रेखा गुप्ता सरकार का अवैध बांग्लादेशियों पर प्रहार, अब उससे भी बड़ा एक्शन
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Illegal Bangladeshi News: भारत सरकार ने देश में अवैध तरीके से रहने वाले बांग्लादेशियों को देश से बाहर निकालने के लिए मुहिम चलाई हुई है. राज्य सरकार की ओर से भी इस दिशा में ताबड़तोड़ कदम उठाए जा रहे हैं.

दिल्ली में 13 अवैध बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया गय है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली. अवैध बांग्लादेशी देश की सुरक्षा के साथ ही कानून-व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा बने हुए हैं. तस्करी समेत अन्य कई तरह के अपराध में ऐसे अवैध प्रवासियों का नाम अक्सर ही सामने आते रहता है. ये अवैध बांग्लादेशी नागरिक स्थानीय अधिकारियों-कर्मचारियों और एजेंट के माध्यम से आधार कार्ड, वोटर आईडी, पैन कार्ड आदि बनवाकर सरकारी सुविधाओं का लाभ भी उठाते हैं, ऐसे में पात्र लोगों की हकमारी होती है. इसे देखते हुए अवैध बांग्लादेशियों की पहचान कर उन्हें डिपोर्ट करने का अभियान चलाया गया है. इस दिशा में दिल्ली पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. देश की राजधानी में 13 अवैध बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया गया है. अब इन्हें डिपोर्ट करने की तैयारी चल रही है.
जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए उत्तरी दिल्ली के औचंदी गांव से 13 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया है. इन सभी पर वैलिड दस्तावेजों के बिना भारत में रहने का आरोप है. पुलिस ने इनके कब्जे से बांग्लादेशी पहचान पत्र भी बरामद किए हैं. पुलिस के मुताबिक, क्राइम ब्रांच की एक टीम बनाई गई, जिसके बाद स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर टीम ने जाल बिछाया. हेड कांस्टेबल राजबीर को 13 मई 2025 को एक विश्वसनीय मुखबिर से सूचना मिली थी कि कुछ बांग्लादेशी अवैध अप्रवासी दिल्ली के औचंदी गांव में रहने की जगह तलाश रहे हैं. त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम ने इलाके की घेराबंदी की और 15 मई 2025 को 13 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ने में सफलता हासिल की.
अवैध बांग्लादेशियों की हुई पहचान
पूछताछ के दौरान पकड़े गए व्यक्तियों ने कबूल किया कि वे बांग्लादेश से हैं और उनके पास भारत में रहने के लिए उचित दस्तावेज नहीं हैं. ये सभी बांग्लादेश के जिला खुदीग्राम के गांव खुशवाली के रहने वाले हैं. इनकी पहचान मोहम्मद रफीकुल (50), उनकी पत्नी खतेजा बेगम (41), मोहम्मद अनवर हुसैन (37), मोहम्मद अमीनुल इस्लाम (28), उनकी पत्नी जोरिना बेगम (27), अफरोजा खातून (25), मोहम्मद खाखोन (20), उनकी पत्नी हसना (19) और 5 नाबालिग बच्चे शामिल हैं.
एजेंट की मदद से भारत में घुसे
बांग्लादेशियों ने बताया कि वे लगभग दो साल पहले बांग्लादेश के रहने वाले जलील अहमद नामक एक व्यक्ति की मदद से भारत आए थे. उसने बस से अपने गांव से यात्रा शुरू की और भारत-बांग्लादेश सीमा क्षेत्र पर पहुंचे. वहां से वे बिना बाड़ वाले खेतों के रास्ते सीमा पार कर गए और फिर कूच बिहार रेलवे स्टेशन तक एक ऑटो रिक्शा किराए पर लिया. उनका एजेंट जलील अहमद कूचबिहार से बांग्लादेश लौट गया, जबकि वे ट्रेन से दिल्ली के लिए रवाना हो गए. वे बस से हरियाणा के खरखोदा पहुंचे, जहां उन्होंने गांव सिसाना में स्थित एक ईंट-भट्ठे में दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करना शुरू कर दिया. पुलिस ने बताया कि इन सभी को वापस बांग्लादेश भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
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बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु…और पढ़ें
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु… और पढ़ें
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