रेबीज इंजेक्शन लगवाने के बाद भी नहीं बची बच्ची, कुत्ते के काटने पर दम तोड़ा
Last Updated:
Stray dog attack: केरल के मलप्पुरम में एक 5 साल की बच्ची सिया की मौत रेबीज से हो गई. कुत्ते के काटने के बाद उसे वैक्सीन दी गई थी, फिर भी सिर पर काटने से संक्रमण फैल गया और जान नहीं बच पाई.

रेबीज वैक्सीन लगवाने के बाद भी बच्ची की मौत
केरल के मलप्पुरम जिले से एक बेहद दर्दनाक खबर सामने आई है. पेरुवल्लूर के कक्काथदम इलाके में रहने वाले फारिस की 5 साल की बेटी सिया की मौत हो गई. सिया को 29 मार्च को एक आवारा कुत्ते ने काट लिया था. उसे तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया और रेबीज का टीका भी लगाया गया, लेकिन इसके बावजूद उसकी हालत बिगड़ती चली गई और आखिरकार कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
खेलते-खेलते हादसे का शिकार बनी मासूम
सिया अपने घर के पास खेल रही थी और कैंडी खरीदने के लिए बाहर गई थी. तभी अचानक एक आवारा कुत्ते ने उस पर हमला कर दिया. सिर और पैर में गहरे जख्म आए थे. उसी दिन इलाके में 7 और लोगों को भी कुत्तों ने काटा था, जिससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई थी.
टीका लगने के बावजूद नहीं बच पाई जान
सिया को तुरंत कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे IDRB (Indian Drug Research Board) की रेबीज वैक्सीन दी गई. डॉक्टरों का कहना है कि अगर किसी को सिर या गर्दन पर कुत्ता काट ले, तो टीका लगने के बावजूद संक्रमण मस्तिष्क तक तेजी से पहुंच सकता है और जानलेवा हो सकता है. यही वजह रही कि सिया की जान नहीं बचाई जा सकी.
इलाके में डर का माहौल, सरकार से सख्त कदम की मांग
इस घटना के बाद पेरुवल्लूर और आसपास के इलाकों में डर और नाराज़गी का माहौल है. स्थानीय लोगों का कहना है कि आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा. लोगों ने मांग की है कि ऐसे हादसों को रोकने के लिए सरकार को सख्त और जल्दी फैसले लेने चाहिए.
मासूम की मौत ने जगाई नई बहस
सिया की मौत ने एक बार फिर इस सवाल को सामने ला दिया है कि क्या हमारे देश में रेबीज को लेकर जागरूकता और इलाज के उपाय पर्याप्त हैं? क्या सिर्फ टीका लगवाना ही काफी है या फिर समय पर सही इलाज और निगरानी भी जरूरी है?
और पढ़ें
Credits To Live Hindustan