डेंटल के बहाने हेयर ट्रांसप्लांट करने वालों पर होगी कार्रवाई

Kanpur News – कानपुर। वरिष्ठ संवाददाता हेयर ट्रांसप्लांट करने से दो की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग

Newswrap हिन्दुस्तान, कानपुरSat, 17 May 2025 12:12 PM
share Share
Follow Us on
डेंटल के बहाने हेयर ट्रांसप्लांट करने वालों पर होगी कार्रवाई

कानपुर। वरिष्ठ संवाददाता हेयर ट्रांसप्लांट करने से दो की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग जागा है। डेंटल क्लीनिक के बहाने हेयर ट्रांसप्लांट करने वालों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी है। पूरे जिले में लाखों-करोड़ों के वारे-न्यारे करने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर इनकी पहचान होगी। अभियान के सफल संचालन के लिए अलग-अलग टीमों का गठन होगा। सीएमओ डॉ हरिदत्त नेमी के अनुसार, हेयर ट्रांसप्लांट कराने वालों की मौत के बाद कई जानकारियां मिली हैं। इनका सत्यापन करने के लिए अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है। अभियान के दौरान डेंटल क्लीनिक संचालकों के दस्तावेजों की जांच होगी।हेयर ट्रांसप्लांट के लिए जरूरी प्लास्टिक सर्जरी व एमडी स्किन एंड बीडी की डिग्री बेहद जरूरी है।

यह देखा जाएगा कि इनके पास ये डिग्री हैं या नहीं। अगर धांधली पकड़ी गई तो विभागीय कड़ी कार्रवाई भी करेगा। हेयर ट्रांसप्लांट इलाज का तरीका, इसका रजिस्ट्रेशन नहीं: एसीएमओ डॉ रमित रस्तोगी का कहना है कि हेयर ट्रांसप्लांट करने वालों का कोई विवरण उनके पास नहीं है। इसके पीछे तर्क देते हैं कि यह इलाज का एक तरीका है, इसलिए इसका रजिस्ट्रेशन नहीं होता। रजिस्ट्रेशन डिग्री और योग्यता के आधार पर किया जाता है। हर माह 10 से 12 करोड़ रुपये का कारोबार सूत्रों के अनुसार, हेयर ट्रांसप्लांट करने वालों की शहर में भरमार है। ट्रांसप्लांट करने पर एक से दो लाख रुपये तक का खर्च आता है। इस आधार पर अनुमान है कि हर माह शहर में 10 से 12 करोड़ रुपये का कारोबार हेयर ट्रांसप्लांट के नाम पर हो रहा है। पिछले पांच साल में इनकी संख्या दोगुनी तक बढ़ी है। झोलाछाप कर रहे ट्रांसप्लांट, गलत नस पर लगाया इंजेक्शन 16 साल से हेयर ट्रांसप्लांट कर रहे वरिष्ठ चिकित्सक डॉ विवेक सक्सेना कहते हैं कि झोलाछाप लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। प्लास्टिक सर्जन और एमडी स्किन एंड बीडी की डिग्री वाले ही हेयर ट्रांसप्लांट करने की योग्यता रखते हैं। बाकी कोई भी हेयर ट्रांसप्लांट करने वाला झोलाछाप है। उन्होंने कहा कि ट्रांसप्लांट कराने से पहले दो डिग्री के बारे में सबसे पहले पूछें, दूसरा यह जरूर जानें कि ट्रांसप्लांट डॉक्टर या उनके यहां के टेक्नीशियन करेंगे। सीधी बात यह है कि उपकरणों के बारे में जरूर जान लें। उन्होंने मौतों के बारे में कहा कि गलत नस पर इंजेक्शन और संक्रमण मुख्य कारण है। हेयर ट्रांसप्लांट की जानिए प्रक्रिया सबसे पहले व्यक्ति का ब्लड टेस्ट की जांच होती है। पता लगाया जाता है कि कहीं उसको कोई एलर्जी तो नहीं है। स्किन टेस्ट की रिपोर्ट सामान्य मिलने पर शुगर, बीपी आदि की जांच होती है। एलर्जी का टेस्ट दोबारा किया जाता है। फिर डोनर एरिया यानी गर्दन की तरफ वाले बाल लिए जाते हैं। इन बालों को कुछ देर लिक्विड में डाला जाता है। फिर इन्हें रोपने के बाद ड्रेंसिग की जाती है। इसके बाद दवा लगभग कम से कम छह माह तक चलती है।