चाहत के चक्‍कर में 7 देशों में भटका शख्‍स, फिर ₹15 लाख में कर डाला खुद की सौदा

Airport News: अपनी चाहत के चक्‍कर में पंजाब का युवक ने एक दो नहीं, बल्कि सात देशों के चक्‍कर लगा लिए. वहीं, जिसके भरोसे इस शख्‍स ने सात देशों की यात्रा की, उसने बीच मझधार में उसे धोखा दे दिया. मंजिल के मुहाने में खड़े इस शख्‍स को जब सारे रास्‍ते बंद होते दिखे तो उसने 15 लाख रुपए खर्च कर खुद का सौदा कर डाला. हालांकि यह सब करने के बाद मंजिल तो नहीं मिली, लेकिन अंजाम जरूर खौफनाक हो गया.

दरअसल, यह मामला जालंधर (पंजाब) के गुत्तरां गांव में रहने वाले 27 वर्षीय पृथ्वीपाल सिंह से जुड़ा हुआ है. पृथ्वीपाल की चाहत थी कि वह अमेरिका जाकर अपनी नई जिंदगी की शुरूआत करे. अपनी इस चाहत को पूरा करने के लिए उसने अजीत पाल सिंह नामक एक एजेंट से मुलाकात की. अजीत पाल ने 30 लाख रुपये के बदले उसे अमेरिका भेजने का वादा कर दिया. पृथ्वीपाल से रुपए मिलने के बाद अजीतपाल ने उसे दुबई भेज दिया.

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फ्रांस में फंस गया पृ‍थ्‍वीपाल

दुबई में करीब एक महीना रहने के बाद उसे सर्बिया, रोमानिया और फ्रांस के रास्ते फ्रांस पहुंचा दिया गया. फ्रांस में पृथ्‍वीपाल और अजीतपाल के बाद रुपयों को लेकर विवाद हो गया. जिसके बाद, अजीतपाल उसे वहीं छोड़कर चला गया. पृथ्वीपाल करीब 2 से 3 साल फ्रांस में ही फंसा रहा. इसी बीच, पृथ्वीपाल की मुलाकात हरप्रीत सिंह नामक एक दूसरे एजेंट से हुई. हरप्रीत सिंह ने उसे 15 लाख रुपये लेकर उसे अमेरिका भेजने का भरोसा दिलाया.

मैक्सिको में हुए खेल ने पलटी किस्‍मत

आईजीआई एयरपोर्ट की एडिशनल कमिश्‍नर ऑफ पुलिस उषा रंगनानी के अनुसार, रुपए मिलने के बाद हरप्रीत ने अपने साथियों की मदद से उसे नीदरलैंड, पनामा, निकारागुआ और ग्वाटेमाला के रास्‍ते मैक्सिको पहुंचा दिया. मैक्सिको में उसके पासपोर्ट फर्जी वीजा चिपकाया दिया गया. इसके बाद उसे गैरकानूनी तरीके से अमेरिका में दाखिल करा दिया गया. अमेरिका पहुंचने के बाद पृथ्‍वीपाल ने पासपोर्ट के पेज से फर्जी वीजा निकाल दिया.

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दिल्‍ली आते ही गिरफ्तार हुआ पृथ्‍वीपाल

बस यही से पृथ्‍वीपाल की किस्‍मत पलट गई. दरअसल, फर्जी वीजा निकालने के बाद पासपोर्ट के पेज में गोंद के निशान रह गए. गोंद के इन्‍हीं निशानों के चक्‍कर में अमेरिकी सिक्‍योरिटी एजेंसी ने उसे पकड़ लिया. इसके बाद, वह करीब चार महीने तक अमेरिका के जेल में रहा और फिर भारत डिपोर्ट कर दिया गया. 1-2 मई 2025 की रात जब पृथ्वीपाल आईजीआई एयरपोर्ट पर उतरा, तो इमिग्रेशन अधिकारियों ने उसे हिरासत में लेकर पुलिस के हवाले कर दिया.

पुलिस की गिरफ्त में आए सभी साजिशकर्ता

आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस की पूछताछ में आरोपी पृथ्‍वीपाल ने खुलासा किया कि अजीत पाल सिंह, संजीव और सरबजीत सिंह ने मिलकर इस साजिश को अंजाम दिया. पृथ्‍वीपाल के खुलासे के आधार पर पुलिस ने अजीतपाल और संजीव को तो गिरफ्तार कर लिया, लेकिन सरबजीत फरार हो गया. करीब 20 दिनों की लंबी कवायद के बाद आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने अब आरोपी सरबजीत को भी गिरफ्तार कर लिया है.

Credits To Live Hindustan

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