बिहार चुनाव में कैसे होगा सीट बंटवारा? RJD ने महागठबंधन को लेकर दिया फैसला

नई दिल्ली. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद मनोज झा ने सोमवार को कहा कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे पर फैसला करने का एकमात्र कारक जीत की संभावना होगी. उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में इस पर बातचीत पूरी हो जाएगी. बिहार में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं और विपक्षी महागठबंधन सत्तारूढ़ जदयू-भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को हराने की कोशिश कर रहा है. महागठबंधन में लालू प्रसाद के नेतृत्व वाली राजद, कांग्रेस और वामपंथी दल शामिल हैं.
“गठबंधन का दबाव मोदी जी पर काम कर रहा है… सरकार को बने रहना चाहिए. क्या यह एक बड़े वर्ग के अधिकारों को छीनना नहीं है? क्या कोई बेहतर, योग्य उम्मीदवार नहीं थे? क्या पिछड़े, दलित, अति पिछड़े समूहों से कोई उम्मीदवार नहीं थे? या ये सीट गठबंधन के लिए आरक्षित थीं?” उन्होंने कहा कि “यह भाई-भतीजावाद है.” आरोपों पर जदयू नेता, जो राज्यसभा सांसद हैं, की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. मनोज झा ने कहा कि विपक्षी गठबंधन दलों के बीच एक आम समझ है कि वे प्रत्येक सीट पर ‘महागठबंधन’ के रूप में लड़ेंगे.
राजद प्रवक्ता ने कहा कि टिकट तय करते समय जातिगत और सामाजिक समीकरणों को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा, “हर जिले में जातियों और सामाजिक समूहों के सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखा जाना चाहिए. डेढ़ महीने में चर्चा पूरी हो जाएगी.” झा ने कहा कि महागठबंधन में शामिल सभी दलों की पहुंच बढ़ाने से गठबंधन की पहुंच बढ़ेगी.
उन्होंने कहा, “पूरा महागठबंधन कहता है कि हम जदयू के खिलाफ नहीं लड़ रहे हैं, हम नए लोगों के खिलाफ नहीं लड़ रहे हैं. हम बेरोजगारी के खिलाफ लड़ रहे हैं. हम बुनियादी बातों पर चर्चा करना चाहते हैं, सरकारें मंदिर, मस्जिद या गुरुद्वारा बनाने के लिए नहीं चुनी जाती हैं, आस्था एक निजी मामला है.”
झा ने कहा कि बिहार में बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति भी एक बड़ा चुनावी मुद्दा होगी. सत्ताधारी राजग में जनता दल-यूनाइटेड (जदयू), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (एचएएम) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) शामिल हैं.
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