टीचर का काम करके बना टेररिस्ट, पहलगाम के गुनहगारों की पूरी कुंडली आई सामने

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कश्मीर के 3 लोकल स्थानीय आतंकवादियों पर पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकवादी हमले में शामिल होने का संदेह है.

टीचर का काम करके बना टेररिस्ट, पहलगाम के गुनहगारों की पूरी कुंडली आई सामने

पहलगाम हमले में शामिल लोकल टेररिस्टों की पूरी कुंडली सामने आ गई.(Image:PTI)

हाइलाइट्स

  • बैसरन घाटी में आतंकी हमले में लोकल आतंकियों के शामिल होने का शक पुख्ता.
  • 3 स्थानीय आतंकियों के इस आतंकी हमले में शामिल होने का संदेह है.
  • इनमें से सबसे पहला नाम आदिल हुसैन थोकर का है.

नई दिल्ली. कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए कायराना आतंकी हमले में लोकल स्तर पर सक्रिय स्थानीय आतंकियों के शामिल होने का शक अब पुख्ता होता जा रहा है. बताया जाता है कि कम से कम 3 स्थानीय आतंकियों के इस आतंकी हमले में शामिल होने का संदेह किया जा रहा है. इनमें से सबसे पहला नाम आदिल हुसैन थोकर पुत्र वली मोहम्मद थोकर निवासी गुरी बिजबेहरा का है. उसका जन्म वर्ष 1992 में उनके पैतृक गांव गुरी बिजबेहरा में हुआ था. उसने साल 2015 में स्नातक की पढ़ाई पूरी की.

आदिल हुसैन थोकर ने 2018 में रहमत आलम कॉलेज अनादोरू अनंतनाग से पीजी (एमए उर्दू) किया. उसने शमसीपोरा में एमएमआई स्कूल में निजी शिक्षक के रूप में भी काम कर रहा था. उसके पिता ने 2018 के अप्रैल में एक आवेदन के साथ पुलिस स्टेशन बिजभेरा से संपर्क किया. जिसमें कहा गया था कि उनका बेटा आदिल हुसैन थोकोर अपने घर से लापता हो गया था. जांच के दौरान, यह सामने आया कि वो आतंकवादी रैंकों में शामिल होने में कामयाब हो गया है. अवैध हथियार प्रशिक्षण के लिए वह पीओके में घुसपैठ कर गया. साल 2021 के दौरान इस आतंकवादी ने कथित तौर पर घाटी में घुसपैठ की और कुलगाम और शोपियां क्षेत्रों में एचएम संगठन का पीटीएम बना रहा.

पहलगाम हमले में शामिल दूसरे लोकल आतंकी अदनान शफी डार पुत्र मोहम्मद शफी डार निवासी वंडुना मेलहुर्रा जैनापोरा की उम्र करीब 20 साल है. नवंबर 2024 से वह अपने घर से लापता हो गया और तब से घर नहीं लौटा. उसी दिन, आतंकवादियों ने एक गैर-स्थानीय व्यक्ति अशोक कुमार चौहान पुत्र कुलदीप कुमार चौहान निवासी कैथा बिहार ए/पी संगम बिजबेहरा पर गांव वंडुना मेलहुरा में उस समय गोली चलाई, जब वह उक्त गांव के बगीचों में मकई के दाने तोड़ रहा था और वह घायल हो गया. अदनान शफी डार को इससे पहले अप्रैल-2024 के महीने में एसओजी जैनपोरा द्वारा पूछताछ के लिए पांच दिनों की अवधि के लिए हिरासत में लिया गया था और बाद में रिहा कर दिया गया था.

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इस हमले में शामिल तीसरा लोकल आतंकी अहसान उल हक शेख पुत्र अब्दुल रशीद शेख निवासी मुर्रान, पुलवामा बताया जा रहा है. अहसान उल हक शेख की उम्र लगभग 22 साल है और वह आतंकवादी बनने से पहले डिग्री कॉलेज, पुलवामा में बीए तृतीय वर्ष का छात्र था. जून 2023 को वह गायब हो गया. कथित तौर पर वो लश्कर/टीआरएफ संगठन के आतंकवादी रैंक में शामिल हो गया.

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