‘ममता बनर्जी का समय खत्म हो गया..’ बंगाल हिंसा पर भड़के मिथुन चक्रवर्ती

नई दिल्लीः भाजपा नेता और अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती अभिनय के अलावा अपने बेबाक बयानबाजी को लेकर भी चर्चा में रहते हैं. हाल ही में उन्होंने अपने ही राज्य में जारी हिंसा पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. अभिनेता ने मुर्शिदाबाद में हुई घातक हिंसा के मद्देनजर पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने का अपील करते हुए कहा कि चुनाव के दौरान कम से कम दो महीने के लिए राज्य में सेना तैनात की जानी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘मैंने कई बार अनुरोध किया है और मैं अभी भी गृह मंत्री से अनुरोध कर रहा हूं. कम से कम चुनाव के दौरान दो महीने के लिए सेना को अंदर तैनात करें. अगर उन्हें तैनात किया जाता है, तो निष्पक्ष चुनाव होंगे.’

मिथुन दा ने बंगाल पुलिस की आलोचना की
अभिनेता ने बंगाल पुलिस की भी आलोचना की और कहा, ‘जब भी कोई दंगा या उपद्रव होता है, तो वे बस एक कुर्सी लेकर बैठ जाते हैं और देखते हैं जैसे कि यह कोई प्रदर्शन हो. और एक बार जब यह खत्म हो जाता है, तो वे अपनी कुर्सियां समेट कर घर चले जाते हैं. यही उनका काम है. आंखें बंद करके, सब कुछ अनदेखा करके…’

ममता बनर्जी पर मिथुन का तंज
मिथुन ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बारे में बात करते हुए कहा, ‘अगर वो मैडम (ममता बनर्जी) वास्तव में चाहतीं, तो एक दिन में सब कुछ बंद हो सकता था. बस एक दिन, और सब कुछ खत्म हो जाएगा. लेकिन अब तक, उन्होंने कुछ भी नहीं कहा है. वैसे, यह एक अलग मामला है. अभी बंगाल में, सनातनी लोग, ईसाई, सिख – हमारे सभी भाई – वे इस पार्टी को वोट नहीं देने वाले हैं. उनका समय अब ​​खत्म हो गया है, इसलिए आपको उनके वोट बैंक को खुश रखना होगा. इसलिए चाहे कुछ भी गलत हो, उनके खिलाफ कुछ नहीं कहा जाएगा…’

बंगाल में वक्फ बिल पर मिथुन
मिथुन जा ने कहा कि उनका मानना ​​है कि वक्फ संशोधन अधिनियम सिर्फ एक बहाना था और इसे कवर के तौर पर इस्तेमाल किया गया, जबकि असली एजेंडा कुछ और था. अभिनेता ने IANS से बातचीत में कहा, ‘मेरा मानना ​​है कि वक्फ बिल सिर्फ एक बहाना है. इसे कवर के तौर पर इस्तेमाल किया गया, असली एजेंडा कहीं और है और इसी वजह से दंगे हुए. अब, इसके पीछे कौन है? मैडम (ममता बनर्जी) कहती रहती हैं कि वो जमीन नहीं लेने देंगी, वो ऐसा नहीं होने देंगी, वो इस तरह के बयान क्यों देती रहती हैं?’ अभिनेता ने आगे कहा, ‘मुझे नहीं पता कि वो खुद को राष्ट्रपति से ऊपर समझती हैं या नहीं। लेकिन वह नहीं हैं, है न? वो सिर्फ 28 राज्यों में से एक की मुख्यमंत्री हैं. बिल पहले ही दोनों सदनों में पारित हो चुका है और राष्ट्रपति द्वारा उस पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं…’

मुस्लिम भाइयों के लिए है वक्फ बिल
मिथुन ने कहा, ‘वक्फ बिल हमारे मुस्लिम भाइयों और उनकी महिलाओं के लिए है. लेकिन असल में जो हुआ है, वो यह है कि नेताओं ने सारी जमीनें अपने कब्जे में ले ली हैं और उनका इस्तेमाल अपने लिए किया है.. कुछ ने गोदाम बनाए और उन्हें किराए पर दे दिया. बेचने या किराए पर देने से जो भी पैसा आया, उन्होंने उससे कमाया – ठीक है, कोई समस्या नहीं. लेकिन अगर उन्होंने मुस्लिम भाइयों, मेरी मुस्लिम बहनों को कुछ दिया होता, तो बात अलग होती. लेकिन वे सभी लाभों का आनंद खुद ही उठा रहे हैं.’

वहीं जब उनसे पूछा गया कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं, तो वे क्या सोचते हैं, तो मिथुन ने कहा, ‘उन्हें पहले जाना चाहिए था. उन्होंने इसमें देरी की; वे उन्हें जाने नहीं दे रहे थे. लोगों को पैसे की जरूरत नहीं है, उन्हें मानसिक शक्ति की जरूरत है कि कोई उनके साथ खड़ा है. लेकिन अगर वे जाना भी चाहें, तो उन्हें जाने नहीं दिया जाएगा. बस बैठे रहें और पिटते रहें, मैं क्या कह सकता हूं?’

आपको बता दें कि मुर्शिदाबाद हिंसा 11 और 12 अप्रैल को वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले और जंगीपुर में हिंसा भड़क उठी, जिसमें प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं, जिसके परिणामस्वरूप पथराव हुआ और पुलिस वाहनों को आग लगा दी गई. कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद, बीएसएफ ने राज्य पुलिस के संचालन का समर्थन करने के लिए पांच कंपनियों को तैनात किया है, आईजी साउथ बंगाल फ्रंटियर करणी सिंह शेखावत ने शनिवार को कहा. पश्चिम बंगाल पुलिस ने कहा कि मुर्शिदाबाद में शुक्रवार रात भीड़ की हिंसा के बाद तीन लोगों की मौत हो गई.

Credits To Live Hindustan

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