122 केस, 315 अरेस्ट… मुर्शिदाबाद में इंटरनेट बहाल, गवर्नर ने कहा- पूरा सपोर्ट

मुर्शिदाबाद: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में दंगों के बाद अब स्थिति थोड़ी संभली है. आगजनी और हमलों के बाद इंटरनेट बंद कर दिया गया था. उसे अब बहाल कर दिया गया है. पुलिस का दावा है कि सब कंट्रोल में है. पिछले सप्ताह वक्फ कानून में संशोधनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामले में अब तक कुल 315 गिरफ्तारियां की गई हैं, जिनमें दो नाबालिग भी शामिल हैं. पश्चिम बंगाल पुलिस ने कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक विशेष खंडपीठ के आदेश के तहत तैयार अपनी रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की है.
राज्य के अतिरिक्त महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) जावेद शमीम द्वारा हस्ताक्षरित रिपोर्ट के अनुसार, अब तक अशांति में शामिल होने के आरोप में कुल 315 लोगों को गिरफ्तार किया गया है तथा हिंसा भड़काने के लिए जिम्मेदार अन्य लोगों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने के प्रयास जारी हैं. इसी रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि दो नाबालिगों को छोड़कर गिरफ्तार किए गए किसी भी व्यक्ति को आज तक जमानत पर रिहा नहीं किया गया है. पुलिस ने अब तक गलत सूचना और अफवाह फैलाने के लिए कुल 1,257 यूआरएल (यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर) को ब्लॉक किया है.
राज्यपाल से मिलने पहुंचे पीड़ित
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस मालदा के आश्रय गृह पहुंचे. यहां मुर्शिदाबाद हिंसा से प्रभावित लोग रह रहे हैं. राज्यपाल ने कहा, ‘लोगों ने बताया कि उनके साथ मारपीट हुई, घर जलाए गए. वे अब घर लौटना चाहते हैं. हम उन्हें सुरक्षा देंगे.’ लोगों ने चीख-चीख कर बताया, ‘हमें पीटा गया, भगाया गया, हम क्या वापस जाएंगे, जब तक सुरक्षा की गांरटी नहीं मिलेगी?’ मालदा जिले में राहत शिविर के बाहर लोगों ने प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें राज्यपाल बोस से मिलने नहीं दिया.
#WATCH | West Bengal | People staged a protest outside a relief camp in the Malda district, alleging that the police did not allow them to meet with the Governor, CV Ananda Bose
Governor CV Ananda Bose met with the families affected by the Murshidabad violence here pic.twitter.com/FEqwTv7LrD
— ANI (@ANI) April 18, 2025
महिलाओं की आपबीती
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया राहतकर ने भी कैंप का दौरा किया. उनके शब्द हैं, ‘महिलाओं ने जो बताया, वो रूह कंपा देने वाला है. यौन हिंसा, घर जलाना, गालियां… ये सब झेल चुकी हैं ये महिलाएं. कुछ की बच्चियां भी लापता हैं.’
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांता मजूमदार का आरोप साफ था, ‘TMC सब छिपा रही है. ममता सरकार ने जानबूझकर दंगे करवाए. ताकि वक्फ एक्ट पर उठ रहे सवालों से ध्यान हट जाए. 26,000 लोग अपनी नौकरी गंवा चुके हैं.’
VHP की मांग, राष्ट्रपति शासन लगे
वीएचपी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, ‘मुर्शिदाबाद की हिंसा सुनियोजित थी. प्रदर्शन पूरे देश में होते हैं. पर हिंदुओं पर हमले सिर्फ बंगाल में क्यों? ये सब बिना सत्ता के समर्थन के नहीं हो सकता. हम NIA जांच की मांग करते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘ममता खुद मानती हैं कि इसमें बांग्लादेशी घुसे थे, फिर जांच से क्यों डर रही हैं? क्या वो चाहती हैं कि हमलावर बच जाएं? पीड़ितों की मदद करने आई संस्थाओं को भी रोक दिया गया. खाना तक नहीं बांटने दिया गया. क्या ये अमानवीयता नहीं है?’
जले घर, टूटी उम्मीदें
मालदा के कैंप में रह रहे कई परिवारों ने कहा, ‘हम गांव वापस नहीं जाएंगे. वहां हमारी बहनों के साथ जो हुआ, उसे हम नहीं भूल सकते. पुलिस आई थी, पर सब खत्म होने के बाद. जब घर जल रहे थे, कोई नहीं आया.’ सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर ये हिंसा सुनियोजित थी, तो खुफिया एजेंसियां कहां थीं? क्या किसी को भनक तक नहीं लगी? और अगर लगी, तो कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
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