नागपुर: आसमान में सूरज के इर्द-गिर्द दिखा गोला, क्या होता है सन-हेलो?
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Nagpur Halo News: नागपुर में सूरज के चारों ओर दुर्लभ ‘सन हेलो’ दिखाई दिया. यह कुछ कुछ इंद्र-धनुश की तरह लग रहा था. यह एक मजेदार प्राकृतिक घटना है जिसे 22 डिग्री हेलो भी कहते हैं. यह सिरस बादलों में बर्फ के क्रि…और पढ़ें

नागपुर में यह घटना देखने को मिली. (News18)
हाइलाइट्स
- आज नागपुर में दुर्लभ ‘सन हेलो’ देखा गया.
- यह घटना सिरस बादलों में बर्फ के क्रिस्टलों से बनती है.
- सन हेलो 22 डिग्री के कोण पर सूरज को घेरे हुए दिखता है.
नागपुर. महाराष्ट्र के नागपुर में आज आसमान में सूरज के चारों तरफ एक बड़ा सा गोला नजर आया. इस अद्भुत दृश्य को विज्ञान की नजर में ‘हैलो’ (Halo) कहा जाता है. यह एक दुर्लभ घटना है, जो इस वक्त चर्चा का विषय बनी हुई है. सोशल मीडिया पर लगातार इसे लेकर तस्वीरें वायरल हो रही हैं. बड़ा सवाल यह है कि आखिर हेलो क्या है और यह कैसे बनता है? इसके पीछे कोई खतरे का अंदेशा तो नहीं. चलिए हम आपको इसके बारे में विस्तार में बताते हैं.
सन हेलो क्या होता है?
सूरज के चारों ओर दिखने वाले चमकदार, गोलाकार इंद्रधनुषी आकृति को सन हेलो कहते हैं. यह एक वायुमंडलीय ऑप्टिकल घटना है, जो सामान्यतः 22 डिग्री के कोण पर सूरज को घेरे हुए दिखाई देती है. इसलिए इसे 22 डिग्री हेलो भी कहा जाता हैं. सन हेलो हवा में मौजूद बर्फ के क्रिस्टलों पर निर्भर करता है. जब आसमान में बहुत ऊंचाई पर सिरस बादल होते हैं, तो ये क्रिस्टल सूरज की रोशनी को रिफरेक्ट व रिफलेक्ट (अपवर्तित और परावर्तित) करते हैं. इन क्रिस्टलों का आकार हेक्सागोन होता है. जब सूर्य का प्रकाश इनसे गुजरता है, तो यह 22 डिग्री के कोण पर मुड़ता है, जिससे सूरज के चारों ओर एक हल्का इंद्रधनुष जैसा घेरा बनता है. यह प्रभाव प्रिज़्म में प्रकाश के विभाजन से इंद्रधनुष बनने जैसा है.
कितनी बार और कब दिखता है सन हेलो?
सन हेलो साल में कभी-कभी ही दिखाई देता है. यह सामान्यतः तभी दिखता है जब वायुमंडल में हाई-लेवल की नमी हो और सिरस बादल मौजूद हों. यह घटना गर्मी और मानसून की शुरुआत से पहले अधिक देखने को मिलती है. सन हेलो खुद में कोई खतरा नहीं है, लेकिन कभी-कभी यह मौसम बदलने का संकेत माना जाता है. विशेषकर बारिश या तूफान की संभावना हो सकती है. पुरानी लोक मान्यताओं में भी इसे मौसम का संकेत माना गया है.
सन हेलो क्यों खास है?
सन हेलो एक दुर्लभ और शानदार प्राकृतिक घटना है. यह विज्ञान, कला और रहस्य को एक साथ समेटे होती है. नागपुर में दिखा यह दृश्य न केवल वहां के लोगों के लिए एक मजेदार पल थे बल्कि यह हमें याद दिलाता है कि प्रकृति के पास आज भी बहुत से चमत्कार छुपे हुए हैं.
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पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और…और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और… और पढ़ें
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