अल नीनो नहीं बिगाड़ेगा मॉनसून का मिजाज, खूब होगी बारिश; IMD रिपोर्ट से पहले आ गई खुशखबरी

Monsson Rain Forecast: भारत के दक्षिण-पश्चिम मॉनसून पर इस वर्ष अनुकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है, क्योंकि अमेरिका स्थित नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) ने शुक्रवार को इस गर्मी के मौसम में अल नीनो की संभावना को खारिज कर दिया है। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब भारतीय मौसम विभाग (IMD) द्वारा आगामी मॉनसून सीजन के लिए लॉन्ग रेंज फोरकास्ट जारी करने में केवल एक सप्ताह शेष है। IMD ने पहले ही इस महीने की शुरुआत में यह स्पष्ट कर दिया था कि आगामी मॉनसून के दौरान अल नीनो की स्थिति नहीं बनेगी।

आपको बता दें कि अल नीनो-सदर्न ओसीलेशन (ENSO) एक महासागरीय-जलवायु घटना है, जो वैश्विक वायुमंडलीय परिसंचरण को प्रभावित करने में सक्षम मानी जाती है। ENSO की तीन अवस्थाएं होती हैं। गर्म अवस्था (El Niño), तटस्थ अवस्था (Neutral) और ठंडी अवस्था (La Niña)।

यह घटना भारत के जून-सितंबर के मॉनसून सीजन को विशेष रूप से प्रभावित करती है। भारत में लगभग 70% वर्षा इन्हीं चार महीनों के दौरान होती है, जो खरीफ फसलों की बुआई, जलाशयों के पुनर्भरण और समग्र अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

NOAA की अप्रैल रिपोर्ट के अनुसार, ENSO की तटस्थ स्थिति उत्तर गोलार्ध में इस पूरे गर्मी के मौसम में बनी रहेगी। NOAA ने कहा है, “अगस्त-अक्टूबर 2025 के दौरान ENSO के तटस्थ रहने की 50 प्रतिशत से अधिक संभावना है।”

गौरतलब है कि ला नीना मॉनसून पर सकारात्मक प्रभाव डालती है, जिससे सामान्य या उससे अधिक वर्षा होती है। वहीं, अल नीनो का संबंध कम वर्षा या सूखे जैसी स्थितियों से रहा है। हालांकि, कई वर्षों में ENSO की तटस्थ स्थिति के दौरान भारत में सामान्य या औसत से अधिक वर्षा भी दर्ज की गई है।

इस सकारात्मक संकेत से किसानों और नीति-निर्माताओं को बड़ी राहत मिली है। आगामी सप्ताह में IMD द्वारा जारी की जाने वाली औपचारिक पूर्वानुमान रिपोर्ट पर अब सबकी निगाहें टिकी हैं।

www.livehindustan.com