व्‍हाइट हाउस की PAK को चेतावनी, राजनाथ-जयशंकर को कॉल, अमेर‍िका क‍िसकी ओर?

भारत-पाक‍िस्‍तान में टेंशन के बीच अमेर‍िका अचानक एक्‍ट‍िव हो गया है. पहले व्हाइट हाउस ने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि आतंकियों को नतीजे भुगतने होंगे. दूसरी ओर अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ और विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने एक ही द‍िन में राजनाथ सिंह और एस. जयशंकर से फोन पर बात की. इस डबल सिग्नल से सवाल उठ रहे हैं कि अमेरिका का मूड आखिर क्या है? वह क‍िसकी ओर है?

व्‍हाइट हाउस ने एक बयान जारी कर कहा, आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पाकिस्तान को सुनिश्चित करना होगा कि उसकी जमीन से आतंकी गतिविधियां न हों, वरना नतीजे भुगतने होंगे. गुरुवार को अमेर‍िकी विदेश विभाग ने भी यही दोहराया. कहा, राष्‍ट्रपत‍ि डोनाल्‍ड ट्रंप बहुत स्पष्ट कर चुके हैं. ट्रंप प्रशासन के तहत आतंकवाद का समर्थन करने वालों को नतीजे भुगतने होंगे. लेकिन इसके बाद अमेर‍िकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने जयशंकर से बात से बात की. मार्को रुबियो ने तनाव कम करने के ल‍िए पाक‍िस्‍तान के साथ मिकर काम करने को कहा. मगर जयशंकर ने साफ कर द‍िया क‍ि आतंक‍ियों और उनके आकाओं को न्‍याय के कठघरे में लेकर आएंगे. इससे कुछ देर पहले मार्को रुबियो पाक‍िस्‍तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी बात की थी.

राजनाथ से क्‍या बात हुई?
मार्को रुबियो और जयशंकर की बात खत्‍म ही हुई थी क‍ि कुछ ही देर बाद अमेर‍िका के डिफेंस मिन‍िस्‍टर पीट हेगसेथ ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को फोन लगा द‍िया. हेगसेथ ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार की वकालत की. साथ ही आतंक को कुचलने में पूरी ताकत के साथ समर्थन देने का भरोसा द‍िया. रक्षा मंत्री के कार्यालय के मुताबिक, हेगसेथ ने कहा कि अमेरिका भारत के साथ एकजुटता से खड़ा है और भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करता है. उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में अमेरिकी सरकार के मजबूत समर्थन को दोहराया.

अमेरिका का मूड क्या है?
व्हाइट हाउस का बयान साफ संदेश देता है कि अमेरिका आतंक के मुद्दे पर भारत के साथ है. पीएम मोदी को खुली छूट दे दी है. लेकिन मार्को रुबियो ने ज‍िस तरह पाक‍िस्‍तान के साथ मिलकर काम करने को कहा, उससे लगता है क‍ि अमेर‍िका नहीं चाहता क‍ि यह जंग हो. हालांकि, जैसे ही जयशंकर ने मार्को रुबियो को साफ शब्‍दों में समझाया क‍ि भारत आतंक‍ियों का सफाया करके रहेगा, तो अमेर‍िका भी खुलकर भारत के साथ आ गया. अमेर‍िकी रक्षा मंत्री के बयान साफ-साफ इस ओर इशारा करता है.

एक्‍सपर्ट क्‍या कहते हैं

अमेरिका का रुख साफ है. वह आतंकवाद के खिलाफ भारत का समर्थन करेगा, लेकिन वह नहीं चाहता कि यह तनाव पूर्ण युद्ध में बदल जाए. यह एक कूटनीतिक संतुलन है.
-डॉ. हर्ष पंत, सामर‍िक मामलों के एक्‍सपर्ट

अमेरिका की चेतावनी पाकिस्तान को दबाव में लाने की रणनीति है, ताकि वह आतंकी समूहों पर कार्रवाई करे. लेकिन भारत को भी संयम बरतने की सलाह दी जा रही है.
-प्रो. सुमित गांगुली (इंडियाना यूनिवर्सिटी)

अमेरिका भारत को सैन्य सहायता दे सकता है, लेकिन वह खुलकर पाकिस्तान के खिलाफ नहीं जाएगा, क्योंकि उसे अफगानिस्तान में पाकिस्तान की जरूरत है.
-रिटायर्ड मेजर जनरल जीडी बख्शी

अमेर‍िका के एक्‍ट‍िव होने का क्‍या पड़ेगा असर?
अमेरिका की चेतावनी से पाकिस्तान पर दबाव बढ़ेगा, लेकिन वह इसे अमेरिकी हस्तक्षेप बता सकता है. पाक‍िस्‍तान के नेता वैसे तो अमेर‍िका के ख‍िलाफ बयानबाजी कर रहे हैं, लेकिन मौजूदा स्‍थ‍ित‍ि में उन्‍हें भी पता है क‍ि सिर्फ अमेर‍िका ही उन्‍हें बचा सकता है. अमेर‍िका की चिंता ये है क‍ि अगर साउथ एश‍िया में तनाव बढ़ा तो अस्‍थ‍िरता आएगी. लेकिन ट्रंप प्रशासन नहीं चाहता क‍ि कोई ऐसा मैसेज जाए, जिससे भारत और खासकर पीएम मोदी की कोश‍िशों को झटका लगे. इसल‍िए वह खुलकर भारत के साथ खड़ा द‍िख रहा है.

Credits To Live Hindustan

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