नीरव मोदी की हर चाल नाकाम, ED ने कैसे बेल किया फेल? चौथी कोशिश भी खारिज

नई दिल्ली: ब्रिटेन की हाईकोर्ट ने भारत के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले के आरोपी भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी को एक बार फिर जोरदार झटका दिया है. पंजाब नेशनल बैंक (PNB) से करीब 6,498 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के आरोपी नीरव मोदी की चौथी जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है. यह फैसला ब्रिटेन की हाई कोर्ट ऑफ जस्टिस, किंग्स बेंच डिवीजन ने 15 मई को सुनाया.
नीरव मोदी ने इस बार खराब स्वास्थ्य, कानूनी प्रक्रिया में देरी और पहले से जेल में बिताए समय का हवाला देकर जमानत मांगी थी. लेकिन कोर्ट ने इन दलीलों को सिरे से खारिज कर दिया. अदालत ने कहा कि यह मामला गंभीर वित्तीय धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
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एक बार फिर बेल फेल
नीरव मोदी इससे पहले UK की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में छह बार और हाई कोर्ट में तीन बार बेल की अर्जी लगा चुका है. लेकिन हर बार उसे निराशा ही हाथ लगी. यह उसकी चौथी हाईकोर्ट अपील थी जिसे 21 मार्च को दाखिल किया गया था.
नीरव मोदी केस: एक नजर में टाइमलाइन
तारीख | घटना |
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14 फरवरी 2018 | CBI ने PNB घोटाले में नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के खिलाफ FIR दर्ज की. |
19 मार्च 2019 | स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने लंदन में नीरव मोदी को भारत के अनुरोध पर गिरफ्तार किया. |
2019–2024 | वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में 6 बार बेल याचिका दायर, हर बार खारिज. |
7 मई 2024 | यूके हाईकोर्ट ने तीसरी बेल याचिका खारिज की. |
15 मई 2024 | चौथी बेल याचिका भी हाईकोर्ट ने ठुकरा दी; कोर्ट ने सबूतों को गंभीर माना. |
अब तक | 2,626.62 करोड़ रुपये की संपत्तियां ED ने जब्त कीं, जिनमें से 1,052 करोड़ PNB को लौटाए. |
ED ने किए पुख्ता खुलासे
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अदालत को बताया कि नीरव मोदी ने कई शेल कंपनियों के जरिये भारत से अवैध रूप से पैसा निकालकर ब्रिटेन सहित कई देशों में भेजा. ED ने कोर्ट को यह भी बताया कि उन्होंने अब तक 2,626.62 करोड़ रुपए की संपत्तियों का पता लगाकर उन्हें जब्त किया है, जिनमें से 1,052.42 करोड़ रुपए PNB को वापस भी किए जा चुके हैं.
ED के अनुसार यह केस 14 फरवरी 2018 को CBI की FIR के आधार पर दर्ज किया गया था और मार्च 2019 में स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने नीरव मोदी को गिरफ्तार किया था. यह गिरफ्तारी भारत के द्वारा भेजे गए गैर-जमानती वारंट के बाद हुई थी.
कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने साफ कहा कि नीरव मोदी द्वारा किए गए अपराध की गंभीरता और अंतरराष्ट्रीय लेवल की साजिश को देखते हुए जमानत देना उचित नहीं होगा. अदालत ने कहा कि आरोपी ने जघन्य आर्थिक अपराध को अंजाम दिया है और अब वह प्रत्यर्पण से बचने की कोशिश कर रहा है. ब्रिटिश कोर्ट ने भारतीय एजेंसियों, क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) और ED के तर्कों को पूरी तरह स्वीकार करते हुए फैसला भारत के पक्ष में सुनाया.
भारत की बड़ी कानूनी जीत
यह फैसला भारत के लिए एक कानूनी और कूटनीतिक जीत मानी जा रही है. भारत सरकार लंबे समय से नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के प्रयास कर रही है. इस फैसले ने उस दिशा में एक मजबूत आधार तैयार किया है. अब यह उम्मीद और तेज हो गई है कि नीरव मोदी को जल्द भारत लाया जा सकेगा.
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