धार्मिक ट्रस्टों की तिजोरियां खंगालेगा आयकर विभाग
Kanpur News – आयकर विभाग अब धार्मिक ट्रस्टों की तिजोरियों की जांच कर सकता है। आयकर विधेयक 2025 में नए नियमों के अनुसार, ट्रस्टों को दानदाता की जानकारी जैसे नाम, पैन, और बैंक लेनदेन की जानकारी रखना अनिवार्य होगा।…

अब आयकर विभाग कभी भी धार्मिक ट्रस्टों की तिजोरियां खंगाल सकता है। इसकी व्यवस्था आयकर विधेयक 2025 में कर दी गई है। यह जानकारी गुमनाम दान पर कराधान एवं बौद्धिक संपदा अधिकारों पर केसीएएस सीपीई स्टडी सर्कल की ओर से आयोजित में सेमिनार में शनिवार को वक्ताओं ने दी। बताया कि फॉर्म 10बीडी के जरिए दान के विवरण को और सशक्त किया गया है, जो पारदर्शिता बढ़ाएगा। लखनऊ से आए सीए आशीष कपूर ने आयकर विधेयक 2025 के नए नियमों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि ट्रस्टों को दानदाता का नाम-पता, पैन-आधार, बैंक लेनदेन विवरण और 80जी रसीद की जानकारी हर हाल में रखनी होगी।
ऑटोमेशन सिस्टम, वैध रसीदें और जागरूकता अभियान की भी सलाह दी। दूसरे सत्र में एडवोकेट नवदीप श्रीधर ने बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पेटेंट, ट्रेडमार्क और कॉपीराइट नवाचार को बढ़ावा देते हैं। केंद्र सरकार की कई योजनाएं नवाचार को प्रोत्साहित कर रही हैं। सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए सीए दीप मिश्र ने बताया कि ट्रस्ट एवं इंस्टीटूशन्स को सही सलाह दें, डोनेशन का सही रिकॉर्ड रखना बेहद जरूरी है। फॉर्म 10बी/10बीबी में उचित रिपोर्टिंग करें। आज का चार्टर्ड अकाउंटेंट सिर्फ ऑडिटर या टैक्स रिटर्न फाइलर नहीं है, बल्कि एक स्ट्रेटेजिक एडवाइजर हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपनी भूमिका का निर्धारण करना होगा। कार्यक्रम का संचालन कन्वेनर सीए. प्रशांत रस्तोगी एवं आभार उपसंयोजक नितिन सिंह ने जताया। सुधीर कपूर, राजीव कुमार गुप्ता, अनिल साहू, पंकज पाठक, सुशोभित गुप्ता, अमित द्विवेदी, शरद श्रीवास्तव, अतुल अग्रवाल, समीर जैन, सत्यम मित्तल, पंकज गुप्ता आदि मौजूद रहे।