ब्लड बैंक में उपलब्ध नहीं ए ग्रुप का खून, भटक रहे मरीज

Kanpur News – कानपुर देहात में रक्तदान में कमी के चलते जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में केवल 21 यूनिट खून बचा है। ए ग्रुप का खून उपलब्ध नहीं होने से मरीजों को खून की कमी का सामना करना पड़ रहा है। जिम्मेदारों की…

Newswrap हिन्दुस्तान, कानपुरWed, 4 June 2025 09:35 AM
share
Share
Follow Us on
ब्लड बैंक में उपलब्ध नहीं ए ग्रुप का खून, भटक रहे मरीज

कानपुर देहात, संवाददाता। जिले में दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए स्वैच्छिक रक्तदान करने से लोग कतरा रहे हैं। इस पुनीत काम में विभागीय अफसर भी संजीदा नहीं दिख रहे हैं। हालात यह है कि 3 सौ यूनिट क्षमता वाले जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में इस समय मात्र 21 यूनिट ही खून बचा है। खून के स्टाक की कमी होने के साथ ही ए ग्रुप का खून उपलब्ध नहीं होने से जरूरत मंद भटक रहे हैं। जिला अस्पताल अकबरपुर में मरीजों के लिए ब्लड की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए वर्ष 2014 में तीन सौ यूनिट क्षमता के ब्लड बैंक का संचालन शुरू हुआ था।

शुरूआती दौर में कस्बे के युवाओं ने रक्तदान में खासा उत्साह दिखाया था। वहीं समय समय पर होने वाले रक्तदान शिविरों में हर साल यहां अच्छी खासी संख्या में लोग रक्तदान करते रहे हैं। वर्ष 2021 में जहां 553 लोगों ने रक्तदान किया था। वहीं 2022 में 248 लोगों ने तथा 2023 में 263 तथा 2024 में 450 लोगों ने विभिन्न शिविरों में रक्तदान किया।लेकिन मौजूदा समय मेें जिम्मेदारों के संजीदा नहीं होने तथा खून को जरूरत मंदों के बजाय चहेतों को फ्री में उपलब्ध कराए जाने से लोग अब स्वैच्छिक रक्तदान से कतराने लगे हैं। ब्लड बैंक में 21यूनिट ब्लड़,ए ग्रुप का टोटा मेडिकल कालेज से संबद्ध जिला अस्पताल के तीन सौ युनिट क्षमता वाले ब्लड़ बैंक में इस समय सिर्फ 21यूनिट खून ही शेष बचा है। इसमें बी पॉजिटिव 5,ओ पॉजिटिव 5,एबी पॉजिटिव 6,बी निगेटिव 2 व ओ निगेटिव का तीन यूनिट ब्लड ही बचा है।जबकि ए पाजिटिव ए-निगेटिव, एबी निगेटिव ग्रुप यहां उपलब्ध नहीं है। इन ग्रुप वाले सभी ब्लड का स्टाक शून्य होने से गंभीर रोगी व प्रसूताओं तथा आपरेशन वाले मरीजों को खून नहीं मिल पाने से उनको भटकना पड़ रहा है। वहीं इमरजेंसी या गंभीर मरीज को खून की जरूरत पड़ने पर बड़ी समस्या बन सकती है। बोले जिम्मेदार नियमानुसार ब्लड बैंक में 35 दिन तक ही खून को सुरक्षित रखा जा सकता है। ऐसी स्थिति में संकलित रक्त को हैलट व उर्सला अस्पताल कानपुर भेजा जाता है, वहां से जरूरत के हिसाब से रक्त मंगाया भी जाता है। ब्लड बैंक में मार्च माह में सिर्फ दो यूनिट खून बचा था, इसमें एक ओ पाजिटिव व एक एबी पाजिटिव ब्लड शामिल था, इसके चलते प्रयास कर 21 यूनिट खून क़ी व्यवस्था कराई गई है,मरीजों को ब्लड उपलब्ध कराते समय निरंतरता बनाए रखने के लिए उनके परिजनों को खून डोनेट करना भी आवश्यक है।लोगों को चाहिए कि ब्लड देकर ही ब्लड बैंक से खून लें, ताकि आपात स्थिति में ब्लड बैंक में खून क़ी कमी नहीं रहे। – डॉ सज्जन लाल वर्मा, मेडिकल कालेज अकबरपुर