आंधी-तूफान और ओलावृष्टि: दिल्ली में मई महीने में मौसम की अनिश्चितता के पीछे क्या कारण?

राजधानी दिल्ली के मौसम में जल्दी-जल्दी तेजी से बदलाव देखा जा रहा है। दिल्ली ने पिछले दो हफ्ते में हर तरह का मौसम देखा है जिसमें भीषण गर्मी से लेकर भारी बारिश, भयंकर तूफान और ओले से लेकर बिजली चमकने के साथ घने काले बादल तक शामिल हैं।
राजधानी दिल्ली के मौसम में जल्दी-जल्दी तेजी से बदलाव देखा जा रहा है। दिल्ली ने पिछले दो हफ्ते में हर तरह का मौसम देखा है जिसमें भीषण गर्मी से लेकर भारी बारिश, भयंकर तूफान और ओले से लेकर बिजली चमकने के साथ घने काले बादल तक शामिल हैं। इस महीने आए भीषण तूफान से दिल्ली-एनसीआर में 10 लोगों की मौत हो गई। 200 से अधिक पेड़ गिर गए, खड़ी कारें क्षतिग्रस्त हो गईं और बिजली लाइनों के साथ ही पब्ल्कि इंफ्रास्ट्रक्चर को भी नुकसान पहुंचा है।
मौसम के इन उतार-चढ़ाव का क्या कारण?
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, इस तरह की तूफानी गतिविधि क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक जलवायु पैटर्न के अनुरूप होती है। हालांकि, मौसम विभाग ने कहा कि इस साल मई में फ्रिक्वेंसी और प्रचंडता के मामले में यह अलग रहा है। प्री-मॉनसून महीने में गरज के साथ बारिश होना कोई असामान्य बात नहीं है।
दरअसल, जलवायु की दृष्टि से मई में दिल्ली में सबसे अधिक तूफान वाले दिन दर्ज किए जाते हैं। दिल्ली के मौसम केंद्र सफदरजंग में लंबी अवधि के औसत (1991-2020) के अनुसार इस महीने में 3.6 तूफान वाले दिन दर्ज किए गए हैं। मई में दिल्ली में आंधी वाले दिनों की औसत संख्या बढ़कर 5.9 दिन हो जाती है। जनवरी से अप्रैल के बीच यह 1.4 से 3.4 दिनों के बीच होती है।
नमी ने तूफान के बनने में मदद की
आईएमडी के अधिकारियों ने यह भी कहा कि सामान्य दिनों की तुलना में अधिक नम हवाएं चलने से तूफानी गतिविधियां बढ़ गई हैं।
आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक कृष्ण मिश्रा ने बताया, “बंगाल की खाड़ी से आने वाली पूर्वी या दक्षिण-पूर्वी हवाएं और अरब सागर से आने वाली दक्षिण-पश्चिमी हवाएं नम हवाएं कहलाती हैं क्योंकि वे उत्तर-पश्चिम भारत में नमी पहुंचाती हैं। जब भी ये हवाएं निचले क्षोभमंडल स्तरों पर प्रबल होती हैं, तो पूर्व-पश्चिम या उत्तर-दक्षिण गर्त बन जाता है।”
नम हवाओं के ऐसे बढ़े हुए दिनों ने इस महीने में लगातार गरज के साथ बारिश की गतिविधि को बढ़ावा दिया है, जबकि आमतौर पर शुष्क उत्तर-पश्चिमी या पश्चिमी हवाएं कम प्रभावी रही हैं।
मई एक ट्रांजिशनल महीना है, जो भीषण गर्मी के लिए जाना जाता है। इसलिए, गर्म भूमि द्रव्यमान, लगातार पश्चिमी विक्षोभ के साथ मिलकर, तूफान और गरज के साथ बारिश के लिए अनुकूल हो सकता है। इस महीने के दौरान, दिन का तापमान अक्सर 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है, जो नम हवा के आने पर वायलेंट कन्वेक्टिव एक्टिविटी के लिए उपयुक्त वातावरण का निर्माण करता है।
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