पाकिस्तान के लिए निर्णायक है 9 मई का दिन! ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद एक और झटका
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Pakistan IMF Loan : भारत से युद्ध की तैयारी कर रहे पाकिस्तान के लिए 9 मई का दिन निर्णायक होने वाला है. आईएमएफ इस दिन पाकिस्तान को मिलने वाले 11 हजार करोड़ से ज्यादा के कर्ज की समीक्षा करेगा और फिर तय करेगा क…और पढ़ें

पाकिस्तान को आईएमएफ से कर्ज मिलने वाला है.
हाइलाइट्स
- आईएमएफ 9 मई को पाकिस्तान के कर्ज की समीक्षा करेगा.
- भारत ने पाकिस्तान को कर्ज देने का विरोध किया है.
- कर्ज न मिलने पर पाकिस्तान आर्थिक संकट में फंस सकता है.
नई दिल्ली. भारत से तनाव के बीच पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. अभी 7 मई को हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के सदमे से उबरा भी नहीं है कि 9 मई को एक और निर्णायक दिन आ गया है. अगर पाकिस्तान इस मोर्चे पर हार गया तो उसकी कमर टूट जाएगी और इसे ऑपरेशन सिंदूर से भी बड़ा झटका माना जा रहा है. वैसे तो यह लड़ाई भारत और पाकिस्तान की सीमा से हजारों किलोमीटर दूर लड़ी जाएगी, लेकिन इसका असर हर पाकिस्तानी और पड़ोसी देश की इकनॉमी पर पड़ना तय है.
पहले से ही भूखों मरने की कगार पर खड़े पाकिस्तान के लिए फिलहाल एक ही उम्मीद बची है अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष. आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए इस समय आईएमएफ से कर्ज यानी बेलआउट पैकेज लेना जीने-मरने जितना जरूरी है. ऊपर से भारत के साथ सैन्य तनाव की वजह उसका संकट और बढ़ गया है. आईएमएफ 9 मई को पाकिस्तान के एक्टेंडेड फंडिंग फैसिलिटी (EFF) की समीक्षा करेगा. इसके बाद ही तय होगा कि पाकिस्तान को 1.3 अरब डॉलर (करीब 11.30 हजार करोड़ रुपये) का कर्ज दिया जाए अथवा नहीं.
भारत कर रहा पुरजोर विरोध
पाकिस्तान को आईएमएफ से मिलने वाले कर्ज को लेकर भारत ने अपना विरोध दर्ज करा दिया है. भारत ने आईएमएफ की ओर से पाकिस्तान को दिए जाने वाले कर्ज की समीक्षा करने का आग्रह किया है. इस पर आपत्ति जताते हुए भारत ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान इस धनराशि का इस्तेमाल अपनी ग्रोथ के लिए करने के बजाय लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को मदद के लिए किया जाता है. इसका सीधा असर भारत पर भी पड़ रहा है, लिहाजा इस तरह के किसी भी कर्ज को मंजूरी नहीं दिया जाना चाहिए.
क्यों समीक्षा कर रहा आईएमएफ
आईएमएफ ने इससे पहले भी पाकिस्तान की इकनॉमिक स्टेबिलिटी के लिए बेलआउट पैकेज दिया है. 9 मई को होने वाली समीक्षा बैठक में यह देखा जाएगा कि क्या पाकिस्तान ने अगली किस्त प्राप्त करने के लिए आवश्यक मानकों में सुधार किया है अथवा नहीं. साल 2023 में आईएमएफ ने पाकिस्तान को 7 अरब डॉलर (करीब 60 हजार करोड़ रुपये) का बेलआउट पैकेज दिया था. इसके बाद मार्च, 2024 में जलवायु समर्थन के लिए 11 हजार करोड़ रुपये और दिए गए. यह राशि ऐसे देश के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है, जिसकी अर्थव्यवस्था 350 अरब डॉलर से ज्यादा है.
रकम नहीं मिली तो क्या होगा
भारत के विरोध के बाद अगर पाकिस्तान को यह राशि नहीं मिलती है तो वह भयंकर आर्थिक संकट में फंस जाएगा. अभी उसे अपने जरूरी खर्चों के लिए पैसे की सख्त जरूरत है. महंगाई और खाद्यान्न संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को अपने मोटे कर्ज का ब्याज भी चुकाना है और इसके लिए भी पैसा चाहिए. अगर उसे आईएमएफ की मदद नहीं मिलती तो वह अपना कर्ज डिफॉल्ट कर जाएगा. इतना ही नहीं, पाकिस्तान को भारत से सैन्य संघर्ष के लिए भी पैसे चाहिए होंगे और उसके खाली हो चुके खजाने के लिए फिलहाल आईएमएफ से कर्ज मिलने का ही भरोसा है.
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प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि…और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि… और पढ़ें
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