बाबा अमरनाथ का कपाट खुलने को तैयार, कैसी है सिक्योरिटी? जानें से पहले जान लें

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Baba Amarnath Yatra 2025: बाबा अमरनाथ की यात्रा के लिए हर साल श्रद्धालु बेसब्री से इंतजार करते हैं. साथ ही देशभर से आने वाले भक्तों की सुरक्षा के लिए स्पेशल व्यवस्था रहती है. इस साल बाबा बर्फानी का कपाट 3 जुलाई…और पढ़ें

बाबा अमरनाथ का कपाट खुलने को तैयार, कैसी है सिक्योरिटी? जानें से पहले जान लें

अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू हो रही है.

Baba Amarnath Yatra 2025: बाबा अमरनाथ की 2025 की यात्रा 3 जुलाई से शुरू होने जा रही है. बाबा अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह तैयार है. देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस ने विशेष इंतजाम किए हैं. यात्रा 9 अगस्त तक चलेगी. इस दौरान प्रशासन, पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां हर स्तर पर तैयारियां कर रही हैं.

श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए माउंटेनरिंग रेस्क्यू टीम (एमआरटी) को स्पेशल ट्रेनिंग दिया जा रहा है. इस टीम को अमरनाथ यात्रा का ‘सुरक्षा कवच’ कहा जाता है. पिछले साल 2024 में एमआरटी ने यात्रा के दौरान बेहतरीन काम किया था. एक दर्जन से अधिक रेस्क्यू टीमों ने 20,000 से ज्यादा श्रद्धालुओं को ऑक्सीजन उपलब्ध कराई. कई बीमार यात्रियों को नजदीकी कैंपों तक पहुंचाया. इस बार भी एमआरटी को बालटाल और पहलगाम, दोनों यात्रा मार्गों पर तैनात किया जाएगा.

कई जगहों पर बर्फ जमी
अमरनाथ यात्रा के रास्ते में कई जगहों पर अभी भी बर्फ जमी है, जिसे जम्मू-कश्मीर सरकार ने साफ कर रास्ता तैयार किया है. कुछ जगहों पर नाले भी हैं, जो बारिश में उफान पर आ सकते हैं. ऐसी किसी भी आपदा से निपटने के लिए एमआरटी को दोनों मार्गों पर जगह-जगह तैनात किया जाएगा.

आधुनिक उपकरण से सुरक्षा
भक्तों की सुरक्षा के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल जवानों के इन टीमों को आधुनिक पर्वतारोहण उपकरण दिए गए हैं, ताकि लोगों तक आसानी से मदद पहुंचाया जा सके. इनमें चट्टानों पर चढ़ने, रैपलिंग, जिप वायर, बर्मा ब्रिज और स्लेदरिंग जैसे कार्यों के लिए जरूरी सामान शामिल हैं.

आपात स्थिति से निपटने तो तैयार जवान
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एमआरटी का गठन खासतौर पर पर्वतीय क्षेत्रों में आपात स्थिति और दुर्घटनाओं से निपटने के लिए किया है. ये टीमें प्रशिक्षित हैं और विभिन्न रेस्क्यू ऑपरेशनों में विशेष उपकरणों का इस्तेमाल करती हैं.

सुरक्षा सर्वोच्च
इनका प्रशिक्षण फ्री-हैंड क्लाइंबिंग, पर्वत बचाव और अन्य गतिविधियों पर केंद्रित है ताकि जरूरत पड़ने पर श्रद्धालुओं की जान बचाई जा सके. पुलिस और प्रशासन का कहना है कि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी और उनकी सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है.

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