बोटाद का ‘मिनी सूरत’: 15 गांवों के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने वाला गांव

बोटाद: आज के समय में गांव भी शहरों की तरह विकास की दौड़ में आगे बढ़ रहे हैं. गांवों में अब शहरों की तरह सभी प्रकार की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हो रही हैं, जिससे ग्रामीण जीवन भी सरल और समृद्ध बन रहा है. गुजरात के बोटाद जिले के गढ़ड़ा तालुका में स्थित उगामेडी गांव इसका उत्तम उदाहरण है. इस गांव को ‘मिनी सूरत’ के नाम से जाना जाता है क्योंकि यहां हीरा उद्योग का व्यापक विकास हुआ है. इस उद्योग ने गांव की आर्थिक समृद्धि को नई ऊंचाइयां दी हैं और आसपास के 15 गांवों के युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं. उगामेडी गांव आज एक आदर्श गांव के रूप में उभर कर सामने आया है, जहां आधुनिक सुविधाएं और समृद्धि का संगम देखने को मिलता है.

उगामेडी गांव एक ऐसा उदाहरण है, जो ग्रामीण विकास और आधुनिकता का संगम प्रस्तुत करता है. हीरा उद्योग के विकास ने गांव को ‘मिनी सूरत’ का खिताब दिलाया है, जबकि आधुनिक सुविधाओं ने इसे आदर्श गांव बना दिया है. गांव के युवाओं और आसपास के गांवों के लोगों के लिए रोजगार के अवसर, अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं, सुरक्षित वातावरण और पक्की सड़कों जैसी सुविधाओं ने उगामेडी को गुजरात के ग्रामीण विकास का एक चमकता उदाहरण बना दिया है.

हीरा उद्योग: उगामेडी की आर्थिक धुरी
उगामेडी गांव की पहचान अब केवल एक ग्रामीण क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हीरा उद्योग के केंद्र के रूप में भी प्रसिद्ध हो गया है. गांव के सामाजिक अग्रणी विनुभाई अणघण के अनुसार, उगामेडी गांव में 30 से अधिक हीरे की घंटियां (हीरा कटिंग और पॉलिशिंग के कारखाने) स्थित हैं. ये कारखाने न केवल गांव के युवाओं को, बल्कि आसपास के गांवों जैसे तथाणा, खोपाला, लाखणका, सुरका, सगपर, निंगाला, शियानगर, राजपीपला, गढ़ाली, लिम्बाली, मांडवधार, गढ़ड़ा, रोजमाल, विरावाड़ी, केराला, साजनवदर, घोडका, टाटम और पीपलिया के युवाओं को भी रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं. हजारों की संख्या में युवा इस हीरा उद्योग से जुड़े हुए हैं, जिसके माध्यम से वे आत्मनिर्भर बन रहे हैं.

विनुभाई अणघण के अनुसार, हीरा उद्योग ने उगामेडी गांव की आर्थिक स्थिति को बदल दिया है. गांव के अधिकांश लोग अब हीरा उद्योग की ओर मुड़ गए हैं, जिससे गांव में समृद्धि का नया युग शुरू हुआ है. इस उद्योग ने गांव की पहचान को ‘मिनी सूरत’ के रूप में स्थापित किया है, क्योंकि सूरत शहर विश्व के सबसे बड़े हीरा उद्योग केंद्रों में से एक है, और उगामेडी गांव उसका छोटा स्वरूप बन रहा है.

आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित उगामेडी
उगामेडी गांव न केवल हीरा उद्योग के लिए, बल्कि आधुनिक सुविधाओं के लिए भी जाना जाता है. विनुभाई अणघण के अनुसार, गांव में अच्छी स्कूलें, विद्यालय, अस्पताल, पानी की सुविधा, पक्की सड़कें, लाइट की व्यवस्था और तालाब जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं. इसके अलावा, गांव की गलियों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, ताकि कोई अनचाही घटना हो तो प्रशासन को तुरंत जानकारी मिल सके. ऐसी सुविधाएं गांव को सुरक्षित और आधुनिक बनाती हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में दुर्लभ होती हैं.

गांव में अच्छे सर्कल (चौक) भी हैं, जो गांव की सुंदरता और व्यवस्था में वृद्धि करते हैं. इन सभी सुविधाओं के कारण लोगों को घर बैठे सभी आवश्यकताएं पूरी हो जाती हैं, और उन्हें शहरों की ओर जाने की जरूरत नहीं पड़ती. इन सुविधाओं ने उगामेडी गांव को आदर्श गांव का खिताब दिलाया है.

आदर्श गांव का उदाहरण
उगामेडी गांव का विकास और उसकी आधुनिक सुविधाएं उसे गुजरात के अन्य गांवों के लिए एक आदर्श उदाहरण बनाती हैं. गांव की आर्थिक समृद्धि, हीरा उद्योग का विकास और आधुनिक सुविधाओं का संगम गांव के लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा कर रहा है. इस गांव ने दिखाया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी शहरी सुविधाओं और औद्योगिक विकास के माध्यम से समृद्धि लाई जा सकती है.

आसपास के 15 गांवों के लोग रोजगार के लिए उगामेडी गांव की ओर आकर्षित होते हैं, जो गांव की आर्थिक और सामाजिक शक्ति को दर्शाता है. हीरा उद्योग ने इस गांव को न केवल आर्थिक रूप से मजबूत किया है, बल्कि युवाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर भी दिया है. इस गांव की सफलता गुजरात के अन्य गांवों के लिए प्रेरणादायक है, जो दिखाती है कि सही योजना और उद्योग के विकास के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र भी शहरों की बराबरी कर सकते हैं.

Credits To Live Hindustan

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