद हो जाती है. इससे ओवरचार्जिंग से होने वाले हादसों का खतरा काफी हद तक कम हो गया है.

अगर आग लग जाए तो क्या करें?
अगर किसी ई-बाइक में अचानक आग लग जाए, तो उसे पानी डालकर बुझाने की गलती न करें. चूंकि यह इलेक्ट्रिक वाहन है, पानी डालने से आग और भड़क सकती है. ऐसी स्थिति में सबसे पहले बैटरी कनेक्टर का तार हटाना चाहिए ताकि बिजली का प्रवाह रुक जाए और आग अपने आप कम हो जाए. साथ ही, तुरंत दमकल विभाग को सूचना देना भी जरूरी है.

अच्छी क्वालिटी वाली ई-बाइक चुनना है जरूरी
कम दाम वाली बैटरियों में खराब क्वालिटी की सामग्री होती है, जो आग जैसी घटनाओं का कारण बन सकती है. कन्नन कहते हैं कि ई-बाइक खरीदते समय वाटरप्रूफ और ऑटोमेटिक शट-ऑफ सिस्टम वाली बैटरियों वाली बाइकों को प्राथमिकता दें. अच्छी क्वालिटी की बैटरी न सिर्फ बाइक की उम्र बढ़ाती है, बल्कि आपकी सुरक्षा भी सुनिश्चित करती है.

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