अमेरिकी दादागिरी का अंत नजदीक या इस्लामिक रिपब्लिक का हो जाएगा खात्मा?

इजरायल-ईरान युद्ध: इजरायल-ईरान में भयंकर यु्द्ध छिड़ा हुआ है. ईरान को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक के बाद पोस्ट कर रहे हैं. इधर, ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई भी अमेरिका को चेता रहे हैं. खामेनेई अमेरिकी दादागिरी की खुलेआम चुनौती दे भी रहे हैं और स्वीकार भी कर रहे हैं. ईरान के पक्ष में रूस और चीन खुलकर तो नहीं बोल रहे हैं, लेकिन टेक्नोलॉजी और हथियार मुहैया करा रहे हैं. युद्ध का क्या नतीजा होगा यह तो नहीं पता है लेकिन इस युद्ध के समाप्त होते-होते या तो अमेरिकी दादागिरी का अंत हो जाएगा या फिर इस्लामिर रिपब्लिक का खात्म होने के पूरे आसार हैं.
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2-ईरान की रक्षात्मक ताकत का उभार- ईरान के उन्नत राडार सिस्टम ने इजरायल के F-35 जेट्स को ट्रैक किया और तीन को मार गिराने का दावा किया. खैबर शेकन मिसाइलों और शाहेद-136 ड्रोन्स ने इजरायल के बंदरगाहों को नुकसान पहुंचाया. यह दिखाता है कि इस्लामिक रिपब्लिक अपनी सैन्य क्षमता बढ़ा रहा है, जिससे उसका खात्मा आसान नहीं होगा.
4- वैश्विक ध्रुवीकरण- रूस, चीन और कई इस्लामिक देश ईरान के पक्ष में हैं, जबकि अमेरिका, ब्रिटेन, और फ्रांस इजरायल के साथ. भारत और जापान जैसे देश तटस्थ रहकर कूटनीति की वकालत कर रहे हैं. यह वैश्विक विभाजन अमेरिकी दबदबे को चुनौती देता है.
इजरायल-ईरान युद्ध के ये 5 संकेत बता रहे हैं कि फिलहाल न तो पूरी तरह से अमेरिकी दादागिरी का अंत होगा और न ही इस्लामिक रिपब्लिक को तत्काल खात्म कर दिया जाए. अमेरिका अगर ईरान-इराक को आगे खींचता है तो यह तीसरे युद्ध की तरफ भी दुनिया को धकेल सकता है. क्योंकि, तब चीन और रूस जैसे जेश ईरान के साथ खुलकर समर्थन में आ जाएंगे.
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