जालना में एक साथ 52 शादियां! तोहफे में AC-TV नहीं, हर दुल्हन को मिला सोना

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Jalna mass wedding: जालना में भाईश्री फाउंडेशन ने अक्षय तृतीया पर 52 जोड़ों का सामूहिक विवाह कराया. हर दुल्हन को 3 ग्राम का सोने का मंगलसूत्र और ज़रूरी घरेलू सामान दिया गया.

जालना में एक साथ 52 शादियां! तोहफे में AC-TV नहीं, हर दुल्हन को मिला सोना

जालना सामूहिक विवाह

जालना शहर में इस अक्षय तृतीया पर कुछ ऐसा हुआ जिसने हर किसी का दिल छू लिया. भाईश्री फाउंडेशन की ओर से एक भव्य सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें एक साथ 52 जोड़े विवाह के पवित्र बंधन में बंधे. इन बेटियों की शादी उस तरीके से कराई गई, जैसा हर परिवार चाहता है – सम्मान, प्रेम और समाज की भागीदारी के साथ. ये समारोह जालना के दानकुवर कॉलेज परिसर में हुआ, जहां पूरा माहौल एक बड़े उत्सव जैसा था.

11 साल में 765 कन्याओं का हो चुका है कन्यादान
भाईश्री फाउंडेशन पिछले 11 वर्षों से सामूहिक विवाह की यह सामाजिक परंपरा निभा रहा है. अब तक 765 बेटियों का कन्यादान किया जा चुका है, जो अपने आप में एक बड़ी मिसाल है. फाउंडेशन का मकसद है कि कोई भी बेटी सिर्फ पैसों की कमी के कारण शादी जैसे जरूरी संस्कार से वंचित न रहे.

दुल्हनों को मिला असली तोहफा – सोने का मंगलसूत्र
इस सामूहिक विवाह में हर दुल्हन को एक खास तोहफा मिला – 3 ग्राम का सोने का मंगलसूत्र. आज जब सोने की कीमतें आसमान छू रही हैं, तब हर दुल्हन को लगभग 30 हजार रुपये का मंगलसूत्र देना अपने आप में बहुत बड़ी बात है. कुल मिलाकर लगभग 15 लाख 60 हजार रुपये सिर्फ मंगलसूत्रों पर खर्च किए गए. आयोजकों का कहना है कि यह गहना सिर्फ एक आभूषण नहीं, बल्कि नई ज़िंदगी की शुभ शुरुआत का प्रतीक है.

घरेलू ज़रूरतों का भी रखा गया ख्याल
केवल शादी कराना ही मकसद नहीं था, बल्कि नवविवाहित जोड़े को एक नई ज़िंदगी की शुरुआत में ज़रूरी चीज़ें देना भी इस आयोजन का हिस्सा रहा. हर जोड़े को कपड़े, बर्तन, बिस्तर, गद्दे और फर्नीचर जैसे जरूरी घरेलू सामान दिए गए. आयोजकों ने कहा कि टीवी, एसी या फ्रिज जैसी दिखावटी चीज़ें देने की बजाय वे जीवन के जरूरी सामान देते हैं, जिससे दूल्हा-दुल्हन अपनी गृहस्थी आराम से शुरू कर सकें.

खाने की व्यवस्था में भी अनोखापन
शादी में शामिल हुए हर मेहमान के लिए खाने की भी अच्छी व्यवस्था थी. खास बात ये रही कि हर जोड़ा अपने-अपने मेहमानों के लिए खुद भोजन तैयार कर सके, इसकी भी पूरी योजना बनाई गई थी. ये पहल लोगों को अपनी संस्कृति से जोड़ने और आपसी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए की गई थी.

पूरे आयोजन पर आया लगभग 50 लाख रुपये का खर्च
इस सामूहिक विवाह समारोह पर कुल खर्च लगभग 50 लाख रुपये आया. भाईश्री रमेश भाई पटेल ने बताया कि मराठवाड़ा जैसे सूखा प्रभावित इलाके में किसान बहुत कठिनाइयों में रहते हैं. बेटियों की शादी के लिए उन्हें ज़मीन तक गिरवी रखनी पड़ती है. यही वजह है कि इस तरह के सामाजिक आयोजनों की ज़रूरत है, जिससे समाज का हर तबका शादी जैसा बड़ा काम बिना बोझ के कर सके.

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