पहले कोविड वैक्‍सीन घोटाला, फिर टेरर फंडिंग में रुपये इस्‍तेमाल, NIA का खुलासा

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NIA News: एनआईए ने 2022 के कोयंबटूर कार बम विस्फोट मामले में पांच और लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. आत्मघाती हमलावर ने आईएसआईएस के प्रति निष्ठा की शपथ ली थी. एनआईए ने दावा किया कि आतंकियों ने कोविड-19 वैक…और पढ़ें

पहले कोविड वैक्‍सीन घोटाला, फिर टेरर फंडिंग में रुपये इस्‍तेमाल, NIA का खुलासा

एनआईए मामले की जांच कर रही है. (File Photo)

हाइलाइट्स

  • कोयंबटूर कार बम विस्फोट मामले की जांच एनआईए कर रही है
  • पांच आरोपियों के खिलाफ सप्‍लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की गई
  • एनआईए का कहना है कि कोविड-19 वैक्‍सीन घोटाले से टरर फंडिंग की.

नई दिल्‍ली. एनआईए ने गुरुवार को 2022 के आईएसआईएस से प्रेरित कोयंबटूर कार बम विस्फोट मामले में पांच और लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. विस्फोट करने वाले आत्मघाती हमलावर को मार गिराया गया था. कोर्ट में RC-01/2022/NIA/CHE मामले में अपनी चौथी सप्‍लीमेंट्री चार्जशीट में NIA ने शेख हिदायतुल्लाह, उमर फारुक, पावस रहमान, शरण मरियप्पन और अबू हनीफा पर टेरर फाइनेंसिंंगके आरोप लगाए. कहा गया यह लोग अक्टूबर 2022 में कोयंबटूर में हिंदू मंदिर अरुलमिगु कोट्टई संगमेश्वर थिरुकोविल को निशाना बनाकर किए गए आतंकी हमले से जुड़ी अन्य गतिविधियों में शामिल थे. इस मामले में अब तक कुल 17 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है. इन युवकों ने कोविड-19 वैक्‍सीन में कथित घोटाला कर पैसों को टेरर फंडिंग में इस्‍तेमाल किया.

कोविड घोटाले के पैसों का धमाके में इस्‍तेमाल
अपनी ताजा चार्जशीट में, NIA ने शेख हिदायतुल्लाह और हमले के आमिर, उमर फारुक के खिलाफ टेरर फाइनेंसिंग के लिए नई चार्जशीट दाखिल की हैं. दोनों पर पहले भी मामले में अन्य अपराधों के लिए चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है. दोनों आरोपियों ने 2021-2022 में एक फर्जी कोविड वैक्सीन प्रमाणपत्र घोटाला किया था, जिसमें घोटाले से अर्जित धन का इस्तेमाल कार बम हमले के लिए विस्फोटक और अन्य संसाधनों की खरीद के लिए किया गया था. इस घोटाले को आरोपी पावस रहमान और शरण ने अंजाम दिया था, जबकि अबू हनीफा ने फर्जी प्रमाण पत्र बनाने के लिए धन मुहैया कराया था.

आत्‍मघाती हमला किया
जेमेशा मुबीन ने एक संशोधित मारुति कार में वाहन-जनित इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (वीबीआईईडी) का उपयोग करके आत्मघाती बम विस्फोट को अंजाम दिया था. इस घटना में उसकी मौत हो गई थी और इस तरह उसके खिलाफ आरोप हटा दिए गए थे. एनआईए जांच के अनुसार, मुबीन ने आईएसआईएस के स्वयंभू खलीफा, अबू-अल-हसन अल-हाशिमी अल-कुरैशी के प्रति निष्ठा की शपथ ली थी और अपनी चरमपंथी विचारधारा के तहत गैर-विश्वासियों को निशाना बनाने का लक्ष्य रखा था.

हाई-सिक्योरिटी जेल में बैठक
एनआईए जांच में आगे पता चला कि हमले से पहले, आरोपियों ने साजिश की योजना बनाने के लिए वियूर हाई-सिक्योरिटी जेल और सत्यमंगलम रिजर्व फॉरेस्ट में बैठकें की थीं.  उनका उद्देश्य अपने नेता मोहम्मद अजहरुद्दीन की कैद का बदला लेना था, जिन्हें 2019 में हिंसक सलाफी-जिहादी विचारधारा को बढ़ावा देने के आरोप में एनआईए ने कोयंबटूर से गिरफ्तार किया था.

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