नेशनल हेराल्ड केस में 661 करोड़ की प्रॉपर्टी सरकार जब्त करेगी ! ED का प्लान
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नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी की 661 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने का अनुरोध कोर्ट से किया है. इससे गांधी परिवार की टेंशन बढ़नी तय है. क्योंकि अनुमति मिलते ही सरकार इन संपत्तियों को बेच देगी और सारा पैस…और पढ़ें

ईडी ने नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम लिया.
हाइलाइट्स
- ईडी ने 661 करोड़ की संपत्ति जब्त करने की अनुमति मांगी.
- संपत्ति जब्त होने पर पैसा सरकारी खजाने में जाएगा.
- सोनिया और राहुल गांधी को आरोपी बनाया गया है.
नेशनल हेराल्ड केस में गांधी परिवार की टेंशन बढ़ने वाली है. क्योंकि चार्जशीट में ईडी ने 661 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने की अनुमति मांगी है. जांच के दौरान ईडी ने यह संपत्ति कुर्क की थी. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय जांच एजेंसी ने चार्जशीट में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बयान भी डाले हैं, जो 2022 में पूछताछ के दौरान दोनों नेताओं ने दर्ज कराए थे.
ईडी ने 9 अप्रैल को राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था. इसमें 78 वर्षीय सोनिया गांधी को आरोपी नंबर एक और 54 वर्षीय राहुल गांधी को आरोपी नंबर दो के रूप में नामित किया गया है. इसके अलावा पांच अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है. सूत्रों के अनुसार, एजेंसी ने सोनिया और राहुल के 2022 में पूछताछ के दौरान दिए गए बयानों को भी आरोपपत्र में जोड़ा है, जिसमें दोनों ने किसी गलत काम से इनकार किया और कहा कि यंग इंडियन द्वारा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के अधिग्रहण का मकसद व्यावसायिक लाभ नहीं था.
बही खाते में कितना पैसा
सूत्रों ने बताया कि ईडी ने पीएमएलए एक्ट के तहत आरोपियों के खिलाफ सजा की मांग की है. साथ ही, नवंबर 2023 में कुर्क की गई 661 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त करने की अनुमति देने का कोर्ट से अनुरोध किया है. अगर अनुमति मिलती है, तो ये संपत्तियां नीलामी या अन्य प्रक्रिया से सरकारी खजाने में चली जाएंगी. एजेंसी का दावा है कि एजेएल के बहीखाते में 2023 तक 142.67 करोड़ रुपये की किराया आय मिली, जो जांच का हिस्सा है.
गांधी परिवार का क्या जवाब
गांधी परिवार का कहना है कि वे कर्ज में डूबी एजेएल की मदद के लिए आयोजित बैठकों में शामिल थे, और इस मामले को संभालने में मोतीलाल वोरा की मुख्य भूमिका थी. मोतीलाल बोरा 2001-2002 में एजेएल के अध्यक्ष भी रहे. कांग्रेस का कानूनी रुख है कि यंग इंडियन एक धारा-25 कंपनी है, जो व्यावसायिक गतिविधि या शेयरधारकों को व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं बनाई गई. सोनिया और राहुल 38-38% हिस्सेदारी के साथ यंग इंडियन के बहुसंख्यक शेयरधारक हैं. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 25 अप्रैल के लिए तय की है, जहां वह आरोपपत्र पर संज्ञान ले सकती है या इसे खारिज कर सकती है.
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