World Bank से सिंधु जल संधि पर पाकिस्तान को लगा तगड़ा झटका, अजय बंगा ने नींद उड़ाने वाला दिया बयान

Indus Waters Treaty
Photo:FILE सिंधु जल संधि

पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में तनाव चरम पर है। भारत द्वारा पाकिस्तान परस्त आतंकवादी शिविर को नष्ट करने के बाद पाकिस्तान ने गुरुवार रात भारत पर हमला किया। भारतीय सेना ने पाकिस्तान के हमले का मुंहतोड़ जवाब और भारी नुकसान पहुंचाया। अब पाकिस्तान दुनियाभर में मदद की भीख मांग रहा है। इस बीच पाकिस्तान को एक और बड़ा झटका लगा है। यह झटका सिंधु जल संधि को लेकर लगा है जिसे भारत ने पहलगाम हमले के बाद अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था। अब World Bank के अध्यक्ष अजय बंगा ने कहा है कि वर्ल्ड बैंक की भारत और पाकिस्तान के बीच हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि में भूमिका सिर्फ फैसिलिटेटर की रही है। यानी हमारी ​भूमिका इस संधि को सरल बनाने वाली की रही है। इसके अलाव हमारी कोई भूमिका नहीं है। यह पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका है। अब वह इस मुद्दे को वैश्विक फोरम पर भी नहीं उठा पाएगा। वर्ल्ड बैंक से किसी भी मध्यस्था की उम्मीद नहीं की जा सकती है। 

1960 में हुआ था दोनों देशा के बीच समझौता 

सिंधु, झेलम और चिनाब के जल बंटवारे के लिए 1960 में दोनों देशों ने इस संधि पर हस्ताक्षर किए थे। भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले में 26 भारतीयों की हत्या के बाद दशकों पुरानी सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है। पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा के हवाले से सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, हमारी भूमिका केवल एक सुविधा-प्रदाता की है। मीडिया में इस बारे में बहुत अटकलें लगाई जा रही हैं कि विश्व बैंक किस तरह से इस समस्या को हल करेगा, लेकिन यह सब बेबुनियाद है। विश्व बैंक की भूमिका केवल एक सुविधा-प्रदाता की है। विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई सिंधु जल संधि के तहत 1960 से भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के पानी के बंटवारे एवं इस्तेमाल को नियंत्रित किया गया है।

सिंधु नदी है मुख्य नदी

सिंधु नदी प्रणाली में मुख्य नदी सिंधु और उसकी सहायक नदियां शामिल हैं। रावी, ब्यास, सतलुज, झेलम और चिनाब इसकी सहायक नदिया हैं। वहीं काबुल नदी भारतीय क्षेत्र से होकर नहीं बहती है। रावी, ब्यास और सतलुज को पूर्वी नदियां जबकि सिंधु, झेलम तथा चिनाब को पश्चिमी नदियां कहा जाता है। इस नदी प्रणाली का पानी भारत और पाकिस्तान दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। स्वतंत्रता के समय भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा रेखा सिंधु बेसिन से होकर गुजरती थी, जिससे भारत ऊपरी तटवर्ती देश और पाकिस्तान निचला तटवर्ती देश बन गया। 

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