चिड़ियाघर के 90 कर्मियों के बर्ड फ्लू सैंपल निगेटिव
Kanpur News – चिड़ियाघर के 90 कर्मियों के बर्ड फ्लू सैंपल निगेटिव चिड़ियाघर के 90 कर्मियों के बर्ड फ्लू सैंपल निगेटिव

कानपुर। चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू के खतरों के बीच राहत की खबर है। बर्ड फ्लू की जांच में सभी 90 कर्मियों के सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई है। पशु-पक्षियों की जांच रिपोर्ट का अभी इंतजार है। अच्छी बात यह है कि सभी पशु-पक्षी स्वस्थ हैं। वे उछल-कूद के साथ पूरा खाना खा रहे हैं। फिलहाल, चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू से बचाव की प्रक्रिया दो से तीन माह तक चलेगी। 11 मई को गोरखपुर चिड़ियाघर से शेर पटौदी को इलाज के लिए कानपुर चिड़ियाघर लाया गया था। पटौदी को चिड़ियाघर के पशु अस्पताल में रखा गया था। अस्पताल में दो बाघिन, कई तेंदुएं, लंगूर, बंदर व कई पक्षी भी रखे गए थे।
शेर पटौदी को लीवर संबंधी बीमारी थी। ऐसे में, चिकित्सकों से लेकर केयर टेकर और स्वीपर तक पटौदी के सीधे संपर्क में आए थे। शेर पटौदी में बर्ड फ्लू पाए जाने पर चिकित्सकों और अन्य कर्मियों के संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया था। दो चिकित्सक समेत छह कर्मचारियों को चिड़ियाघर परिसर में अस्पताल के अलावा कहीं जाने की इजाजत नहीं थी। बीते दिनों स्वास्थ्य विभाग ने चिड़ियाघर के 90 कर्मियों का सैंपल लिया था। कई कर्मचारी बर्ड फ्लू से इतना दहशत में थे कि सैंपल देने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। पहला सैंपल निदेशक ने दिया तब संकोच कर रहे कर्मचारी भी सैंपल देने आगे आए। रिपोर्ट को लेकर कर्मी डरे हुए थे। गुरुवार को रिपोर्ट निगेटिव आने पर सभी के चेहरे खिल गए। बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए पर्यटकों के लिए चिड़ियाघर 13 मई को बंद कर दिया गया था। अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि सात जून के बाद चिड़ियाघर को पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। निषाद भोपाल से रिपोर्ट मिलने का इंतजार किया जा रहा है। इसके बाद एक सप्ताह तक पशु-पक्षियों पर नजर रखी जाएगी। इसके बाद दोबारा सैंपल भेजा जाएगा। रिपोर्ट दोबारा निगेटिव पाए जाने पर चिड़ियाघर खोल दिया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि चिड़ियाघर में पशु-पक्षियों को खाना के साथ सप्लीमेंट दिए जा रहे हैं ताकि, पशु-पक्षियों की शारीरिक क्षमता बढ़ सके। सभी पशु-पक्षियों को दाना, चारा और खाना सैनिटाइज करके ही दिया जा रहा है। बतख व अन्य पशुओं के बाड़े से ओवरफ्लो होने वाले पानी में हाइपोक्लोराइट व चूना मिलाया जा रहा है। चिड़ियाघर प्रशासन ने बताया कि शेर-बाघ, तेंदुआ को भोजन में मांस दिया जाता है। बाड़े में मांस के अवशेष रह जाते हैं तो उसे लकड़बग्घा, कुत्ता, सियार को नहीं दिया जाता है। अवशेष मांस को इंसीनरेटर में जलाकर नष्ट कर दिया जा रहा है। बर्ड फ्लू के संक्रमण को रोकने के लिए सक्रिय पशु चिकित्सा विभाग शहर से लेकर गांवों तक सैंपल ले रहा है। गुरुवार को शहर में 15 और ग्रामीण क्षेत्र में 25 सैंपल पोल्ट्री फॉर्म और मुर्गे के दुकानों से लिये गए। बुधवार तक 340 सैंपल लिए गए थे। टीम को कहीं भी किसी पक्षी की अस्वाभाविक मृत्यु नहीं पाई गई है। चिड़ियाघर के सभी 90 स्टाफ के बर्ड फ्लू की सैंपल रिपोर्ट निगेटिव आई है। परिसर में सैनिटाइजेशन के साथ पशु-पक्षियों को भोजन के साथ सप्लीमेंट भी दिया जा रहा है। चिड़ियाघर में दो से तीन माह तक सतर्कता बरती जाएगी। पर्यटकों के लिए चिड़ियाघर 7 जून के बाद खोलने पर विचार किया जा सकता है।-श्रद्धा यादव, निदेशक, चिड़ियाघर