अपने घरों पर वापस न लौटें क्योंकि… LoC गांवों को लेकर J&K पुलिस की एडवाइजरी
Last Updated:
Jammu Kashmir News: डिप्टी कमिश्नर विकास कुंडल ने पुंछ में सीमा पार शेलिंग से प्रभावित इलाकों का दौरा किया और निवासियों को सहायता का आश्वासन दिया. सीमावर्ती गांवों के निवासियों को घर न लौटने की सलाह दी गई है.

पाकिस्तान की गोलाबारी में पुंछ में नष्ट हुए अपने घर के पास खड़ा एक शख्स. (पीटीआई)
हाइलाइट्स
- ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बौखलाए पाकिस्तान ने LoC के इलाकों पर गोलाबारी की.
- इसके बाद 1.25 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था.
- पाकिस्तानी गोलाबारी में सबसे अधिक 18 लोगों की मौत पुंछ में हुई है.
श्रीनगर. भारत-पाकिस्ताम में सीजफायर होने के बाद पुंछ के डिप्टी कमिश्नर विकास कुंडल ने रविवार को सीमा पार से हुई शेलिंग से प्रभावित शहर के कई इलाकों का दौरा किया. उनके साथ जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे. इस दौरान डिप्टी कमिश्नर ने मोहल्ला काजी मोहरा, मोहल्ला डुंगस, मोहल्ला सरायन, जिला पुलिस लाइन, जिला कोर्ट परिसर, जामिया जिया उल उलूम, मोहल्ला गीता भवन, मोहल्ला कमसार, मोहल्ला रेडियो स्टेशन, गुरुद्वारा सिंह सभा और मोहल्ला कामा खान का निरीक्षण किया, जो सभी सीमा पार शेलिंग के कारण क्षतिग्रस्त हुए थे.
उपायुक्त ने स्थानीय निवासियों से बातचीत की और जमीनी स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को संपत्ति के नुकसान का विस्तृत आकलन करने और जल्द से जल्द व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. प्रशासन ने प्रभावित निवासियों और संस्थानों को सभी आवश्यक सहायता का आश्वासन दिया. अधिकारियों को स्थानीय एजेंसियों के साथ तालमेल में समय पर राहत और पुनर्वास सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए.
‘अभी घर वापस न जाएं सीमाई गांवों के निवासी’
दूसरी ओर, जम्मू-कश्मीर में अधिकारियों ने रविवार को सीमावर्ती गांवों के निवासियों से कहा कि वे अपने घरों पर वापस न लौटें, क्योंकि अभी इन क्षेत्रों को साफ किया जाना है और किसी भी अज्ञात गोला-बारूद को हटाना है. बारामूला, बांदीपोरा और कुपवाड़ा जिलों में नियंत्रण रेखा के पास के गांवों के 1.25 लाख से अधिक निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था क्योंकि उनके घरों को पाकिस्तानी गोलाबारी का निशाना बनाए जाने का बहुत अधिक खतरा था.
पुलिस की ओर से जारी एक एडवाइजरी में कहा गया, “सीमावर्ती गांवों में वापस न लौटें. पाकिस्तानी गोलाबारी के बाद अज्ञात गोला-बारूद के बिखरे होने से जान जोखिम में पड़ सकती है.” एडवाइजरी में कहा गया है कि बम निरोधक दस्तों को प्रभावित क्षेत्रों में भेजा जाएगा ताकि गांवों को साफ किया जा सके और उन सभी अज्ञात बमों को हटाया जा सके, जिनसे जान का नुकसान हो सकता है. इसमें कहा गया, “2023 में नियंत्रण रेखा के पास बचे हुए बमों में विस्फोट होने से 41 लोगों की जान चली गई.” एडवाइजरी में निवासियों के गांवों की ओर लौटने के खतरों का उल्लेख किया गया है.
भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत होने के बाद बुधवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादियों के नौ ठिकानों पर हमला किया था. तब से लेकर अब तक भारत में 25 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें सबसे अधिक 18 लोगों की मौत पुंछ में हुई है और 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं.
चार दिन तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद शनिवार को भारत और पाकिस्तान के बीच जमीन, हवा और समुद्र में सभी तरह की गोलीबारी व सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से रोकने पर सहमति बनी थी. हालांकि, कुछ घंटों बाद नई दिल्ली ने इस्लामाबाद पर इस समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया. देर रात संवाददाता सम्मेलन में विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पाकिस्तान से इस उल्लंघन को लेकर उचित कदम उठाने तथा स्थिति से ‘गंभीरता व जिम्मेदारीपूर्वक’ निपटने का आह्वान किया था.
About the Author
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h…और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h… और पढ़ें
और पढ़ें
Credits To Live Hindustan