नंगे पैर मॉर्निंग वॉक करना कितना सही, इससे सेहत पर क्या फर्क पड़ता है?


Barefoot Morning Walking : सुबह की सैर आपको सेहतमंद बनाती है. बहुत से लोग मॉर्निंग वॉक पर जाना पसंद करते हैं. कुछ लोग नंगे पांव चलते हैं तो कुछ शूज पहनकर. बड़े-बुजुर्ग कहते हैं कि सुबह-सुबह नंगे पांव चलना फायदेमंद होता है. कहा जाता है कि हर सुबह 10 मिनट भी नंगे पैर वॉक कर लिए तो कई हेल्थ बेनिफिट्स (Health Benefits) मिलते हैं. क्या सचमुच ऐसा है या फिर सिर्फ सुनी-सुनाई बातें. आइए जानते हैं नंगे पैर मॉर्निंग वॉक करना कितना ही है, इससे सेहत पर क्या फर्क पड़ता है…
नंगे पैर मॉर्निंग वॉक करना चाहिए या नहीं
नंगे पैर मॉर्निंग वॉक के फायदे
1. पैरों की मांसपेशियों को मजबूती
जब हम नंगे पैर चलते हैं, तो हमारे पैरों की मांसपेशियां और टेंडन ज्यादा सक्रिय होते हैं. जूते पहनने से हमें ज्यादा सपोर्ट मिलता है, लेकिन नंगे पैर चलने से हमारी मांसपेशियां और टेंडन अपनी पूरी ताकत से काम करते हैं, जिससे वे मजबूत बनते हैं.
2. ब्लड सर्कुलेशन में सुधार
नंगे पैर वॉक करने से पैरों में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है. जब हम जूते पहनते हैं, तो ब्लड सर्कुलेशन (Blood Circulation) में रुकावट आ सकती है, लेकिन नंगे पैर चलने से पैरों में खून का बहाव ज्यादा होता है, जिससे शरीर के अन्य हिस्सों में भी ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचने में मदद मिलती है.
3. अर्थराइटिस और जोड़ों के दर्द में राहत
नंगे पैर चलने से जोड़ों में लचीलापन आता है और खासकर अर्थराइटिस जैसी समस्याओं से राहत मिल सकती है. यह शरीर को प्राकृतिक तरीके से खुद को ठीक करने का मौका देता है.
4. नेचुरल हेल्थ थेरेपी
पैरों के नीचे शरीर के अंगों के लिए सेंसेटिव पॉइंट बिंदु होते हैं, जिन्हें एक्यूप्रेशर कहते हैं. नंगे पैर चलने से इन पर दबाव पड़ता है, जिससे शरीर के अलग-अलग अंगों को फायदा होता है. इससे मानसिक शांति मिलती है और तनाव भी कम होता है.
5. मूड और एनर्जी का लेवल बेहतर होता है
नंगे पैर चलने से ताजगी का एहसास होता है और मूड में सुधार होता है. जब आप जमीन के संपर्क में होते हैं, तो आपके शरीर में एक एंटी-ऑक्सिडेंट प्रभाव पड़ता है, जिससे आपकी एनर्जी का लेवल बढ़ता है और तनाव कम होता है.
6. संतुलन और को-ऑर्डिनेशन में सुधार
नंगे पैर चलने से आपके शरीर के संतुलन में सुधार होता है. यह आपकी मांसपेशियों को बेहतर तरीके से काम करने का मौका देता है, जिससे आपका को-ऑर्डिनेशन और संतुलन दुरुस्त रहता है. यह एक बेहतरीन प्रैक्टिस है, खासकर उन लोगों के लिए जो उम्र के साथ संतुलन में परेशानी महसूस करते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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