क्यों पाकिस्तान में जनरल मुनीर को कहते हैं ‘हाफिज ए कुरान’, क्या हटाए जाएंगे
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर पिछले कुछ समय से लगातार सुर्खियों में हैं. वह भारत के कट्टर विरोधी हैं. उनके कार्यकाल में पाकिस्तान में आतंकवादियों को पालने – पोसने और भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने का काम कहीं ज्यादा तेज हो गया. इसी वजह से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और संघर्ष की स्थिति बनी. बड़ा युद्ध होते होते रह गया. भारतीय सेना के आपरेशन के बाद लग रहा है कि पाकिस्तान को बहुत नुकसान उठाना पड़ा है. इसके बाद वो अपने देश में जबरदस्त आलोचना का शिकार हुए. उनकी लोकप्रियता में भारी गिरावट देखी गई.
सेना में भी उनके खिलाफ असंतोष की स्थिति बताई जाती है. उनके तेवर और तरीके जनरल जिया उल हक जैसा है, जिन्होंने जुल्फिकार अली भुट्टो की सरकार को उखाड़ फेंका. फिर खुद सैन्य शासक बन गए. उन्होंने पाकिस्तान की सेना में कट्टर धार्मिकता का जहर भरने का काम किया. जनरल आसिम मुनीर भी कुछ हद तक वैसे ही हैं. वह निर्मम, कुटिल और विरोधियों को कुचलने वाले शख्स हैं.
सवाल – पाकिस्तान में जनरल मुनीर की इमेज सेना प्रमुख के तौर पर कैसी है?
– पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जेल भेजने और भारत के खिलाफ तनाव को बहुत ज्यादा बढ़ाने के लिए जनरल मुनीर की लोकप्रियता पाकिस्तान में बहुत गिरी है. उन्हें पाकिस्तान के इतिहास में सबसे अलोकप्रिय सेना प्रमुखों में एक माना जा रहा है. पहलगाम हमले के बाद भारत-पाक तनाव के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, जिससे न केवल भारत बल्कि पाकिस्तान की जनता में भी उनके खिलाफ गुस्सा बढ़ा है.
सोशल मीडिया पर #MunirOut जैसे ट्रेंड वायरल हुए, जो उनकी अलोकप्रियता और उनके खिलाफ जनता के आक्रोश को दिखाते हैं. इमरान खान के समर्थकों और अन्य विपक्षी दलों, जैसे मौलाना फजलुर रहमान की अगुवाई वाले गुटों ने भी उनके खिलाफ आंदोलन तेज किए हैं.

शहबाज शरीफ के कंट्रोल में जनरल मुनीर की सेना नहीं है.(Image:News18)
सवाल – क्या पाकिस्तान सेना के अंदर भी उनके खिलाफ असंतोष की स्थिति है?
– हां, उपलब्ध जानकारी के आधार पर जनरल आसिम मुनीर के खिलाफ पाकिस्तानी सेना के कुछ हिस्सों में असंतोष बना हुआ है. ये उनकी नीतियों, नेतृत्व शैली और हालिया भारत-पाकिस्तान तनाव से जुड़े हैं. कश्मीर में आतंकवाद फैलाने और इसकी वजह से भारत से युद्ध जैसे हालात बनाने के लिए सेना के कुछ अधिकारियों और सैनिकों में उनके नेतृत्व पर सवाल उठे. भारत की जवाबी कार्रवाइयों ने पाकिस्तानी सेना को कमजोर स्थिति में ला दिया.
कुछ रिटायर्ड सैन्य अधिकारियों ने दावा किया कि मुनीर की नीतियां पाकिस्तान को 1971 जैसे हालात की ओर ले जा रही हैं. उन्होंने कहा कि मुनीर ने आतंकी हमलों को बढ़ावा देकर सेना की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है.
मुनीर ने सेना में अपने विरोधियों को हटाकर वफादार अधिकारियों को प्रमुख पदों पर नियुक्त किया है इससे जूनियर से सीनियर अफसरों तक में असंतोष पैदा हुआ. कुछ दावों के अनुसार, मुनीर के नेतृत्व से असंतुष्ट होकर 4,500 सैनिकों और 250 अधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया. हालांकि पाकिस्तानी सेना ने इन दावों को “भारतीय प्रचार” करार दिया. सेना के बहुत से अधिकारी उनको उनकी धार्मिक बयानबाजी और सैन्य संसाधनों के कथित दुरुपयोग के कारण पसंद नहीं करते. कई सैन्य अधिकारी और रिटायर्ड जनरल इसे सेना की पेशेवर और धर्मनिरपेक्ष छवि के लिए हानिकारक मानते हैं.
सवाल – उन पर आमतौर पर कौन से आरोप लगते हैं?
– मुनीर पर आरोप है कि वह सेना के संसाधनों का दुरुपयोग अपने निजी हितों के लिए कर रहे हैं. भारत के साथ तनाव के अलावा बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में आतंकी हमलों को नियंत्रित करने में वह नाकामयाब रहे हैं, जिसका असर सेना के मनोबल पर पड़ा है. कई सैनिक और अधिकारी मुनीर की रणनीतियों को अप्रभावी मानते हैं.

पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल आसिम मुनीर इन दिनों खौफ में हैं. भारत के खिलाफ युद्ध जैसा माहौल बनाने और दोनों देशों के बीच जबरदस्त संघर्ष के बाद उनके देश की जनता उनसे खफा भी है.
सवाल – ये खबरें भी आईं कि भारत के खिलाफ जिस तरह युद्ध की स्थिति बनी, उसमें शहबाज शरीफ सरकार की स्थिति अजीब हो गई, क्या उन्हें पद से हटाया जा सकता है?
– जितनी शक्तियां जनरल आसिम मुनीर के पास हैं, उसमें उन्हें हटाना असंभव है. कम से कम शहबाज शरीफ सरकार तो उनको चाहकर भी नहीं हटा सकती. हालांकि कुछ विश्लेषकों और X पोस्ट्स ने दावा किया कि यदि सेना में असंतोष बढ़ता है, तो वहां विद्रोह या तख्तापलट की स्थिति बन सकती है. तब जरूर उनका पद पर रहना मुश्किल हो सकता है लेकिन ऐसा भी लगता नहीं कि होगा.
हालांकि पाकिस्तानी सेना ने मुनीर के खिलाफ असंतोष और इस्तीफों के दावों को खारिज किया है, इसे “भारतीय प्रचार” करार दिया. उनके अनुसार, सेना एकजुट है और मुनीर के नेतृत्व में मजबूत है.
लेकिन ये भी सही है कि सेना के कुछ हिस्सों, विशेष रूप से जूनियर रैंक, रिटायर्ड अधिकारियों, और इमरान खान के समर्थकों में असंतोष है. यह उनकी नीतियों, आंतरिक पक्षपात, और आर्थिक-रणनीतिक असफलताओं के कारण है. हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स ने दावा किया कि सेना के जूनियर अधिकारियों और रिटायर्ड जनरलों ने मुनीर से इस्तीफे की मांग की है.
सवाल – वो पाकिस्तान में किन हलकों में लोकप्रिय हैं?
– वह मुख्य तौर पर कट्टर इस्लामिक समूहों में पसंदीदा हैं. कुछ कट्टरपंथी और धार्मिक समूहों में उनकी छवि मजबूत हो सकती है. हालांकि ये व्यापक जनसमर्थन में तब्दील नहीं हुआ है.
सवाल – जनरल मुनीर ने कब पाकिस्तान सेना के प्रमुख का पद संभाला था?
– जनरल आसिम मुनीर ने 29 नवंबर 2022 को पाकिस्तान के सेना प्रमुख का पद संभाला था. ये तीन साल के लिए था. इस लिहाज से उनका कार्यकाल नवंबर 2025 में खत्म होने वाला था.

पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर आमतौर पर मीडिया से दूरी बनाकर रखते हैं. इसीलिए उनकी जानकारी बहुत कम पब्लिक डोमैन में है. (वीडियो ग्रैब)
सवाल – तो क्या अब उनका कार्यकाल खत्म नहीं हो रहा, अगर ऐसा है तो क्या है वजह?
– दरअसल जब उन्होंने पद संभाला तो कुछ समय बाद शाहबाज सरकार से अपने कार्यकाल को तीन साल की बजाए पांच साल तक बढ़वा लिया. इसके लिए संसद में एक संशोधन पारित कराया गया. लिहाजा अभी वह नवंबर 2027 तक सेना के प्रमुख बने रहेंगे. इसमें ढाई साल बचे हैं.
सवाल – जनरल मुनीर कब से पाकिस्तानी सेना में हैं?
– जनरल आसिम मुनीर ने पाकिस्तान मिलिट्री एकेडमी से प्रशिक्षण प्राप्त किया. उन्हें 1986 में पाकिस्तान सेना में कमीशन मिला. वह सेना और आईएसआई में कई बड़े पदों पर रहे.
सवाल – कुल मिलाकर पाकिस्तानी सेना प्रमुख की इमेज कैसी है?
– उनकी छवि विवादास्पद रही है. अगर कुछ लोग उन्हें एक मजबूत नेता मानते हैं तो विपक्षी समूह और इमरान खान के समर्थक उन्हें भ्रष्टाचार, सत्ता के दुरुपयोग, और लोकतंत्र को कमजोर करने का जिम्मेदार ठहराते हैं.
सवाल – जनरल आसिम मुनीर के बारे में खुद पाकिस्तान के लोग भी क्यों बहुत ज्यादा नहीं जानते?
– मुनीर को सार्वजनिक रूप से कम बोलने वाला और गंभीर स्वभाव का व्यक्ति बताया जाता है. वह मीडिया से दूरी बनाए रखते हैं. अपने निजी जीवन को गोपनीय रखते हैं. मुनीर के निजी जीवन के बारे में ज्यादा जानकारी सार्वजनिक नहीं है. कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि उन्होंने अपने परिवार को सुरक्षा कारणों से विदेश (ब्रिटेन या अमेरिका) भेज दिया है, हालांकि इसकी कोई पुष्टि नहीं होती
सवाल – क्या ये सही है कि उन्हें पूरा कुरान याद है?
– जनरल आसिम मुनीर को “हाफिज-ए-कुरान” कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर पूरी कुरान को याद किया है. ये उनकी गहरी धार्मिकता को दिखाता है. पाकिस्तान के कुछ कट्टरपंथी समूहों में स्वीकार्यता भी बढ़ाता है. उन्हें बहुत से लोग मुल्ला मुनीर भी कहते हैं, हालांकि ऐसा उपनाम उन्हें तंज में ही मिला है.
वह अक्सर सेना में अपने संबोधन के दौरान कुरान की आयतों का उल्लेख जरूर करते हैं. कहा जाता है कि उनके टर्म में पाकिस्तानी सेना को धर्म की घुट्टी और ज्यादा पिलाई जाने लगी है.
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