भारी बारिश से मणिपुर और नगालैंड बेहाल, सड़कें टूटीं; हजारों लोग प्रभावित

नगालैंड और मणिपुर में भारी बारिश के बाद भूस्खलन ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। सड़कें टूटी हुई हैं।
पूर्वोत्तर भारत के दो प्रमुख राज्य मणिपुर और नगालैंड में भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। जहां मणिपुर में बाढ़ और भूस्खलन ने 1.64 लाख से ज्यादा लोगों को प्रभावित किया है, वहीं नगालैंड में भूस्खलन के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग टूट जाने से मणिपुर से संपर्क लगभग कट गया है।
मणिपुर में हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं। राज्य के कई जिलों में नदियों के उफान पर आने और तटबंधों के टूटने से अब तक 643 इलाके जलमग्न हो चुके हैं। 35,143 घरों को नुकसान पहुंचा है और 3,917 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। इंफाल पूर्वी जिले की हालत सबसे खराब है, जहां चौथे दिन भी बाढ़ का पानी जमा है। बिजली और पीने के पानी की किल्लत ने हालात और मुश्किल बना दिए हैं।
इंफाल में भूस्खलन की 10 घटनाएं
इंफाल पश्चिम में बाढ़ के पानी में बहे एक व्यक्ति का शव मंगलवार को बरामद किया गया, जिससे बाढ़ से मौतों की आशंका और बढ़ गई है। उधर, 102 भूस्खलन की घटनाएं भी दर्ज की गई हैं।
राहत शिविरों में पहुंचे केंद्रीय गृह सचिव
केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने राज्य का दौरा कर राहत शिविरों में रह रहे लोगों से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि पुनर्वास योजनाएं तेज़ी से तैयार की जा रही हैं।
नगालैंड के कई हिस्सों में भूस्खलन
उधर, नगालैंड में लगातार बारिश से कोहिमा जिले के कई हिस्सों में भूस्खलन की बड़ी घटनाएं सामने आई हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग-2 का 50 मीटर हिस्सा किसामा हेरिटेज गांव के पास ढह गया, जिससे मणिपुर और नगालैंड के बीच सड़क संपर्क पूरी तरह टूट गया है।
उपमुख्यमंत्री टी.आर. जेलियांग ने हालात का जायजा लेते हुए एनएचआईडीसीएल को वैकल्पिक मार्ग तैयार करने और मालवाहक ट्रकों को निकालने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि 2013 के बाद से यह तीसरी बार है जब इस स्थान पर सड़क धंसी है। उन्होंने सड़क मंत्रालय से स्थायी समाधान की मांग की है।
इस तबाही के कारण 100 से अधिक ट्रक फंसे हुए हैं, जबकि हल्के वाहनों के लिए वैकल्पिक एकतरफा मार्ग खोला गया है।
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