आतंकियों पर लगाम लगाए बांग्लादेश, टैगोर के घर में तोड़फोड़ पर भारत की दो टूक

ढाका/नई दिल्ली. भारत ने गुरुवार को बांग्लादेश के सिराजगंज जिले में रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर में तोड़फोड़ की कड़ी निंदा की और देश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार से इस घटना में शामिल चरमपंथी तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, “हम 8 जून 2025 को गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर पर भीड़ द्वारा किए गए घृणित हमले और तोड़फोड़ की कड़ी निंदा करते हैं. यह हिंसक कृत्य नोबेल पुरस्कार विजेता की स्मृति और समावेशी दर्शन तथा शिक्षाओं का अपमान है, जिसका उन्होंने बांग्लादेश में समन किया था. यह हमला चरमपंथियों द्वारा सहिष्णुता के प्रतीकों को मिटाने और बांग्लादेश की समकालिक संस्कृति और सांस्कृतिक विरासत को नष्ट करने के व्यवस्थित प्रयासों के व्यापक पैटर्न का हिस्सा है.”

उन्होंने कहा, “हम अंतरिम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह आतंकवादियों पर लगाम लगाए और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, जो दुर्भाग्य से एक दोहराव वाली बात बन गई है.” विदेश मंत्रालय ने यह भी दोहराया कि वह दक्षिण एशियाई पड़ोसी के साथ सकारात्मक और रचनात्मक संबंध स्थापित करना चाहता है.

जायसवाल ने कहा, “बांग्लादेश के साथ हमारे संबंधों और जुड़ाव के प्रति हमारा दृष्टिकोण सर्वविदित है. मैंने इस मंच से कई बार यह बात कही है. हम बांग्लादेश के साथ सकारात्मक और रचनात्मक संबंध चाहते हैं, जो दोनों देशों के लोगों की आकांक्षाओं पर आधारित हो.”

बांग्लादेशी मीडिया ने बताया कि 50-60 लोगों की भीड़ ने रवींद्र कचहरीबाड़ी में घुसकर, जिसमें एक स्मारक संग्रहालय भी है. सभागार और संरक्षक कार्यालय में तोड़‌फोड़ की, जिससे ऐतिहासिक इमारत को काफी नुकसान पहुंचा. बांग्लादेश के डेली स्टार ने कछारीबाड़ी के संरक्षक हबीबुर रहमान के हवाले से कहा, “घटनास्थल पर कुछ आगंतुक भी थे, जो अचानक हुए हमले के कारण घबरा गए. हमले के दौरान हमने शरण ली और तुरंत पुलिस को सूचित किया.”

अपने परिवार के साथ आए इनामुल हक नामक एक पर्यटक ने हमले की आलोचना की. उन्होंने कहा, “शहजादपुर रवींद्र कचहरीबाड़ी जैसे ऐतिहासिक स्थल पर आपराधिक गतिविधियां अस्वीकार्य हैं.” घटना की पुष्टि करते हुए शहजादपुर पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी ने कहा, “इस मामले में पहले ही शिकायत दर्ज कर ली गई थी. हम मामले की जांच कर रहे हैं.”

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी बुधवार को कोलकाता में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद में अपने भाषण के दौरान यह मुद्दा उठाया था. उन्होंने एक्स पर लिखा, “हमारे सबसे अनमोल गुरु रवींद्रनाथ ठाकुर की पवित्र विरासत को बांग्लादेश के सिराजगंज में अपमानित किया गया, जहां बीएनपी और छात्र शिविर कार्यकर्ताओं के नेतृत्व में एक भीड़ ने ऐतिहासिक रवींद्र कचहरीबाड़ी में तोड़फोड़ की. इस शर्मनाक और बेहद अपमानजनक विनाश की कार्रवाई ने उस स्थल को निशाना बनाया जो बंगाल की सांस्कृतिक आत्मा और टैगोर के मानवता के सार्वभौमिक संदेश का प्रतीक है. खिड़‌कियां तोड़ दी गईं, फर्नीचर बर्बाद हो गया और एक वैश्विक आइकन की स्मृति का अपमान किया गया.”

Credits To Live Hindustan

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