भविष्य में शिक्षकों के लिए सबसे बड़ा खतरा एआई टूल
Kanpur News – भविष्य में शिक्षकों के लिए सबसे बड़ा खतरा एआई टूल भविष्य में शिक्षकों के लिए सबसे बड़ा खतरा एआई टूल

कानपुर। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) टूल भविष्य में शिक्षकों के लिए सबसे बड़ा खतरा साबित होंगे। एआई का दायरा बहुत बड़ा है और वह समाज के लिए हर सेक्टर में उचित नहीं है। यह बात उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. अमित भारद्वाज ने संगोष्ठी में कही। कूटा संरक्षक व बीएनडी कॉलेज के प्राचार्य प्रो. विवेक द्विवेदी और प्राचार्य परिषद के अध्यक्ष व डीबीएस कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो. अनिल कुमार मिश्रा की मांग पर डॉ. अमित भारद्वाज ने समर्थ पोर्टल पर डाटा अपलोड करने के लिए एक माह की अतिरिक्त मोहलत दे दी। 10 अप्रैल अपलोड करने की अंतिम तिथि थी। समर्थ पोर्टल पर सभी शिक्षकों को अपना डाटा अपलोड करना अनिवार्य है। एचबीटीयू के ऑडीटोरियम में भारतीय विचारक समिति की ओर से भारत में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का भविष्य विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसकी शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. अमित भारद्वाज, आईआईटी के प्रो. अर्नव भट्टाचार्य, प्रो. जीएन कौल, सीएसजेएमयू के सीडीसी निदेशक प्रो. आरके द्विवेदी, बलराम नरूला ने किया। डॉ. अमित भारद्वाज के सामने निश्चित मानदेय पर पढ़ा रहे शिक्षकों की समस्या सुनने के बाद उन्हें सकारात्मक आश्वासन दिया। इससे पहले प्रो. अर्नव भट्टाचार्य ने एआई के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कहा, इससे सिर्फ लाभ नहीं है बल्कि भविष्य में कई बड़ी चुनौतियां अभी से नजर आने लगी हैं। एआई टूल की चुनौतियां पर अभी से काम नहीं किया गया तो भविष्य में बड़ी समस्या भी बन सकती है। लेकिन, इसका मतलब ये नहीं कि एआई को नकार दिया जाए। वर्तमान में विकसित की ओर आगे बढ़ने के लिए एआई ही मददगार होगा। संचालन डॉ. अलका तांगड़ी व डॉ. इंद्राणी दुबे ने किया। कार्यक्रम में कुल 8 पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। इस मौके पर प्रो. अंजू चौधरी, प्रो. एसके शर्मा, प्रो. ललित कुमार सिंह, गुलशन धूपर आदि मौजूद रहे।