₹20000 करोड़ का पलीता, अब इस राज्य ने तुर्की और अजरबैजान को सिखाया सबक
Last Updated:
Boycott Turkey News: पहलगाम टेरर अटैक के बाद तुर्की और अजरबैजान ने आतंक का साथ देते हुए पाकिस्तान का समर्थन किया था. अब भारत की ओर से लगातार इकोनोमिक अटैक किया जा रहा है.

महाराष्ट्र चैंबर ऑफ कॉमर्स ने तुर्की और अजरबैजान का बहिष्कार करने का फैसला किया है. (सांकेतिक तस्वीर)
नासिक. पहलगाम की बैसरन घाटी में धर्म पूछकर पर्यटकों की हत्या करने के बाद भारत ने आतंकवादियों और उनके आका पाकिस्तान को सबक सिखाया है. ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय जवानों ने पीओके और पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों के 9 अड्डों को तबाह कर दिया. इसके अलावा पाकिस्तान फौज के 11 एयरबेस को भी निशाना बनाया गया था. आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में चीन, तुर्की और अजरबैजान जैसे देशों ने पाकिस्तान का साथ दिया था. अब भारत की ओर से तुर्की और अजरबैजान के बहिष्कार की मुहिम चल रही है, जिसका खामियाजा इन दोनों देशों को भुगतना पड़ रहा है. अब एक और राज्य ने इन दोनों देशों के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए तुर्की और अजरबैजान के साथ किसी भी तरह का व्यापार न करने का ऐलान किया है. इससे इन दोनों देशों को 20000 करोड़ रुपये का नुकसान होने के आसार हैं.
दरअसल, महाराष्ट्र चैंबर ऑफ कॉमर्स, उद्योग और कृषि (एमएसीसीआईए) ने एक अहम बैठक में तुर्की और अजरबैजान के साथ भविष्य में किसी प्रकार का कोई व्यापार नहीं करने का फैसला लिया है. एमएसीसीआईए की ओर से यह फैसला ऑपरेशन सिंदूर के समय तुर्की और अजरबैजान द्वारा पाकिस्तान का खुलकर समर्थन करने के बाद लिया गया है. एमएसीसीआईए के उपाध्यक्ष (उत्तर महाराष्ट्र) अविनाश सोनावने ने कहा कि तुर्की से हम सेब का आयात करते हैं, लेकिन पाकिस्तान का समर्थन करने के कारण अब वहां से सेब का आयात बंद कर दिया गया है. हमारे पास इसके लिए कश्मीर और अमेरिका के सेब जैसे विकल्प उपलब्ध हैं.
20000 करोड़ का पलीता
अविनाश सोनावने ने आगे बताया कि ड्राई फ्रूट के बिजनेस को भी पूरी तरह से रोक दिया गया है. साथ ही कहा कि हमारी कोशिश है कि महाराष्ट्र में किसी भी दुकान पर तुर्की और अजरबैजान का सामान न बिके. वहीं, एमएसीसीआईए के एक अन्य सदस्य ने कहा कि पाकिस्तान ने आंतकियों के जरिए जैसे आम लोगों को निशाना बनाया, वह निंदनीय है. हम लोग करीब 20,000 करोड़ रुपए के उत्पाद तुर्की और अजरबैजान से मंगाते हैं. पाकिस्तान को समर्थन के बाद भारत से तुर्की और अजरबैजान के लिए वीजा आवेदनों में 42 प्रतिशत की तेज गिरावट दर्ज की गई है.
टूरिस्ट सेक्टर पर भी असर
वीजा प्रॉसेसिंग प्लेटफॉर्म एटलिस से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, केवल 36 घंटों के भीतर वीजा आवेदन प्रक्रिया को बीच में ही छोड़ने वाले यूजर्स की संख्या में 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई. दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों से आने वाले यात्रियों ने तुर्की जाने के लिए आवेदनों में 53 प्रतिशत की गिरावट दर्ज करवाई, जबकि इंदौर और जयपुर जैसे टियर 2 शहरों से आने वाले यात्रियों की रुचि अधिक मजबूत रही, जो केवल 20 प्रतिशत कम रही. एटलिस के संस्थापक और सीईओ मोहक नाहटा ने कहा, ‘प्रतिक्रिया तीव्र और व्यवहारिक थी. लोगों को कुछ डेस्टिनेशन से बचने के लिए कहने की आवश्यकता नहीं थी. वे सहज ज्ञान, जानकारी और विकल्पों तक पहुंच के आधार पर आगे बढ़े. यह मॉडर्न ट्रैवल को दिखाता है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘इसी भावना में हमने भारत के साथ खड़े होकर और राष्ट्रीय भावना के साथ एकजुटता दिखाते हुए तुर्की और अजरबैजान के लिए सभी मार्केटिंग प्रयासों को भी रोक दिया.’
About the Author

बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु…और पढ़ें
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु… और पढ़ें
और पढ़ें
Credits To Live Hindustan