भारत-पाक की ‘जंग’ में बुरी फंसी हिन्दू महिला, इंडिया की बहू को देश निकाला
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India-Pakistan Tension: पहलगाम में निर्दोष हिन्दू पर्यटकों की निर्मम हत्या से पूरा देश सदमे और गुस्से में है. इस बीच, भारत सरकार ने वैलिड वीजा के साथ भारत आए पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का अल्टीमेटम …और पढ़ें

भारत सरकार के अल्टीमेटम के बाद अटारी-वाघा बॉर्डर पर पाकिस्तान जाने वालों का तांता लगा हुआ है. एक बुजुर्ग महिला वापस जाने से पहले पोते को दुलारती हुईं. (फोटो: पीटीआई)
हाइलाइट्स
- पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है
- भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों को तुरंत देश छोड़कर जाने को कहा गया है
- 30 साल से ओडिशा में रहने वाली एक पाकिस्तानी महिला को भी नोटिस मिला
नई दिल्ली/भुवनेश्वर. पहलगाम में हिन्दू पर्यटकों के नरसंहार के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात बन गए हैं. पाकिस्तानी सेना बौखलाहट में सीमा पर लगातार गोलीबारी कर संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रही है. इस बीच, भारत सरकार ने वैलिड वीजा पर इंडिया में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को तत्काल देश खाली करने का आदेश दिया गया है. इससे अटारी-वाघा बॉर्डर पर पाकिस्तान जाने वालों का तांता लगा हुआ है, क्योंकि डेडलाइन पास आ चुकी है. सरकार ने पड़ोसी देश गए भारतीयों को भी तुरंत देश वापस लौटने को कहा है. भारत में सालों से रहने वाले पाकिस्तानी भी इस तनाव की चक्की में पिस रहे हैं. ऐसे ही लोगों में शारदा बाई उर्फ शारदा कुकरेजा का नाम भी शामिल है.
शारदा मूल रूप से पाकिस्तान की रहने वाली थीं. वह अपने पिता के साथ तकरीबन 30 साल पहले भारत आ गई थीं और ओडिशा में रहने लगीं. भारतीय बिजनेसमैन से उनकी शादी हुई और अब उनके बेटे-पोते भी हैं, जो भारतीय नागरिक हैं. वहीं, शारदा को भारतीय नागरिकता नहीं मिल सकी है. उनका दावा है कि उन्होंने इंडियन सिटिजनशिप के लिए अप्लाई किया था, लेकिन उसपर अभी तक कुछ नहीं हो सका है. उनके पास पाकिस्तानी पासपोर्ट है, पर वीजा नहीं है. ऐसे में भारत सरकार के गृह विभाग की ओर से जारी आदेश का पालन करते हुए जिला पुलिस ने शारदा को देश छोड़ने का नोटिस दिया है. तय डेडलाइन पर देश न छोड़ने की स्थिति में लीगल एक्शन लिए जाने की चेतावनी भी दी गई है. शारदा का पूरा परिवार भारत में है. उनका दावा है कि पाकिस्तान में उनको कोई जानने वाला भी नहीं है, ऐसे में अब वह कहां जाएंगी.
सिंध की शारदा बाई की कहानी
शारदा बाई (शादी के बाद सरदा कुकरेजा) का जन्म 1970 में पाकिस्तान के सिंध प्रांत के सुक्कुर शहर में हुआ था. ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, यह बात उनके पाकिस्तानी पासपोर्ट से पता चली है. उन्होंने कहा कि जिला पुलिस ने उन्हें एक एग्जिट नोटिस भेजा है, जिसमें कहा गया है कि उनके पास न तो लॉन्ग टर्म वीज़ा है और न ही वे अपवाद की श्रेणी में आती हैं. पुलिस के आदेश में उन्हें चेतावनी दी गई है कि अगर वे देश नहीं छोड़ती हैं तो उनके खिलाफ़ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. शारदा ने कहा कि उनके पिता साल 1987 में अपने छह बच्चों के साथ 60 दिन के वीज़ा पर भारत आए और ओडिशा के कोरापुट जिले में बस गए. शारदा की शादी करीब 35 साल पहले बोलनगीर में एक कारोबारी से हुई थी. अब उनका एक बेटा, एक बेटी और दो पोते-पोतियां हैं. ये सभी भारतीय नागरिक हैं. शारदा दावा करती हैं कि उनके पास वोटर आईडी और आधार कार्ड है. उन्होंने बताया कि बहुत पहले भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया था, लेकिन उन्हें यह नहीं मिल पाई.
जिला पुलिस का नोटिस
शनिवार को बोलनगीर के एसपी द्वारा जारी पत्र में कहा गया है: हमारे पास उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार, आपके पास न तो वैध एलटीवी (लॉन्ग टर्म वीजा) है और न ही आप वीजा की उपरोक्त छूट वाली श्रेणी में आते हैं. इसलिए, आपको जल्द से जल्द भारत छोड़ने का निर्देश दिया जाता है, नहीं तो आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.’ शारदा ने सरकार से अनुरोध किया कि उन्हें उनके परिवार से अलग न किया जाए और कहा कि पाकिस्तान में उनका कोई नहीं है. उन्होंने कहा, ‘जब से मैं यहां आई हूं, मैंने भारत को अपना देश माना है. मेरा परिवार भारत में है और मैं पाकिस्तान नहीं जाना चाहती. मैंने कभी पाकिस्तान में किसी से बात भी नहीं की है. यहां तक कि फोन पर भी बात नहीं हुई है.’ राज्य सरकार ने ओडिशा के विभिन्न जिलों में सालों से रह रहे 12 पाकिस्तानी नागरिकों को बाहर निकलने का नोटिस जारी किया है.
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