आर्ट्स से 12वीं के बाद करें नए जमाने के ये कोर्स, नौकरी की लग जाएगी लाइन

नई दिल्ली (Latest Courses after 12th Arts). एजुकेशन सेक्टर में बहुत तेजी से बदलाव आ रहा है. स्कूलों में नई शिक्षा नीति लागू होने से नए कोर्स लॉन्च किए गए हैं और टीचिंग प्रोसेस में भी बदलाव किया गया है. इसी वजह से अब हायर एजुकेशन के लिए कॉलेज के कोर्सेस में भी फर्क देखा जा रहा है. कुछ साल पहले तक आर्ट्स यानी ह्यूमैनिटीज से 12वीं पास करने के बाद ज्यादातर स्टूडेंट्स बीए या किसी विषय में ऑनर्स की पढ़ाई करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है.

साइंस और मैथ की तरह अब आर्ट्स स्ट्रीम वालों के पास भी ऑप्शंस की भरमार है. स्कूल में आर्ट्स स्ट्रीम से 12वीं पास करने के बाद नए जमाने के कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं. आर्ट्स के ये लेटेस्ट कोर्स क्रिएटिव इंडस्ट्रीज, डिजिटल युग और उभरती टेक्नीक्स पर केंद्रित हैं. ये कोर्स न केवल मॉडर्न करियर की मांगों को पूरा करते हैं, बल्कि आर्ट्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स की क्रिएटिव और एनालिटिकल क्षमताओं को भी बढ़ावा देते हैं. जानिए आर्ट्स स्ट्रीम के 5 सबसे लेटेस्ट कोर्स.

आर्ट्स से 12वीं पास करने के बाद क्या करें?

आर्ट्स स्ट्रीम से 12वीं बोर्ड परीक्षा पास करने के बाद स्टूडेंट्स के पास विकल्पों की कमी नहीं है. आर्ट्स के लेटेस्ट कोर्स आपको अच्छी नौकरी दिलवा सकते हैं:

1- बैचलर ऑफ डिजिटल मार्केटिंग (B.Sc./B.A. in Digital Marketing)

डिजिटल मार्केटिंग आज के युग में सबसे तेजी से बढ़ता हुआ क्षेत्र है. इस कोर्स में SEO, सोशल मीडिया मार्केटिंग, कंटेंट मार्केटिंग और डेटा एनालिटिक्स जैसे विषय कवर किए जाते हैं. आर्ट्स के स्टूडेंट्स की क्रिएटिव राइटिंग और कम्युनिकेशन स्किल्स इस क्षेत्र में बहुत उपयोगी हैं. इसकी अवधि 3 साल है.

संस्थान:
IGNOU (नई दिल्ली)
डीएवी कॉलेज, चंडीगढ़
सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ डिजिटल स्टडीज, पुणे

करियर विकल्प: डिजिटल मार्केटर, SEO स्पेशलिस्ट, सोशल मीडिया मैनेजर. औसत वेतन: शुरुआत में 3-8 लाख सालाना तक मिल सकता है.

एडमिशन: 12वीं में न्यूनतम 50% अंक; कुछ कॉलेजों में मेरिट या प्रवेश परीक्षा (जैसे BHU UET, NPAT) के आधार पर.

क्यों चुनें?: स्टार्टअप्स, ई-कॉमर्स और कॉरपोरेट्स में डिजिटल मार्केटिंग एक्सपर्ट की मांग बढ़ रही है. यह कोर्स कम लागत में उच्च ROI प्रदान करता है.

2- बैचलर ऑफ डिजाइन (B.Des) – यूजर एक्सपीरियंस/इंटरफेस डिजाइन (UX/UI)
UX/UI डिजाइन टेक्नोलॉजी और क्रिएटिविटी का कॉम्बिनेशन है. यह वेबसाइट्स और ऐप्स के यूजर्स का अनुभव बेहतर बनाने पर केंद्रित है. आर्ट्स के स्टूडेंट्स का एस्थेटिक सेंस और एनालिटिकल सोच इस कोर्स के लिए परफेक्ट है. इसकी अवधि 4 साल है.

संस्थान:
NIFT, दिल्ली
MIT इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, पुणे
सेंट जेवियर्स कॉलेज, मुंबई (डिप्लोमा विकल्प)

करियर विकल्प: UX/UI डिजाइनर, प्रोडक्ट डिजाइनर. औसत वेतन: 5-12 लाख सालाना.

एडमिशन: UCEED, NID DAT या कॉलेज-विशिष्ट प्रवेश परीक्षा; 12वीं में 50% अंक.

क्यों चुनें?: टेक इंडस्ट्री में UX/UI डिजाइनर्स की मांग बढ़ रही है. यह कोर्स रचनात्मक और तकनीकी कौशल का बैलेंस प्रदान करता है.

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3- बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन (BJMC) – डिजिटल मीडिया स्पेशलाइजेशन
यह कोर्स डिजिटल पत्रकारिता, कंटेंट क्रिएशन और मल्टीमीडिया प्रोडक्शन पर फोकस्ड है. अगर आप आर्ट्स के स्टूडेंट हैं और राइटिंग, एंकरिंग आदि में दिलचस्पी है तो यह कोर्स आपके लिए परफेक्ट है. इसके लिए कम्युनिकेशन स्किल्स बेहतर होना भी जरूरी है. इसकी अवधि 3 साल है.

संस्थान:
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल
दिल्ली यूनिवर्सिटी (कुछ कॉलेज)
क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु

करियर विकल्प: डिजिटल कंटेंट क्रिएटर, मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट, PR स्पेशलिस्ट. औसत वेतन: 3-7 लाख सालाना.

एडमिशन: मेरिट या प्रवेश परीक्षा (जैसे DUET, IIMC प्रवेश परीक्षा); 12वीं में 50% अंक.

क्यों चुनें?: डिजिटल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की बढ़ती मांग इसे फ्यूतर ओरिएंटेड बनाती है. यह कोर्स करके आप अपना यूट्यूब चैनल भी स्टार्ट कर सकते हैं.

4- बैचलर ऑफ इवेंट मैनेजमेंट (B.A./BBA in Event Management)
इवेंट मैनेजमेंट में कॉन्सर्ट्स, कॉरपोरेट इवेंट्स और वेडिंग प्लानिंग जैसे आयोजनों की योजना और मैनेजमेंट करना सिखाया जाता है. आर्ट्स के स्टूडेंट्स की ऑर्गेनाइजेशनल और क्रिएटिव क्षमताएं इस क्षेत्र में उपयोगी हैं. इसकी अवधि भी 3 साल है.

संस्थान:
IGNOU (डिस्टेंस मोड)
डीएवी कॉलेज, चंडीगढ़
नेशनल एकेडमी ऑफ इवेंट मैनेजमेंट (NAEMD), मुंबई

करियर विकल्प: इवेंट प्लानर, वेडिंग कोऑर्डिनेटर, कॉरपोरेट इवेंट मैनेजर. औसत वेतन: 3-6 लाख रुपये सालाना.

एडमिशन: मेरिट-आधारित या कॉलेज-विशिष्ट प्रवेश परीक्षा; 12वीं में 45-50% अंक.

क्यों चुनें?: इवेंट इंडस्ट्री भारत में तेजी से बढ़ रही है, खासकर वेडिंग और कॉरपोरेट सेगमेंट मेंय यह कोर्स कम लागत में शुरुआती करियर के लिए उपयुक्त है.

5- बैचलर ऑफ हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म मैनेजमेंट (BHM/B.A. in Tourism)
इस कोर्स के जरिए टूरिज्म, हॉस्पिटैलिटी और ट्रैवल इंडस्ट्री के लिए मैनेजमेंट स्किल्स सीख सकते हैं. इसमें कल्चरल सेंसिटिविटी और कस्टमर सर्विस भी शामिल है. आर्ट्स के स्टूडेंट्स की सामाजिक समझ इसे उपयुक्त बनाती है. इसकी अवधि 3-4 वर्ष है.

संस्थान:
भारतीय पर्यटन और यात्रा प्रबंधन संस्थान (IITTM), ग्वालियर
दिल्ली यूनिवर्सिटी (कुछ कॉलेज)
क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु

करियर विकल्प: टूअर ऑपरेटर, हॉस्पिटैलिटी मैनेजर, ट्रैवल कंसल्टेंट. औसत वेतन: 3-8 LPA.

एडमिशन: मेरिट या प्रवेश परीक्षा (जैसे IITTM प्रवेश परीक्षा, UGAT); 12वीं में 50% अंक.

क्यों चुनें?: भारत में पर्यटन उद्योग का विस्तार हो रहा है. यह कोर्स ग्लोबल लेवल पर अच्छे अवसर प्रदान करता है.

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Credits To Live Hindustan

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