पाक की मिसाइलें गजनवी, बाबर और तुम्हारी सोच भी वही? राजनाथ सिंह का तीखा बयान

छत्रपति संभाजी नगर: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी आक्रांताओं के लिए ‘सॉफ्ट कॉर्नर’ रखने वालों पर बरस पड़े हैं. शुक्रवार को उन्होंने पाकिस्तान से लेकर भारत के ‘इतिहास के सौदागरों’ तक पर निशाना साधा. बाबर, गजनवी, औरंगजेब जैसे आक्रमणकारियों की तारीफ करने वालों को आईना दिखाया. राजनाथ ने कहा, ‘अगर पाकिस्तान गजनवी, बाबर, तैमूर की तारीफ करता है तो समझ आता है. क्योंकि उनकी नीति ही भारत विरोधी रही. लेकिन भारत में कुछ लोग ऐसा क्यों करते हैं? क्या उन्हें लगता है कि बाबर, तैमूर, औरंगजेब का समर्थन करके मुस्लिम समाज का समर्थन मिल जाएगा?’ उन्होंने कहा, ‘ऐसा करना मुस्लिम समाज का भी अपमान है. क्या भारत का मुसलमान गजनवी या बाबर को अपना आदर्श मानता है? कतई नहीं. ये झूठा नैरेटिव है. ये वोटबैंक की राजनीति है.’
‘मुसलमान हमारे आदर्शों का हिस्सा रहे हैं’
रक्षा मंत्री ने मुस्लिम समाज की ऐतिहासिक भूमिका का जिक्र किया. बोले, ‘महाराणा प्रताप की सेना में सिर्फ राजपूत नहीं थे. आदिवासी, किसान और मुस्लिम भी थे. हकीम खान सूर जैसे बहादुर योद्धा ने हल्दीघाटी की लड़ाई में जान दी. शिवाजी महाराज के अंगरक्षकों में मदारी नामक मुस्लिम सबसे भरोसेमंद थे.’ राजनाथ सिंह ने दो टूक कहा, ‘हमारे आदर्श कभी भी इस्लाम या मुसलमान विरोधी नहीं रहे. ये बात हमने शिवाजी और महाराणा प्रताप जैसे नायकों से सीखी है.’
#WATCH | Chhatrapati Sambhaji Nagar, Maharashtra: Defence Minister Rajnath Singh says, “Our ideals were not at all anti-Islam and anti-Muslim. Hakim Khan Suri fought with Maharana Pratap in the battle of Haldighati against the Mughals. There were people from the Muslim community… pic.twitter.com/9HI6NhUoqk
— ANI (@ANI) April 18, 2025
‘औरंगजेब को हीरो बनाने की साजिश’
रक्षा मंत्री ने कहा कि इतिहास को तोड़ा-मरोड़ा गया है. कुछ लोगों ने औरंगजेब जैसे कट्टर, क्रूर और मंदिर तोड़ने वाले शासक को ‘महान’ बताया. उन्होंने पंडित नेहरू का हवाला देते हुए कहा, ‘नेहरू ने भी औरंगजेब को धर्मांध और हिंदू विरोधी बताया था. फिर भी कुछ लोग उसे हीरो क्यों बना रहे हैं?’ राजनाथ बोले, ‘वे दारा शिकोह की बात नहीं करते जिसने उपनिषदों का अनुवाद कराया. उसकी हत्या औरंगजेब ने की क्योंकि उसे सनातन संस्कृति से नफरत थी.’
‘क्यों नहीं याद आते आदिल शाह सूफी?’
राजनाथ ने सवाल उठाया कि सेकुलरवाद के ठेकेदार आदिल शाह सूफी का नाम क्यों नहीं लेते? ‘उसने देवी सरस्वती की वंदना वाले फरमान जारी किए. बीजापुर का नाम बदलकर विद्यापुर रखा. ये बातें क्यों छिपाई जाती हैं?’
रक्षा मंत्री ने साफ कहा कि वे धर्म की राजनीति नहीं करते. ‘हमारे लिए हर भारतीय बराबर है. यही हमारे संस्कार हैं. यही विचार है. यही शिवाजी और प्रताप से हमने सीखा है.’
‘भारत अब रक्षा उत्पादों का निर्यातक बन रहा’
राजनाथ सिंह ने बताया कि जब 2014 में सरकार आई थी तब भारत का रक्षा निर्यात महज 600 करोड़ रुपए था. अब यह 24,000 करोड़ रुपए पहुंच गया है. मंत्री ने कहा, ‘हमारा लक्ष्य है कि 2029-30 तक इसे 50,000 करोड़ रुपए किया जाए. भारत अब आयात नहीं, निर्यात करेगा. हम आत्मनिर्भर बन रहे हैं.’
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