Waqf: वो 3 प्वाइंट जिस पर आने वाला था अंतरिम आदेश, CJI ने खुद दिए थे संकेत

नए वक्फ बोर्ड कानून पर बुधवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कई बड़ी बातें कहीं, जिनसे संकेत मिलता है कि सर्वोच्च अदालत कानून के कुछ प्रावधानों से सहमत नहीं दिखती. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस (CJI) ने 3 प्वाइंट्स बताए, जिसे लेकर वे अंतरिम आदेश जारी करने वाले थे. लेकिन ऐन मौके पर सरकार की ओर से पैरवी कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने वक्त मांग लिया और कहा कि जब तक आप हमें सुन नहीं लेते, तब तक कोई आदेश जारी न करें तो अच्छा होगा. अदालत ने भी उनकी बात मान ली और अंतरिम आदेश तक के लिए टाल दिया. माना जा रहा है कि गुरुवार को अदालत इस पर कोई अंतरिम आदेश दे सकती है.
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक- कोर्ट ने कहा, जब कोई कानून पास होता है, तो आमतौर पर हम पहली सुनवाई में कोई आदेश नहीं देते लेकिन इस मामले में अगर ‘वक्फ बाय यूजर’ को डिनोटिफाई कर दिया गया, तो इसके गंभीर प्रभाव होंगे. इससे माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट वक्फ कानून की कुछ प्रमुख धाराओं पर रोक लगा सकती है.
हम आपको उन तीन प्रमुख प्वाइंट्स के बारे में बताने जा रहे हैं.
1. नए कानून में सरकार को यह हक दिया गया है कि वो वक्फ घोषित हो चुकी संपत्तियों को डिनोटिफाई यानी वक्फ से मुक्त कर सकें. विरोध कर रहे लोगों का तर्क है कि इससे ज्यादातर वक्फ की जमीन छिनने का रास्ता सरकार को मिल जाएगा.
कोर्ट का रुख- अंतरिम आदेश में हो सकता है कि कोर्ट कहे कि जिन संपत्तियों को न्यायालय ने वक्फ घोषित किया है, उन्हें डिनोटिफाई नहीं किया जाएगा– चाहे वह ‘वक्फ बाय यूजर’ हों या नहीं.
2. नया कानून कहता है कि वक्फ को चलाने वाली केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति की जा सकती है. ज्यादातर लोग इसी बात का विरोध कर रहे हैं. उनका तर्क है कि दूसरे धर्म के लोगों को क्यों जगह दी जाएगी.
कोर्ट का रुख- अंतरिम आदेश में हो सकता है कि कोर्ट कहे कि वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद में केवल पदेन सदस्य गैर-मुस्लिम हो सकते हैं, बाकी सभी सदस्यों को मुस्लिम होना आवश्यक होगा.
3. नए कानून में जिले के कलेक्टर को वक्फ प्रॉपर्टी पर फैसला लेने का हक दिया गया है. बाद में उसे चैलेंज किया जा सकता है, लेकिन विरोध करने वालों का तर्क है कि इससे कलेक्टर जब चाहे वक्फ की जमीन छीन सकता है.
कोर्ट का रुख-कलेक्टर जांच की कार्यवाही जारी रख सकते हैं, लेकिन कानून की यह धारा (जिसे नए कानून में लागू किया गया है) फिलहाल प्रभावी नहीं होगी. सुप्रीम कोर्ट इस धारा पर रोक लगा सकता है.
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