स्टालिन सरकार को झटका, 2 मंत्रियों का इस्तीफा, क्यों DMK ने लिया ये फैसला?

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Tamil nadu Politics: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की सरकार से डीएमके नेता के पोनमुडी और वी सेंथिल बालाजी ने इस्तीफा दिया. पोनमुडी के विवादास्पद बयान और बालाजी की ईडी जांच के कारण इस्तीफे हुए.

स्टालिन सरकार को झटका, 2 मंत्रियों का इस्तीफा, क्यों DMK ने लिया ये फैसला?

के पोनमुडी और वी सेंथिल बालाजी ने स्टालिन सरकार से इस्तीफा दे दिया है. (फाइल फोटो)

चेन्नई. तमिलनाडु मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली सरकार से वरिष्ठ डीएमके नेता के पोनमुडी और वी सेंथिल बालाजी ने इस्तीफा दे दिया है. राज्यपाल आरएन रवि ने मुख्यमंत्री की सिफारिश पर दोनों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं.

इस पर भाजपा नेता बीएल संतोष ने कहा है कि तमिलनाडु में हिंदू धार्मिक मूल्यों का अपमान करना राजनीतिक रूप से महंगा साबित हो रहा है. उन्‍होंने इसे अपनी बड़ी जीत बताया है और कहा है कि तमिल जनता अब धर्म और परंपरा के प्रति अधिक संवेदनशील हो गई है, जिससे डीएमके जैसी पार्टियों को भी अपने रुख में बदलाव करना पड़ रहा है.

के पोनमुडी हाल ही में एक विवादास्पद बयान को लेकर विवादों में आ गए थे. उन्होंने एक आंतरिक बैठक में हिंदू धार्मिक पहचान को यौन संदर्भ से जोड़ते हुए टिप्पणी की थी, जिसका वीडियो वायरल हो गया. इसके बाद देश भर में उनकी तीखी आलोचना हुई. भारी विरोध के बाद पोनमुडी ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी.

उन्होंने कहा, “मैं अपने बयान के लिए उन सभी से दिल से माफी मांगता हूं जिन्हें ठेस पहुंची है. सार्वजनिक जीवन में इतने वर्षों के बावजूद मुझसे यह गलती हुई, जिसका मुझे गहरा पछतावा है.” इस संबंध में एक औपचारिक माफीनामा जारी किया गया था.

वहीं, वी सेंथिल बालाजी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच का सामना कर रहे थे. सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में उन्हें स्पष्ट निर्देश दिया था कि वे या तो मंत्री पद से इस्तीफा दें या फिर उनकी जमानत रद्द कर दी जाएगी। दबाव बढ़ने के बाद सेंथिल बालाजी ने भी इस्तीफा दे दिया.

तमिलनाडु मंत्रिमंडल में फेरबदल के तहत परिवहन मंत्री एस. एस. शिवशंकर को अब बिजली विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है, जो पहले वी. सेंथिल बालाजी के पास था. इसके साथ ही, आवास मंत्री एस. मुथुसामी को आबकारी और निषेध विभाग का जिम्मा भी सौंपा गया है. वहीं, आर. एस. राजकन्नप्पन को उनके मौजूदा दूध और डेयरी विकास विभाग के अलावा वन और खादी विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है, जो पहले के. पोनमुडी संभाल रहे थे.

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