पाकिस्तान के 4 टुकड़े करने का प्लान तैयार, मॉक ड्रिल तो झांकी, असली खेल बांकी?

नई दिल्ली: भारत-पाक टेंशन के बीच 7 मई को मॉक ड्रिल है. भारत में 54 साल बाद मॉक ड्रिल होने जा रही है. 1991 में जब मॉक ड्रिल हुई थी, तब पाकिस्तान के दो टुकड़े हुए थे. जी हां, 1971 की वो यादें आज भी ताजा हैं. कैसे भारत-पाक युद्ध से पहले मॉक ड्रिल शुरू हुई थी. सायरन बजते थे तो लोग घरों में दुबक जाते थे. रातों को पहरेदारी कर लोग अपनी रातें बिताते थें. तब पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी थी. पाकिस्तान के दो टुकड़े हुए थे, पश्चिम हिस्सा तो पाकिस्तान ही रहा मगर पूर्वी हिस्सा बंग्लादेश बन गया. अब 54 साल बाद फिर भारत-पाक आमने सामने हैं. दोनों जंग के मुहाने पर खड़े हैं. कभी भी भारत-पाकिस्तान में युद्ध छिड़ सकता है. ऐसे में भारत ने भी अपनी ओर से तैयारी पूरी कर ली है. इसी के तहत कल यानी 7 मई को मॉक ड्रिल है.

पहलगाम अटैक का बदला लेने का भारत ने प्लान तैयार कर लिया है. ऐसा लग रहा है कि पाकिस्तान पर अटैक करने से पहले भारत अपनी पूरी तैयारी देखना चाहता है. यही वजह है कि 7 मई को देशभर में मॉक ड्रिल होगी. इसमें 244 जिलों को शामिल होना है. इसमें युद्ध वाले सायरन बजेंगे. भारत-पाकिस्तान के बीच जंग होगी या नहीं, यह सवाल भविष्य के गर्भ में है. मगर 7 मई 2025 को होने वाली मॉक ड्रिल एक तरह से युद्ध से पहले की आखिरी तैयारी है. अभी दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है. पहलगाम अटैक के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते बेहद तल्ख हो गए हैं. इस बार दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान चार टुकड़ों में बंट जाएगा.

सूत्रों का कहना है कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच जंग होती है तो पड़ोसी मुल्क के लिए खतरे की घंटी है. पाकिस्तान के चार टुकड़े होने से उसका आका चीन भी नहीं बचा सकता. बलूचिस्तान, सिंध, खैबर पख्तूनख्वा, और पंजाब. अगर जंग होती है तो ये चारों अलग-अलग हिस्सों में बंट सकते हैं. इतना ही नहीं, पाकिस्तान के कब्जे वाला पीओके भी भारत के पास आ जाएगा. इस बाबत सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा हो रही है. हालांकि, यह चर्चा हवा में नहीं है. खुद भाजपा सांसद निशिकांत दुबे भी इस बात को लेकर दावा करते रहे हैं. इसके पीछे सॉलिड तर्क है.

बलूचिस्तान और सिंध होंगे अलग
एक्सपर्ट्स की मानें तो भारत से भिड़ने चले पाकिस्तान की हालत पहले से खराब है. वह भले युद्ध की गीदड़भभकी दे दे, मगर वह खुद आंतरिक और बाहरी मोर्चों पर कमजोर है. कई चुनौतियों का सामना कर रहा है. बलूचिस्तान, सिंध, पख्तूनिस्तान और पंजाब में जो हालात बने हुए हैं, वह पाक‍िस्‍तान के टुकड़े-टुकड़े होने का संकेत देते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि बलूचिस्तान और सिंध में पहले से ही अलगाववादी आंदोलन मजबूत हैं. बलूच आर्मी ने तो पाकिस्तान के नाक में दम कर रखा है. बीते दिनों ट्रेन हाईजैक करके शहबाज सरकार की बीएलए ने नींद उड़ा दी थी. सिंध में भी हालत कुछ ऐसी ही है. यही वजह है कि पाकिस्तान से ये प्रांत नहीं संभल रहे.

खैबर पख्तूनख्वा
वहीं, खैबर पख्तूनख्वा में पश्तून आबादी बहुसंख्यक है. यहां भी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और पश्तून विद्रोहियों ने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ विद्रोह तेज कर दिया है. यहां के कई पश्तून या तो अफगानिस्तान के साथ एकीकरण चाहते हैं या एक अलग पश्तूनिस्तान की मांग करते हैं. अगर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होता है तो पाकिस्तान का एक और टुकड़ा होना संभव है.

पंजाब प्रांत भी होगा अलग
पंजाब पाकिस्तान का सबसे शक्तिशाली और मजबूत प्रांत है. युद्ध की स्थिति में आर्थिक संकट और अन्य प्रांतों के अलग होने से यह कमजोर हो सकता है. सेना में पंजाब प्रांत का बड़ा दखल है. पाक‍िस्‍तानी आर्मी और पॉलिटिकल लीडरश‍िप में इस प्रांत का दबदबा है. हालांकि, यह इलाका आर्थिक संकट, महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रहा है. इंडस वॉटर ट्रीटी के सस्‍पेंशन से पंजाब का एग्रीकल्‍चर बुरी तरह प्रभाव‍ित हुआ है. इससे इनकी आमदनी ही बंद नहीं होगी, खाना पीना भी मुश्क‍िल हो जाएगा. भले ही बलूचिस्तान की तरह पंजाब में कोई सक्रिय अलगाववादी आंदोलन नहीं है, मगर आर्थिक कमर टूटने से पंजाब पर भी असर पड़ेगा.

क्या सच में पाक खंड-खंड हो सकता है?
यह बिल्कुल मुमकिन है. एक तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है. दूसरी अगर भारत से पंगा लेता है तो उसकी स्थिति और खराब हो सकती है. पाकिस्तान से अलग होने की चाह रखने वाले विद्रोहियों को एक गोल्डन मौका मिल सकता है. इधर, भारत के सिंधु जल संधि को निलंबित करने से पाक में जल संकट गहरा गया है. ऐसे में पाकिस्तान पर भारत का अटैक पड़ोसी मुल्क की उल्टी गिनती के समान है.

Credits To Live Hindustan

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